योगी सरकार से नाराज संतो ने उठाया ये बडा कदम…
उत्तर प्रदेश की सरकार को संभालना योगी के लिए मानो सता का ताज की जगह वास्तव में कांटों का ताज बनता जा रहा है । 29 साल से योगी का किला कहे जाने वाले गोरखपुर उपचुनाव में मिली हार से जहां अभी योगी उबरे भी नही थे। अब संत समाज ने भी यूपी सरकार के खिलाफ नाराजगी जताते हुए । 2019 कुम्भ के शाही स्नान का बहिष्कार करने का फैसला लिया है।
दरअसल सरकार के रवैये से नाराज अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने शुक्रवार को अपनी बैठक के दौरान बड़ा ऐलान किया है. 13 अखाड़ों की हुई बैठक में साधू-संतों ने कुम्भ 2019 के शाही स्नान का बहिष्कार करने का फैसला लिया है. बताया जा रहा है कि अखाड़ों ने सभी शाही स्नान के बहिष्कार का फैसला लिया है. अखाड़ा परिषद राज्य सरकार के रवैये से खफा बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक अखाड़ा परिषद स्थायी निर्माण न शुरु किए जाने से नाराज है. सभी 13 अखाड़े सरकार द्वारा उनकी मांगे न माने जाने की वजह से खफा हैं. यह अहम बैठक पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन में हुई.
नहीं लेगें सरकारी सुविधा न करेंगे मार्ग दर्शन
अखाड़ा परिषद की महत्वपूर्ण बैठक में यह फैसला लिया गया कि सभी 13 अखाड़े कुम्भ मेले में कोई सरकारी सुविधा नही लेंगे. इसके अलावा बैठक में यह फैसला भी लिया गया कि कुम्भ मेले की सलाहकार समिति और मार्ग दर्शक मण्डल में भी साधु-संत नहीं रहेंगे. बैठक में कुम्भ को लेकर प्रस्ताव पास किए गए हैं.
दो और बाबा फर्जी घोषित
बैठक के बाद फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने दो और बाबाओं को फर्जी बताया. जानकारी के मुताबिक चक्रपाणि महाराज और आचार्य प्रमोद कृष्णन को फर्जी बाबा घोषित किया गया है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि दोनों बाबा किसी संन्यासी परंपरा से नहीं आते हैं. पहले यह चर्चा थी कि बैठक के बाद जारी होने वाली तीसरी लिस्ट में चार फर्जी बाबाओं के नाम हो सकते हैं.
आचार्य प्रमोद ने अखाड़ा परिषद को बताया बलात्कारियों का अखाड़ा
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा चक्रपाणि और प्रमोद कृष्णम को फर्जी बाबा घोषित किए जाने के बाद दोनों ने अखाड़ा परिषद पर पलटवार किया है. जहां एक ओर प्रमोद कृष्णम ने अखाड़ा परिषद को बलात्कारियों का अखाड़ा बताया. तो वहीं चक्रपाणि ने कहा कि अखिल अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष को संत समाज से तत्काल प्रभाव से निष्काषित कर दिया गया है.