अपराधियों की भी जाति धर्म देखकर कार्यवाही कर रहीं हैं योगी सरकार:-रजनीकान्त दुबे

अपराधियों की भी जाति धर्म देखकर कार्यवाही कार्यवाही कर रहीं हैं योगी सरकार:-रजनीकान्त दुबे
रजनीकान्त दुबे समाज सेवक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रेस वार्ता में कहाँ कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपराधियों पर भी जाति धर्म देखकर कर रहीं हैं कार्यवाही उत्तर प्रदेश में योगी सरकार जब से बनी हैं तब से लगभग 600 से भी अधिक ब्राह्मण समाज के निर्दोष लोगों की हत्या हो चुकी और हत्याओं का सिलसिला बरकरार जारी है कई ब्राह्मणों का  पूरा का पूरा परिवार ही समाप्त कर दिया जिसमें अपराधियों पर कोई कठोर कार्यवाही पुलिस और सरकार द्वारा नहीं की गयी मामला न्यायपालिका के ऊपर छोड़ दिया गया और यदि फर्जी पुलिस के एनकाउन्टर की बात करें तो कानपुर के विकास दुबे प्रकरण में सरकार ने पुलिस से प्रतिशोध वश फर्जी एनकाउन्टर कराया यह पूरी दुनिया जानती है इस प्रकरण में पुलिस ने नाबालिग 16 के बच्चे प्रभात मिश्रा तक का फर्जी रूप से गैगेस्टर बताकर एनकाउन्टर किया वही इसी मामले में बहुत से विकास दुबे के निर्दोष परिजन का भी  एनकाउन्टर फर्जी रूप से किया वही इसी  घटना में घटना के बाद अमर दुबे का भी पुलिस ने फर्जी रूप से एनकाउन्टर किया और उनकी पत्नी खुशी दुबे को भी फर्जी रूप से जेल भेजा दिया जब कि खुशी दुबे की शादी ही घटना के चार दिन पहले हुयी थी यहाँ तक की घटना के  आरोपी विकास दुबे की सम्पत्ति को भी गैरकानूनी तरीके से तोड़ा और आज भी  विकास दुबे के परिजन को मामले में परेशान किया जा रहा हैं तथा फर्जी रूप से मामले में आरोपी बनाकर जेल भेजा जा रहा सरकार।
और उत्तर प्रदेश पुलिस ने यह साबित कर दिया कि न्यायपालिका से बड़ सरकार और पुलिस हैं? खैर मामले की अब जांच की कार्यवाही सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायधीश और पूर्व पुलिस महानिदेशक के द्वारा कराई जा रहीं हैं।
देखते है क्या परिणाम होता हैं इसके अलावा उत्तर प्रदेश में बहुत से ब्राह्मणों को एस.सी.एस.टी.अधिनियम के फर्जी मुकदमों में फंसाया लगातार फंसया जा रहा हैं और आगे भी यह चलता रहेगा।
इसके अलावा 438 यादव समाज के लोगों को भी फर्जी रूप से या तो एनकाउन्टर में या अन्य अपराधियों द्वारा हत्या कर दी गयी।
इसी तरह कर्मी समाज के 91 लोगों हत्या या तो एनकाउन्टर में हुयी या अपराधियों द्वारा कर दी  गयी।
इसके अलावा 68 कोईरी समाज के लोगों की भी हत्या कर दी गयी या एनकाउन्टर करा दिया गया।
इसके अलावा अनुसूचित जाति के 28 लोगों की हत्या कर दी गयी या एनकाउन्टर करा दिया तथा तरह तरह के उनके ऊपर अत्याचार बराबर हो रहें हैं।
इसके अलावा मुस्लिम समाज के लोगों 46 लोगों की हत्या कर दी गयी या एनकाउन्टर करा दिया गया अभी हाल में ही लखनऊ विधान सभा के सामने अमेठी की माॅ और बेटी ने न्याय न मिल पाने और और बाहुबलियो की प्रताड़ना से तंग आकर पुलिस के सामने ही आत्मदाह किया जिसमें पीड़िता का निधन हो गया।
इसके अलावा बनिया समाज के 31 लोगों की हत्या कर दी गयी या एनकाउन्टर करा दिया गया  साथ उनको भी प्रताड़ित किया जा रहा हैं।
इसी प्रकार क्षत्रिय समाज के 3 लोगों की हत्या कर दी गयी या एनकाउन्टर करा दिया गया।
क्या योगी सरकार ने सभी अपराधियों पर क्या विकास दुबे की ही तरह कानून को हाथ में ले कार्यवाही की नहीं तो क्यों ?
अब आप ही सोचें?कि योगी सरकार क्या प्रतिशोध के आधार पर समाज के लोगों की हत्या नहीं करा रहीं हैं?एक तरफ सरकार कहती हैं कि सारे अपराधी जेल में हैं तो आखिर यह हत्या कौन कर रहा हैं?अभी हाल में राजधानी लखनऊ के आलमबाग क्षेत्र में एक हरदोई के पूर्व जिला पंचायत सदस्य सुरेन्द्र कालिया पर गोली चलीं उसमें एक पूर्वांचल के पूर्व सांसद क्षत्रिय सांसद का नाम आया उनके खिलाफ आखिर कार्यवाही क्यों नहीं हुयी?ऐसा कौन सा उत्तर प्रदेश का जनपद हैं जहां अपराधी नहीं है?
रायबरेली,प्रतापगढ़,कुंडा,प्रयागराज,आजमगढ़ मऊ,गोरखपुर,बलिया,देवरिया,जौनपुर,सुल्तानपुर,बहराइच,बस्ती,गोण्डा,बाराबंकी,हरदोई,
लखीमपुर,गाजीपुर,रामपुर,लखनऊ,आदि लगभग हर जिले में एक बड़ा अपराधी हैं?
किन्तु वह सरकार को नहीं दिखाई देते हैं? क्योंकि वह क्षत्रिय समाज से हैं और सरकार
के करीबी हैं इसलिए?
यहाँ तक की 44%प्रतिशत मौजूदा सरकार में अपराधी हैं जिनके मुकदमे सरकार शायद वापस ले चुकी होगी।यह मुकदमे अपराधियों के वापस लेने की निति ही अपराध को बढ़ावा दे रहीं हैं।ऐसा कोई इस सरकार में नया नहीं हो रहा हैं सपा सरकार में तो आंतकवादियों तक के मुकदमे वापस लेने की संस्तुति सरकार ने की और बहुत से अपराधियों के मुकदमें वापस लिए यही हाल बसपा में भी रहा लेकिन इस सरकार ने तो सारी सीमा ही तोड़ दिया ये तो “अपनों पे रहम””गोरों पर सितम”की परम्परा पर चल रहे हैं बदले की भावना से अपराध नहीं रुकता यदि अपराध को सही मायने में सरकार खत्म करना चाहतीं हैं तो अब तक सारे राजनेताओं के वापस लिए गयें मुकदमें पुनः चालू करायें सरकार को न्यायालय पालिका और देश संविधान पर सरकार को भरोसा होना चाहिए जो कि सरकार को नहीं हैं सरकार और पुलिस को खुद ही न्यायधीश नहीं बनना चाहिए।कुर्सी का क्या आतीं जातीं रहतीं आज आप है तो कल कोई नया बिकल्प जनता ने चुन के भेज सकतीं हैं तब क्या होगा यह सरकार को सोचना हैं….लेकिन अब तक उत्तर प्रदेश में रहीं  सरकारे और मौजूदा सरकार यह जानतीं हैं कि कोई नया बिकल्प नहीं आयेगा जो पुरानी पार्टी  हैं उसी में जनता चुनेगी……!
राघवेन्द्र सिंह आल राईट न्यूज़ लखनऊ

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