योग भी जीवित रहने के गैर भौतिकवादी मार्ग का करता है समर्थन
बरेली । प्रेम सुरेश फ़ाउंडेशन द्वारा आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर, एक ऑनलाइन योग कार्यक्रम में एस एस वी इंटर कॉलेज व एस एस वी पब्लिक स्कूल के छात्रों, अभिभावकों व शिक्षकगणों इत्यादि ने भाग लिया ।
सुरेश शर्मा नगर में फ़ाउंडेशन के संस्थापक साकेत सुधांशु शर्मा ने बताया कि हम में से कई लोग रोज़ाना योग करते हैं लेकिन वास्तव में हम में से कितनो को यह पता है कि यह कला किस प्रकार की है और इसे क्यों किया जाता है ? । यह मूल रूप से हमारे शरीर में संतुलन प्राप्त करने की एक विधि है अर्थात् शरीर मे लचीलापन बढ़ाना और आध्यात्मिकता प्राप्त करना आदि होता है ।
सह संस्थापक अंजलि शर्मा ने कहा कि योग भी जीवित रहने के गैर भौतिकवादी मार्ग का समर्थन करता है। योग को “आसन” नामक संस्कृत शब्द के उपयोग के माध्यम से अधिक सटीक रूप से वर्णित किया गया है जिसका अर्थ है विभिन्न प्रकार के शारीरिक आसन या आसन का अभ्यास करना ।
योग शिक्षक महेश चंद्र में कहा कि योग का निश्चित लक्ष्य स्वयं से ऊपर उठने वाले व्यक्ति की सहायता करना और उत्कृष्ट अनुभव हासिल करना है। यहां तक कि भगवद् गीता में भी लिखा है, “एक व्यक्ति तब योग को प्राप्त कर लेता है जब वह स्वयं के मन के साथ और दिमाग को पूरी तरह अनुशासित इच्छाओं से स्वतंत्र कर लेता है, खत्म कर लेता है।”
आज के इस योग कार्यक्रम में ज़ूम मीटिंग के माध्यम से 471 छात्रों इत्यादि ने भी भाग लिया ।
कार्यक्रम में पंकज कुमार , सर्वेश गंगवार, मोहन स्वरूप, वैशाली, पल्लवी, नीता आदि मौजूद रहे।
बरेली से निर्भय सक्सेना की रिपोर्ट !