सरकार ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र क्यों बढ़ाया

नई दिल्ली (हर्ष सहानी) : केन्द्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल का अधिकार दायरा पांच राज्यों में अन्तर्राष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर तक कर दिया है. यानि 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को किसी भी संदिग्ध की तलाशी लेने और गिरफ्तार करने का अधिकार होगा. इसके साथ ही उत्तर पूर्व के पांच राज्यों समेत केंद्र शासित जम्मू कश्मीर और लेह लद्दाख के पूरे क्षेत्र में अब बीएसएफ इस अधिकार का प्रयोग कर सकेगी. सरकार के इस नए आदेश से राजनीति का पारा बढ़ गया है और विपक्ष ने इसे सरकार का मनमाना कदम बताया है.

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने 11 अक्टूबर को बीएसएफ की शक्तियों को लेकर एक नया नोटिफिकेशन जारी किया. इस नए आदेश के तहत अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े पश्चिमी इलाके में गुजरात, राजस्थान और पंजाब में 50 किलोमीटर की सीमा तक और पूर्वी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पश्चिम बंगाल और असम में 50 किलोमीटर तक की सीमा में बीएसएफ को अधिकार दिए गए हैं कि वह किसी भी संदिग्ध की तलाशी या गिरफ्तारी कर सकता है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े कुछ राज्यों में ड्रोन के जरिए हथियार और ड्रग्स गिराए जाने की गंभीर स्थिति को देखते हुए भी किलोमीटर का दायरा बढ़ाने का फैसला किया गया है. सूत्रों के मुताबिक बीते महीनों की समीक्षा के दौरान पाया गया कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े इलाकों में इस तरह के अपराध बढ़े हैं लिहाजा अपराध पर अंकुश लगाने की दिशा में उठाया गया यह एक कदम है.

केन्द्रीय गृह मंत्रालय के ताजा आदेश में नए राज्य के तौर पर जम्मू कश्मीर और लेह लद्दाख को शामिल किया गया है. नए आदेश के मुताबिक, उत्तर पूर्व के राज्य मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय के अलावा जम्मू कश्मीर और लेह लद्दाख में पूरे राज्य में बीएसएफ को छापा मारने गिरफ्तार करने आदि की शक्तियां दी गई है. इसके पहले यह सीमाएं अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग थी जिन्हें अब केंद्र सरकार ने सुरक्षा के तौर पर अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े पश्चिमी और पूर्वी सीमा के 5 राज्यों में 50 किलोमीटर कर दिया है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक आला अधिकारी के मुताबिक, इस आदेश से संबंधित राज्यों की पुलिस प्रशासन को कोई परेशानी नहीं होगी, उल्टा उन्हें अपराधियों से निपटने में मदद ही मिलेगी क्योंकि बीएसएफ किसी भी शख्स को यदि गिरफ्तार करता है तो वह उसे संबंधित राज्य की स्थानीय पुलिस को ही सौपेंगा और स्थानीय पुलिस उस के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट के सामने पेश करेंगी.

बीएसएफ को दिए गए इस अधिकार के लिए यह अधिकार कोई नए नहीं है इसके पहले भी बीएसएफ अपनी इन शक्तियों का प्रयोग करता रहा है. केवल किलोमीटर के दायरे बढ़ाए-घटाए जाते रहे हैं. मसलन पंजाब, पश्चिम बंगाल में किलोमीटर का यह दायरा 15 किलोमीटर था जबकि गुजरात मे 80 किलोमीटर था. अब नए आदेश के तहत 5 राज्यों में यह दायरा 50 किलोमीटर कर दिया गया है.

गृह मंत्रालय के आला अधिकारी के मुताबिक, इसके पहले भी बीएसएफ को अपनी सीमा के भीतर पासपोर्ट एक्, .एनडीपीएस एक्ट, विदेशी अधिनियम एक्ट के तहत तलाशी और गिरफ्तारी का अधिकार था. नए आदेश में केवल एक नियत सीमा तय की गई है. बीएसएफ की बाबत जारी हुए इस आदेश के बाद राजनीति में घमासान मच गया है और पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.

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