जब एसएसबी के जवानों की पैट्रोलिंग के दौरान सामने डट गया बाघ

जवानों ने बाघ को सामने देखकर सर्च लाइट के उजाले में मोबाइल कैमरे से उसका वीडियो व फोटो बनाया। रात्रिगश्त के दौरान अक्सर जवानों के सामने हिंसक वन्य जीव आते रहते हैं जिससे कभी कोई बड़ी वारदात भी हो सकती है।
क्षेत्रवासियों ने शासन से अपील की है कि वे एसएसबी के जवानों को जंगली जानवरों से बचाव की टिप्स दिलाने की व्यवस्था करें, जिससे वह हिंसक जानवरों से अपना बचाव कर सकें।कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग के कतर्निया रेंज में शुक्रवार की रात सुजौली  थाना क्षेत्र में इंडो- नेपाल बार्डर गश्त करते हुए एसएसबी की 70 वीं बटालियन के कमांडेंट मोबी लौरेम बम के निर्देशन में इंस्पेक्टर शिव प्रताप यादव जवानों के साथ जंगल में अवैध कृत्य रोकने के लिए रात्रि गश्त कर रहे थे। शनिवार को तड़के लगभग चार बजे जब वे सीमावर्ती पिलर संख्या 79 पर पहुंचे तो वहां उनका सामना वनराज से हो गया। अचानक सामने आए बाघ को देखकर जवान कुछ छड़ों के लिए तो ठिठक गए,  किन्तु विचलित नहीं हुए। इसी बीच जवानों ने सर्च ंलाइट जलाकर उसके उजाले में अपने मोबाइल से बाघ की तस्वीर उतारी और वीडियो बना लिया। जवानों का कहना है कि बाघ लगभग आधे घंटे तक वहीं बैठा रहा फिर जंगल में चला गया।
क्षेत्रीय ग्रामीणों का कहना है कि एसएसबी के जवान सीमा सुरक्षा के लिए जान जोखिम में डाल कर रात्रि गश्त करते हैं। आए दिन हिंसक जानवरों से उनका सामना होता रहता है। सरकार को हिंसक जीवों से जवानों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाना चाहिए। तथा वन विभाग को समय-समय पर हिंसक जीव से सुरक्षा के लिए कार्यशाला आयोजित कर जवानों को प्रशिक्षण देना चाहिए ।
लखनऊ से राघवेंद्र सिंह की रिपोर्ट !

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