वसीम रिज़वी ने खोया दिमागी संतुलन। सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए दे रहा बयान: फरमान मियां
प्रेस विज्ञप्ति
दरगाह आला हज़रत/ताजुशशरिया
बरेली ।
01/06/2021
दरगाह आला हज़रत का संगठन जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान हसन खान (फरमान मियां) ने वसीम रिज़वी द्वारा क़ुरान-ए-अज़ीम की 26 आयतें बदलने और मदरसों में प्रतिबंधित करने की मांग पर कड़ी नाराज़गी का इज़हार करते हुए कहा कि वसीम रिवज़ी की हरकतें सस्ती लोकप्रियता हासिल करना है। ऐसे लोग सुर्ख़ियो में बना रहने के कारण इस तरह की बयानबाजी करते है। वसीम रिज़वी के साथ न उसके मज़हबी रहनुमा है और न समाज के लोग। इसके भाई-बहन, पत्नी-बच्चों ने भी बहिष्कार कर रखा है। ऐसे लोग समाज में आपसी इख़्तिलाफ़ पैदा कर मुल्क में फसाद कराना चाहते है।
इस वक़्त हमारा देश कोरोना से लड़ रहा है और वह देश का मोहोल खराब कर रहा है। वसीम रिज़वी मज़हब-ए-इस्लाम के साथ देश का भी दुश्मन है। हुक़ूमत इसे तुरंत गिरफ्तार कर जेल में डाले। क़ुरान-ए-पाक अल्लाह ने हमारे नबी पर नाज़िल किया। जिसका हर-हर लफ़्ज़ हक़ है। इसमें 26 आयतों को हटाने की दूर की बात एक नुक़्ता बदलने की भी जर्राह बराबर गुंजाइश नही। बदलाव करना तो दूर सोचना भी कुफ़्र है। ये किताब लोगो को बेहतर ज़िन्दगी गुजारने का तरीका और अल्लाह का कानून बताती है। मौजूदा क़ुरान का हर हर्फ़ (अक्षर) और हर आयात हक़ है जो अल्लाह की तरफ से नाज़िल की गयी। क़ुरान की तौहीन कोई भी गैरतमंद मुसलमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही कर सकता। जमात रज़ा के प्रवक्ता समरान खान ने राष्ट्रीय महासचिव के बयान की जानकारी देते हुए बताया कि वसीम रज़वी गुमराह और जाहिल है। कुरान की हिफाज़त का ज़िम्मा खुद अल्लाह ने लिया है। उन्होंने हुक़ूमत-ए-हिन्द से मांग करते हुए कहा कि ऐसे लोगो के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही कर जेल भेजा जाए। ताकि मुल्क में अमन-चैन कायम रहें। वरना जमात रज़ा बहुत जल्द सडकों पर उतरकर सख्त विरोध-प्रदर्शन करेंगी। और एक/दो दिन में वकीलों बात कर जमात रज़ा भी वसीम के खिलाफ़ कानूनी करवाई करेंगी ।।
बरेली से मोहम्मद शीराज़ ख़ान की रिपोर्ट !