कोविड-19 के परीक्षण के लिए एनबीआरआई में वायरोलॉजी प्रयोगशाला
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को नियंत्रित करने का एक प्रभावी तरीका इसके परीक्षण को बढ़ाकर कोविड-19 के शिकार लोगों की पहचान करना है।
इस दिशा में एक नई पहल के अंतर्गत कार्य करते हुए वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अऩुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की लखनऊ स्थित प्रयोगशाला राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) में कोविड-19 के परीक्षण के लिए अत्याधुनिक वायरोलॉजी प्रयोगशाला की शुरुआत की गई है।
इस वायरोलॉजी प्रयोगशाला का उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव आर.के. तिवारी और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर एम.एल.बी. भट्ट ने किया है। एनबीआरआई के निदेशक प्रोफेसर एस.के. बारिक ने बताया कि यह परीक्षण सुविधा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार स्थापित की गई है।
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए किए जा रहे प्रयासों के तहत कोविड-19 के परीक्षण के लिए लखनऊ में शुरू की गई यह सीएसआईआर से संबंधित तीसरी प्रयोगशाला है। इससे पहले सीएसआईआर-सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीडीआरआई) एवं सीएसआईआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी (आईआईटीआर) में भी कोविड-19 के परीक्षण केंद्र बनाए गए हैं।
एनबीआरआई को कोविड-19 के नमूने लखनऊ की ही किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदान किए जाएंगे। प्रोफेसर बारीक ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी को ध्यान में रखते हुए एनबीआरआई ने पादप विज्ञान के क्षेत्र में एक प्रमुख शोध संस्थान होने के नाते उच्च अधिकारियों के निर्देशन में परीक्षण सुविधा विकसित करने की पहल की है।
एनबीआरआई में स्थापित परीक्षण सुविधा के समन्वयक डॉ. एस.वी. सावंत ने कहा कि शुरू में 100 नमूनों के साथ यह परीक्षण सुविधा आरंभ होगी, जिसे बाद में आवश्यकता के अनुसार बढ़ाया जा सकता है। एनबीआरआई मुख्य रूप पादप आधारित शोध के लिए जाना जाता है। इसीलिए, संस्थान की टीम को इस परीक्षण सुविधा के संचालन के लिए विशेषज्ञों द्वारा किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी और सीएसआईआर-आईआईटीआर में प्रशिक्षण दिया गया है। इस परियोजना में एनबीआरआई के साथ-साथ सीएसआईआर-सीमैप की टीम भी साथ मे काम करेगी।
मुख्य सचिव आर.के. तिवारी ने संस्थान के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए कहा है कि पादप विज्ञान का अग्रणी संस्थान होने के बावजूद एनबीआरआई ने पहल करते हुए कोरोना परीक्षण केंद्र बनाकर एक मिसाल कायम की है।