केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के इस बयान से हुई हिंसा

लखीमपुर (हर्ष सहानी) : लखीमपुर खीरी में बवाल की आग आठ दिन पहले दिन संपूर्णानगर में किसान गोष्ठी से सुलगनी शुरू हो गई थी। वहां जाने के दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को काले झंडे दिखाए गए थे। इस पर उन्होंने मंच से ही किसानों को धमकाते हुए कहा था.. सुधर जाओ वरना सुधार देंगे। इस बयान के बाद से ही वहां के किसान आक्रोशित थे और रविवार को यह बवाल हो गया।

संपूर्णानगर में 25 सितंबर को किसान गोष्ठी आयोजित की गई थी। संपूर्णानगर क्षेत्र में प्रथम आगमन होने पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को किसानों ने गदनियां चौराहे और महंगापुर गुरुद्वारा के पास काले झंडे दिखाए। उनके पोस्टर-बैनर भी फाड़ दिए। पुलिस ने किसानों को रोकने की कोशिश की तो नोकझोंक भी हुई। मगर इस विवाद को पुलिस ने बहुत गंभीरता से नहीं लिया और विरोध की आग भीतर ही भीतर सुलगती रही। रविवार को जब वहां मंत्री के बेटे की कार से कुचलकर किसान की मौत हुई तो यह यह मामला गरमा गया और विवाद ने कुछ ही देर में बवाल का रूप ले लिया।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बयान का वीडियो 25 सितंबर से ही सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। चर्चा है कि उनके इस बयान के बाद ही किसानों में उनको लेकर गुस्सा था, जो लगातार बढ़ता ही जा रहा था। रविवार को हुए बवाल के बाद यह वीडियो एक बार फिर चर्चा में आ गया और तेजी से वायरल होने लगा। लोगों का कहना है कि मंत्री का यह बयान ही पूरे बवाल की जड़ बन गया।

मुकदमा दर्ज होने के बाद और बिगड़ा मामला

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को गदनिया और महंगापुर में किसानों ने काले झंडे दिखाए थे। इस घटना के अगले ही दिन 26 सितंबर को महंगापुर में एक मुकदमा अमनीत सिंह और उसके दो साथियों के खिलाफ दर्ज कराया गया। दूसरा मुकदमा गदनियां में महेंद्र सिंह समेत 40-50 अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कराया गया था। आरोप था कि अमनीत ने काले झंडे दिखाने का वीडियो बनाकर वायरल किया था। किसी ने कोविड 19 के नियमों का पालन भी नहीं किया था।

किसान समूह और भाजपाई भी आए सामने

27 सितंबर को किसानों पर रिपोर्ट दर्ज होने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया। अगले ही दिन किसान समूहों ने मंत्री पर उनके लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाकर निघासन में विरोध प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि मंत्री के दबाव में पुलिस ने उनके घरों में दबिश देकर महिलाओं से अभद्रता की। वहीं, भाजपा कार्यकर्ताओं ने केंद्रीय मंत्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने वालों पर मुकदमा दर्ज न कराने का आरोप लगाकर थाने का घेराव कर लिया। उन्होंने सीओ कार्यालय का भी घेराव कर हंगामा किया।

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