घूसखोर महिला BDO को विजिलेंस की टीम ने 1.15 लाख रुपये घूस लेते दबोचा
पटना : घूसखोर अफसर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना का बंटाधार करने पर तुले हैं। सात निश्चय में नल-जल योजना भी एक है। इस योजना के तहत घर घर को सप्लाई वाटर से जोड़ना है। वहीं आज बिहार के कैमूर में निगरानी की टीम ने महिला अधिकारी को घूस लेते गिरफ्तार किया है .
कैमूर जिले के रामपुर प्रखंड की बीडीओ वर्षा तर्वे को गुरुवार की सुबह साढ़े आठ बजे निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने एक लाख 15 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। यह घटना रामपुर प्रखंड से पूरे जिले में कुछ ही समय में जंगल में लगी आग की तरह फैल गई। जिसके बाद सभी विभागों के पदाधिकारियों में हड़कंप मच गया। बीडीओ को एक लाख 15 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार करने के बाद टीम ने उनके सरकारी आवास की तलाशी ली। जिसमें इसके अतिरिक्त एक लाख 70 हजार रुपये मिले। टीम ने दोनों रुपयों को जब्त करते हुए बीडीओ को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई।
सूत्रों के अनुसार डीएसपी महाराजा कनिष्क कुमार के नेतृत्व में आई टीम ने बीडीओ को साथ लेकर रोहतास जिले के शिवसागर स्थित एक होटल में पूछताछ की। मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड के कुड़ारी पंचायत के मुखिया सत्येंद्र कुमार सिंह की पंचायत में मुख्यमंत्री के हर घर नल का जल योजना में 23 लाख रुपये का प्राक्कलन कनीय अभियंता ने बनाया था। प्रशासनिक स्वीकृति के लिए बीडीओ व पंचायत सचिव सत्येंद्र सिंह ने पांच-पांच प्रतिशत कमीशन की मांग की थी। इस प्रकार एक लाख 15 हजार रुपये पर मामला तय हुआ था। मुखिया ने इसकी लिखित शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना से की थी।
निगरानी की एक टीम ने रामपुर आ कर मामले की तहकीकात की। जिसमें शिकायत सही पाई गई। इसके बाद गुरुवार की सुबह साढ़े आठ बजे निगरानी के डीएसपी महाराजा कनिष्क कुमार के नेतृत्व में पहुंची 11 सदस्यीय टीम ने पहुंच कर उपरोक्त कार्रवाई की। टीम में डीएसपी अक्षय कुमार मिश्र, इंस्पेक्टर मिथिलेश कुमार जायसवाल, सर्वेश सिंह व संजीव कुमार के अतिरिक्त महिला व पुरुष निगरानी के कर्मी शामिल थे।
बीडीओ के विरुद्ध हमेशा मिलती थी शिकायतें
आपको बताते चले कि बीते वर्ष 2017 के जुलाई महीने में रामपुर प्रखंड में बीडीओ बनने के बाद वर्षा तर्वे के विरुद्ध हमेशा शिकायतें मिल रही थी। सरकार के स्तर से चलाई जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन से लेकर जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय के मामले में भी बीडीओ के खिलाफ शिकायतें मिल रही थी। शौचालय निर्माण से लेकर प्रोत्साहन राशि भेजे जाने में बीडीओ के विरुद्ध कई बार ग्रामीणों द्वारा भी शिकायत की गई। पिछले कुछ दिन पहले रामपुर प्रखंड में एसडीएम भी जांच करने गई थी। जिसमें भारी अनियमितता पाई गई थी।
जनप्रतिनिधियों के साथ होने वाली बैठकों में भी योजनाओं को लेकर अक्सर बीडीओ के साथ बकझक होने का मामला प्रकाश में आता था। लेकिन मुखिया की शिकायत पर आई निगरानी की टीम ने जो कार्रवाई की उससे यह साफ जाहिर है कि रामपुर प्रखंड में योजनाओं के क्रियान्वयन में भारी अनियमितता बरती जा रही थी। यहां बता दें कि 12 जुलाई 2017 को वर्षा तर्वे बीडीओ के पद पर रामपुर प्रखंड में आई। एक साल 22 दिन के बाद बीडीओ को रिश्वत लेते निगरानी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। इस एक साल के अंदर रामपुर प्रखंड हमेशा योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही व शिथिलता से जिले में सबसे निचले पायदान पर रहा है। इसको ले कई बार डीएम द्वारा बीडीओ को डांट फटकार भी लगाई गई।
राजेश कुमार के साथ सोनू मिश्रा की रिपोर्ट ,पटना (बिहार)