स्वस्थ जीवन मैं बहु उपयोगी ” योग “
बरेली (अशोक गुप्ता )- अंग्रेजी की एक बहुत प्रसिद्ध कहावत है हेल्थ इज वेल्थ अर्थात स्वास्थ्य ही धन है। यदि एक व्यक्ति पूर्ण रूप से स्वस्थ है तो उससे अधिक धनवान कोई भी नहीं। हिंदी की भी एक पुरानी कहावत है एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ मस्तिष्क का वास होता है। अर्थात यदि हमारा शरीर स्वस्थ है तो हमारा मस्तिष्क भी स्वस्थ और भली-भांति सोचने समझने में सक्षम होगा। आजकल के भागम भाग और व्यस्ततम जीवन शैली में हमें अपने आप को पूर्णतया स्वस्थ रखना ही होगा तभी हम अपने किसी भी कार्य को भली-भांति सफलतापूर्वक पूर्ण कर सकते हैं। साथ ही विभिन्न प्रकार की व्याधियों से बचने से हमारा आर्थिक पक्ष भी सुदृढ़ होगा।
अपने शरीर और मस्तिष्क को पूर्णतया स्वस्थ रखने का सरलतम और सफलतम उपाय है अपने जीवन में योग का प्रयोग। प्राचीन काल से ही योग के महत्व और हमारे जीवन में इसकी उपयोगिता के बारे में बताया जाता रहा है और यह प्रयोग में आता रहा है। इसके महत्व को समझते हुए हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी इसके व्यापक प्रसार प्रचार मैं प्रयासरत रहते हैं और उन्होंने पूरे विश्व के देशों को इसका कायल बना दिया है और यहां तक की पूरा विश्व योग दिवस भी मनाने लगा है।
योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के युज शब्द से हुई है जिसका अर्थ है जुड़ना। योग के प्रयोग से शरीर मस्तिष्क और आत्मा का एक साथ मिलन होता है। योग एक विज्ञान और जीवन जीने की कला तो है ही एक संपूर्ण चिकित्सा पद्धति भी है।
विभिन्न योगासनों के उपयोग से अनेकों लाभ हैं। योगासनों से शरीर में लचीलापन तो आता ही है हमारी मांसपेशियां भी मजबूत बनती है। तथा शरीर में चुस्ती फुर्ती बढ़ती है। विभिन्न योगासनों के उपयोग से कब्ज, मधुमेह और हृदय रोग से बचाव होता है और हमारी त्वचा में कांति और चेहरे पर सुंदरता में निखार आता है। यह शरीर के रक्त संचार को भी बढ़ाता है और श्वसन तंत्र को सुदृढ़ करके मानसिक तनाव को दूर करने और अच्छी नींद लाने में भी सहायक है। यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है तथा साथ ही साथ हड्डियों और जोड़ों के दर्द इत्यादि को दूर करने में भी बहुत उपयोगी है।
इस प्रकार संक्षेप में कह सकते हैं की योगासनों के नियमित प्रयोग से हमारी शारीरिक और मानसिक शक्ति तो बढ़ती ही है हम अपने किसी भी कार्य को एकाग्र चित्त और सुद्रढ रूप से करने में पूर्णतया सक्षम होते हैं।
योगासनों को करने का सबसे उपयुक्त और लाभकारी समय है प्रातः काल का। हम खाली पेट शुद्ध और स्वच्छ वातावरण में यदि कुछ समय योग क्रियाओं को करने में प्रदान करते हैं तो बदले में योग हमें जीवन पर्यंत निरोगी और स्वस्थ रखता है। तथा हमारा शरीर और मस्तिष्क बड़े से बड़े कष्ट को पूर्णतया झेलने मैं सक्षम रहता है।
कुमारी प्रीति गंगवार योगाचार्या
आयुष चिकित्सालय बरेली।