उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनावों में भाजपा का जबर्दस्त प्रदर्शन | ALL RIGHTS

उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनावों में भाजपा का जबर्दस्त प्रदर्शन

राज्य में यह बीएसपी की वापसी के संकेत हैं. लेकिन इस बीच सबसे खराब हालत कांग्रेस की रही है वह राहुल गांधी के गढ़ अमेठी में भी जीत के लिए तरस गई है. उत्तर प्रदेश निकाय चुनावके नतीजों की चर्चा पूरे देश में हो रही है. बीजेपी इनको गुजरात के विधानसभा चुनाव में भी भुनाने कोशिश करेगी. इसकी वजह भी क्योंकि यूपी और बिहार से बड़ी तादाद में लोग गुजरात में बसे हुए हैं. यूपी के निकाय चुनाव में जहां बीजेपी ने विधासभा वाली लहर कायम रखते हुए 16 में से 14 मेयर के पद जीते हैं तो वहीं सपा और कांग्रेस की हालत और पतली हो गई है.


yogi adityanathइस चुनाव में महापौर की 16 सीटों में से 14 भाजपा के पक्ष में रहे जबकि अलीगढ़ की सीट बसपा के खाते में गई. महापौर चुनाव में सपा और कांग्रेस का खाता नहीं खुल सका है. बाकी सीटों पर भी भाजपा के प्रत्याशी आगे चल रहे हैं. राजधानी लखनऊ में भाजपा की महापौर प्रत्याशी संयुक्ता भाटिया ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा की मीरा वर्धन को 1, 31, 356 मतों से पराजित किया. लखनऊ को पहली बार महिला महापौर मिली हैं. अयोध्या-फैजाबाद नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी ऋ षिकेश जायसवाल ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा की गुलशन बिंदु को 3601 मतों से पराजित किया. वाराणसी नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी मृदुला ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की शालिनी को 78843 मतों से पराजित किया. सहारनपुर नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी संजीव वालिया ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के फज़ल उर्हमान को दो हज़ार मतों से पराजित किया. मुरादाबाद नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी विनोद अग्रवाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के मोहम्मद रिजवान कुरैशी को 21 हजार 635 मतों से पराजित किया. अलीगढ़ नगर निगम महापौर पद पर बसपा प्रत्याशी मुहम्मद फुरकान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के राजीव कुमार को 10 हजार 11 मतों से पराजित किया. झांसी नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी रामतीर्थ सिंघल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा के बृजेन्द्र कुमार व्यास को 16 हजार 373 मतों से पराजित किया. गोरखपुर नगर निगम महापौर पद पर भाजपा प्रत्याशी सीताराम जायसवाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के राहुल को 75 हजार 972 मतों से पराजित किया. आगरा, इलाहाबाद, कानपुर नगर और गाजियाबाद की सीटें भी भाजपा के खाते में गई हैं. आगरा में भाजपा के नवीन कुमार जैन ने बसपा प्रत्याशी दिगंबर सिंह को 74322 मतों से हराया. इलाहाबाद में भाजपा की अभिलाषा गुप्ता ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के विनोद चंद्र दुबे को 63384 मतों से परास्त किया. कानपुर नगर में भाजपा की प्रमिला पांडेय ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की वंदना मिश्रा को 1,05,134 मतों से हराया जबकि गाजियाबाद में भाजपा की आशा शर्मा ने कांग्रेस की डोली शर्मा को 1,63,675 मतों से पराजित किया. वर्ष 2012 के नगर निकाय चुनाव में भाजपा ने 12 में से 10 महापौर की सीटें जीती थीं.

राज्य में यह बीएसपी की वापसी के संकेत हैं. लेकिन इस बीच सबसे खराब हालत कांग्रेस की रही है वह राहुल गांधी के गढ़ अमेठी में भी जीत के लिए तरस गई है. उत्तर प्रदेश निकाय चुनावके नतीजों की चर्चा पूरे देश में हो रही है. बीजेपी इनको गुजरात के विधानसभा चुनाव में भी भुनाने कोशिश करेगी. इसकी वजह भी क्योंकि यूपी और बिहार से बड़ी तादाद में लोग गुजरात में बसे हुए हैं.

इस बार अयोध्या, फिरोजाबाद, मथुरा तथा सहारनपुर पहली बार नगर निगम के तौर पर चुनाव प्रक्रिया से गुजर रहे हैं. योगी आदित्यनाथ ने राज्य के नगर निकाय चुनाव में भाजपा को मिली जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति को देते हुए इसके लिये पार्टी के तमाम नेताओं और अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों को धन्यवाद दिया. नगर निकाय चुनाव के विभिन्न पदों पर भाजपा की जीत सुनिश्चित होने से खुश योगी ने संवाददाताओं से कहा कि प्रदेश नगर निकाय चुनाव में भाजपा को मिली ऐतिहासिक विजय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के विजऩ और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रणनीतिक कुशलता का परिणाम है.  उन्होंने कहा कि निकाय चुनावों का परिणाम प्रधानमंत्री द्वारा भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने के लिए उठाए गए कदमों पर जनता की मुहर हैं. उन्होंने कहा, मैं विश्वास व्यक्त करता हूं कि हम आशाओं पर खरे उतरेंगे. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा शत प्रतिशत परिणाम पाने के लिए अग्रसर होगी. सीएम ने कहा कि इन चुनाव परिणामों से सरकार में जवाबदेही का बोध बढ़ेगा. ये परिणाम हम सबको अधिक जवाबदेह बनाने और नगर निकायों को सक्षम बनाने के लिहाज़ से महत्वपूर्ण हैं. सीएम ने निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान के लिए प्रदेश के चुनाव आयोग तथा उसके अधिकारियों को भी धन्यवाद दिया. प्रदेश के 16 नगर निगमों, 198 नगर पालिकाओं और 438 नगर पंचायतों के लिये तीन चरणों में गत 22, 26 और 29 नवंबर को कुल करीब 52.5 प्रतिशत मतदान हुआ था. संपूर्ण 652 निकायों की गणना के लिए प्रदेश में 334 मतगणना स्थल स्थापित किए गए हैं जिनमें कुल 11,200 टेबल मतगणना के लिए लगाई गई हैं. मतगणना में कुल 56,000 कार्मिक नियुक्त किए गए. मतगणना की निगरानी के लिए मतगणना स्थल पर सीसीटीवी कैमरे तथा वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई. पहली बार नगर निकाय चुनाव में सभी पार्टियों ने अपने चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी निकाय चुनाव में जीत के लिए प्रदेश की जनता को धन्यवाद दिया है.

राज्य में यह बीएसपी की वापसी के संकेत हैं. लेकिन इस बीच सबसे खराब हालत कांग्रेस की रही है वह राहुल गांधी के गढ़ अमेठी में भी जीत के लिए तरस गई है. उत्तर प्रदेश निकाय चुनावके नतीजों की चर्चा पूरे देश में हो रही है. बीजेपी इनको गुजरात के विधानसभा चुनाव में भी भुनाने कोशिश करेगी. इसकी वजह भी क्योंकि यूपी और बिहार से बड़ी तादाद में लोग गुजरात में बसे हुए हैं. यूपी के निकाय चुनाव में जहां बीजेपी ने विधासभा वाली लहर कायम रखते हुए 16 में से 14 मेयर के पद जीते हैं तो वहीं सपा और कांग्रेस की हालत और पतली हो गई है. बीएसपी ने वापसी करते हुए दो मेयर के पद जीते हैं. माना जा रहा है कि राज्य में यह बीएसपी की वापसी के संकेत हैं. लेकिन इस बीच सबसे खराब हालत कांग्रेस की रही है वह राहुल गांधी के गढ़ अमेठी में भी जीत के लिए तरस गई है. यही हाल सपा का भी रहा है. जसवंत नगर में शिवपाल यादव के समर्थन वाले प्रत्याशी ने सपा को हरा दिया तो उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गढ़ में बीजेपी हार गई.

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