Uttar Pradesh : वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लिए जारी प्रयासों और परिणामों की मुख्यमंत्री ने की समीक्षा,

वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लिए जारी प्रयासों और परिणामों की मुख्यमंत्री ने की समीक्षा, कहा लक्ष्य बड़ा, हर विभाग को निभानी होगी जिम्मेदारी

आम जनता की सुविधा शीर्ष प्राथमिकता, जहां जरूरी, रिफॉर्म के लिए आगे बढ़ें: मुख्यमंत्री

हेल्थ सेक्टर में बड़े सुधार की जरूरत, मरीजों की सुविधा और डॉक्टरों की सहूलियत का ध्यान रखना होगा: मुख्यमंत्री

सुनिश्चित करें कि आयुष्मान भारत/मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत इलाज करने वाले अस्पतालों का भुगतान 01 माह से अधिक विलंब न हो: मुख्यमंत्री

हर जिले में आंगनबाड़ी का हो अपना भवन, प्रस्ताव बनाएं, राज्य सरकार देगी हर जरूरी मदद: मुख्यमंत्री

OTDE की समीक्षा बैठक में बोले मुख्यमंत्री, महाकुम्भ के आर्थिक प्रभाव का वैज्ञानिक अध्ययन करें, इस साल जीडीपी में आएगा बड़ा उछाल

मुख्यमंत्री का निर्देश, स्टार्ट-अप को चिन्हित कर उन्हें यूनिकार्न की श्रेणी में लाने के हों ठोस प्रयास

सेवा, सुशासन और समृद्धि के 08 वर्ष पूरे होने पर सभी जनपदों में होंगे तीन दिनी विशेष आयोजन: मुख्यमंत्री

मिशन कर्मयोगी’ से जुड़ेंगे सभी सरकारी कर्मचारी, मुख्यमंत्री का निर्देश तेजी से शुरू करें कार्यवाही

मुख्यमंत्री योगी का निर्देश, सप्ताहांत में फील्ड विजिट के जाएं शासन के अधिकारी

मुख्यमंत्री का निर्देश, गर्मी शुरू, विंध्य/बुंदेलखंड में न होने पाए पेयजल की कमी

मुख्यमंत्री का निर्देश, ऊर्जा विभाग के शीर्ष अधिकारी फील्ड में उतरे, उपभोक्ताओं से मिलें, समस्याओं का समाधान करायें

वित्तीय वर्ष 2024-25 में आवंटन के सापेक्ष कम व्यय करने वाले विभागों की मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव वित्त द्वारा समीक्षा कर स्थिति को बेहतर करने के प्रयास हों

विभागवार OTDE लक्ष्यों की अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव स्तर पर पाक्षिक और मंत्री स्तर पर मासिक समीक्षा बैठक करें: मुख्यमंत्री

आवास विभाग की संपत्तियां, जिनका विक्रय शेष है, उनके लिए लाएं नई नीति: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री का निर्देश, जीबीसी में शामिल कंपनियों से संवाद बनाकर इकाई क्रियाशील कराएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी (OTDE) बनाये जाने के लक्ष्य के लिए जारी प्रयासों और अब तक के परिणामों की समीक्षा की। विभागवार हुई इस समीक्षा में सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव गण की उपस्थिति रही। विभागीय अधिकारियों ने बारी-बारी से अपने OTDE लक्ष्य के सापेक्ष अपने विभागों में हो रहे प्रयासों और अद्यतन प्रगति के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया और मुख्यमंत्री जी का मार्गदर्शन प्राप्त किया। बैठक में मुख्यमंत्री जी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट आवंटन और उसके सापेक्ष हुए व्यय की स्थिति की भी समीक्षा की, साथ ही, जनहित में जारी विभिन्न परियोजनाओं की मुख्यमंत्री डैशबोर्ड के आधार अद्यतन प्रगति पर भी विभागवार चर्चा की। विशेष बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा दिये गए प्रमुख दिशा-निर्देश:-

● वित्तीय वर्ष 2024-25 अब समाप्ति की ओर है। कुछ विभागों में आवंटन के सापेक्ष व्यय की स्थिति संतोषजनक नहीं है। संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव गण से इसमें तेजी की अपेक्षा है। मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव वित्त द्वारा इन विभागों की समीक्षा की जाए और स्थिति में सुधार के ठोस प्रयास किये जाएं।

● जनहित में जहां भी नीतिगत सुधार आवश्यक होगा, सरकार करने को तैयार है। नीतिगत जड़ता की स्थिति नहीं होनी चाहिए। जिस भी व्यवस्था से आम लोगों को सुविधा हो, नीतियों में बदलाव करें। रिफॉर्म करें। सरलीकरण करें।

● मिशन OTDE (वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी) की सफलता के लिए हर विभाग को अपनी भूमिका का निर्वहन करना होगा। अपने पोटेंशियल को पहचानें, नए आयामों को विस्तार दें। अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव स्तर पर विभागवार तय लक्ष्य की समीक्षा हर पखवारे में की जाए तथा मंत्री स्तर पर मासिक समीक्षा हो। समीक्षा बैठक में लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति, अपनाई गई रणनीति और प्रभावों के हर पहलू पर विचार किया जाए और बेहतरी के लिए कार्ययोजना बनाकर लागू करें।

● स्वास्थ्य सेक्टर से हर व्यक्ति प्रभावित होता है। इसमें व्यापक सुधार की आवश्यकता है। हर व्यक्ति को समय पर और कम खर्च में इलाज सुलभ हो सके, यही प्राथमिकता होनी चाहिए। मरीजों की सुविधा और डॉक्टरों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए नीतिगत सुधारों को आगे बढ़ाया जाए।

● आयुष्मान भारत अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य के अंतर्गत पंजीकृत किसी भी अस्पताल का बकाया न रखा जाए। यह सुनिश्चित करें कि आयुष्मान कार्ड धारक मरीज के इलाज के बाद अधिकतम 01 माह के भीतर नियमानुसार अस्पताल का भुगतान कर दिया जाना चाहिए। नए अस्पतालों को इम्पैनल करें। आवश्यकता अनुसार इम्पैनलमेंट नियमों को सरल बनाएं। व्यवहारिकता का ध्यान रखें।

● सतत प्रयासों से आज प्रदेश में 80 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। इन सभी का सुचारु संचालन हो, आम जन को सुलभ चिकित्सा सुविधा मिल सके, इसके लिए मेडिकल कॉलेजों की नियमित मॉनीटरिंग की जानी चाहिए। डॉक्टर की हर समय उपलब्धता हो, दवाओं की कमी न रहे।

● गर्मी का मौसम प्रारम्भ हो चुका है। विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र में सुचारु जलापूर्ति सुनिश्चित कराई जाए। कहीं भी आम आदमी को पानी की किल्लत नहीं होनी चाहिए।

● महाकुम्भ प्रयागराज के आयोजन ने प्रदेश के हॉस्पिटैलिटी, टूरिज्म और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बड़ा बूस्ट किया है। अर्थव्यवस्था पर इसका गहरा असर पड़ा है। इस वर्ष जीडीपी के अंतिम आंकड़ों को तैयार करते समय महाकुम्भ से जुड़े डेटा को जरूर शामिल किया जाए।

● ऊर्जा विभाग के शीर्ष अधिकारी फील्ड में उतरें सभी डिस्कॉम की नियमित अंतराल पर समीक्षा की जाए। उपभोक्ताओं से संवाद करें। उनकी व्यवहारिक समस्याओं को सुनें और यथोचित निस्तारण कराएं। यह सीधे तौर पर जनता से जुड़ा हुआ विभाग है, इसमें जनता से सीधा संवाद होना चाहिए।

● पुलिस लाइन निर्माण, पुलिस आधुनिकीकरण तथा ढांचागत सुविधाओं से जुड़ी जितनी भी परियोजनाएं स्वीकृत हो चुकी हैं, सभी की मॉनीटरिंग की जाए। टाइमलाइन तय करें और तय समय सीमा के भीतर पूरा करायें।

● पंचनद परियोजना बुंदेलखंड और आस-पास के क्षेत्रों में बड़े बदलाव की वाहक है, इसमें तेजी की अपेक्षा है। औरैया, कानपुर देहात एवं जालौन आदि जिलों में सिंचाई का रकबा बढ़ेगा और बुंदेलखंड में व्याप्त सूखा को मिटाने में मदद मिलेगी। वहीं मत्स्य पालन, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

● पुराने जलाशयों की सफाई और अनुरक्षण की आवश्यकता है। इनकी डीसिल्टिंग कराई जानी चाहिए। जिलों से रिपोर्ट प्राप्त करते हुए इसकी कार्रवाई आगे बढ़ाएं।

● बचपन संवारने में आंगनबाड़ी केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह आवश्यक है कि सभी जिलों में आंगनबाड़ी का अपना भवन हो, राज्य सरकार द्वारा इसके लिए हर तरह का सहयोग दिया जाएगा। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही के लिए प्रस्ताव तैयार करें।

● निर्माणाधीन राज्य विश्वविद्यालयों के निर्माण कार्य की थर्ड पार्टी ऑडिट कराई जाए। गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए।

● सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अन्तर्गत सब्सिडी वितरण में और प्रगति लाए जाने की आवश्यकता है। प्रदेश के स्टार्ट-अप को चिन्हित कर उन्हें यूनिकार्न की श्रेणी में लाए जाने के लिए प्रयास किए जाएं।

● ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में सम्मिलित इकाइयों से निरन्तर अनुश्रवण एवं समन्वय करते हुए उन्हें क्रियाशील किए जाने की आवश्यकता है।

● पर्यटन विभाग के स्तर पर वर्तमान में क्रियाशील होटल एवं अन्य अतिथिगृहों के डेटाबेस को तैयार किए जाने की आवश्यकता है।

● आवास विभाग के अन्तर्गत ऐसी सम्पत्तियां जो विगत कई वर्षों से विक्रय नहीं की जा सकी हैं, उन्हें तत्काल नीति लाकर निस्तारित किए जाने की आवश्यकता है।

● सप्ताहांत का उपयोग फील्ड विजिट के लिए किया जाना उचित होगा। फील्ड के अधिकारियों को अनावश्यक राज्य मुख्यालय न बुलाएं, बल्कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद करें।

● उत्तर प्रदेश के सभी शासकीय कार्मिकों को ‘मिशन कर्मयोगी’ से जोड़ा जाना है। इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए। कार्मिकों के क्षमता संवर्धन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इसकी मॉनीटरिंग की जाए।

● सीडी रेशियो की जनपदवार मॉनीटरिंग की जा रही है। सभी जिलों को इसके लिए काम करने की जरूरत है।

● आगामी 25 मार्च को वर्तमान सरकार के 08 वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह 08 वर्ष नए भारत के नए उत्तर प्रदेश के सृजन के रहे हैं। 08 वर्ष पूरे होने के अवसर पर सभी जिलों में तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाए। इन मेलों में केंद्र सरकार द्वारा विगत 11 वर्ष और राज्य सरकार द्वारा विगत 08 वर्षों में जनता की सेवा, सुरक्षा और प्रदेश में सुशासन स्थापित करने के लिए किए गए प्रयासों और परिणामों से जनता को अवगत कराया जाना चाहिए। सभी विभाग अपने प्रयासों/उपलब्धियों के बारे प्रदर्शनी लगाएं। सायंकाल सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हो, इनमें स्थानीय कलाकारों को वरीयता दें। तीन दिवसीय मेलों में लोककल्याणकारी योजनाओं से वंचित लोगों को इसका लाभ दिलाया जाए। जनारोग्य मेला, ऋण मेला आदि का भी आयोजन हो। सभी जिलों में यह कार्यक्रम किया जाना है। इस संबंध में सभी आवश्यक कार्यवाही समय से पूरी कर ली जाए।

गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स न्यूज़

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