महेंद्र गायत्री अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से हुई महिला की मृत्यु
बरेली : इस वैश्विक महामारी के दौरान अस्पतालों में लूट के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं कहीं मरने वालों एक गहने चुराए जा रहे हैं तो कहीं सरकारी रेट से दुगनी राशि अस्पताल वाले तीमारदारों से वसूल रहे हैं।विनायक अस्पताल में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिस पर शहर के जनप्रतिनिधियों ने संज्ञान लेते हुए तीमारदारों को रुपए वापस भी करवाए हैं।
इज्जतनगर स्थित प्रसिद्ध महेंद्र गायत्री अस्पताल का एक ऐसा मामला सामने आया है , जिसको जान करके आप हैरान हो जाएंगे।
तीमारदारों द्वारा जिला अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी से शिकायत की गई है।
इंद्रा नगर निवासी सतीश चंद्र अग्रवाल ने डीएम से शिकायत करते हुए कहा कुछ दिन पहले उनकी पत्नी नीता अग्रवाल की तबीयत बिगड़ गई थी उन्होने उपचार के लिए निजी डॉक्टर की सलाह पर सीटी स्कैन कराया।
4 मई को ऑक्सीजन लेवल 87% हो जाने एवं एंटीजन रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के कारण महेंद्र गायत्री अस्पताल इज्जत नगर बरेली में भर्ती कराया था, इलाज के दौरान रात्रि के समय अस्पताल के स्टाफ द्वारा ऑक्सीजन का प्रेशर कम कर दिया जाता था साथ ही डॉक्टर से इस संबंध में शिकायत करने पर उनके द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जाती थी।
एक सप्ताह इलाज के बाद अस्पताल के डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने 11 मई को दोबारा सीटी स्कैन कराया तब रिपोर्ट काफी ज्यादा बढ़ कर इसको 19/25 पाई गई तथा 1 सप्ताह के इलाज के बाद भी ऑक्सीजन के लेवल में कोई सुधार नहीं हुआ. 4 मई से 14 मई तक लगातार इलाज के दौरान डॉक्टर द्वारा सही बीमारी के अनुरूप इलाज न करने के कारण 14 मई की दोपहर को उनकी पत्नी की हालत ज्यादा बिगड़ गई जिसके कारण उन्हें तत्काल शहर के दूसरे अस्पताल में ले जाया गया , 2 दिन इलाज के उपरांत 16 मई को उनकी मृत्यु हो गई. आरोप है कि 11 दिन के इलाज के दौरान डॉक्टर द्वारा बीमारी के अनुरूप इलाज किया गया होता तो आज उनकी पत्नी जीवित होती. डॉक्टर ने इलाज में घोर लापरवाही बरती है जिसकी जांच की जानी चाहिए।