बरेली में सूदखोरों से परेशान होकर शिक्षक ने की खुदकुशी
बरेली : बरेली में बेखौफ सूदखोर अब लाेगों की जान ले रहे है।जिसके चलते मीरगंज के एक हेडमास्टर ने सूदखोरों के उत्पीड़न से तंग आकर खुदकुशी कर ली।हेडमास्टर ने छोड़े गए सुसाइड नोट में जहां तीन सूदखोरों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। वहीं मामले में वीडियो के जरिए उत्पीड़न की दास्तां भी साझा की है। मामले में पुलिस ने जांच शुरु कर दी है।
प्रेमनगर के राजेंद्रनगर में सूदखोर ने ट्रांसपोर्टर को परिवार के सामने पीटा। पूरे परिवार को बेइज्जत किया। इससे तंग आकर उसकी बेटी फंदे पर लटक गई। मंगलवार को सामने आया यह सामना शांत भी नहीं हुआ था कि मीरगंज का रहने वाले हेड मास्टर ने सूदखोर के उत्पीड़न से तंग खुदकुशी कर ली।
मृतक चंद्रपाल गंगवार मूलरूप से मीरगंज के संजरपुर गांव के रहने वाले थे। बीते चार साल से शहर में बच्चों की पढ़ाई के चलते परिवार को लेकर वह इज्जतनगर में मिनी बाईपास के पास किराए पर रहते थे। भाई विजेंद्र ने बताया कि छुट्टी वाले दिन के साथ सप्ताह में बीच-बीच में चंद्रपाल गांव आता। 28 जून की शाम वह घर पर गांव जाने की बात कह निकला लेकिन, वह गांव नहीं पहुंचा। इसी दौरान चंद्रपाल के बेटै सूरज ने फोन किया कि चाचा पापा का फोन आया था वह बहुत परेशान है। वह खेत में बेसुध हो गए है। कह रहे हैं कि सब लोग आ जाओ।
इसके बाद स्वजन चंद्रपाल की तलाश में जुट गए। सोमवार तक उनका कोई सुराग नहीं लगा। मंगलवार को चंद्रपाल की बाइक गांव में अपने ही खेत के पास खड़ी दिखी। इसके बाद स्वजन गन्ने के खेत में पहुंचे। तलाश पर चंद्रपाल खेत में बेसुध मिला। आनन-फानन में उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल लाया गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। स्वजन को चंद्रपाल की जेब से सुसाइड लेटर भी मिला जिसमें उसने सूदखोरों द्वारा किये जा रहे उत्पीड़न की पूरी कहानी बयां की है।
पिता के स्थान पर मिली थी नौकरी, फतेहगंज पश्चिमी में थी तैनाती
चंद्रपाल के पिता सूरजपाल प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक थे। साल 1993 में उनके पिता की मौत हो गई। पिता की मौत के बाद मृतक आश्रित कोटे में चंद्रपाल को नौकरी मिली। वर्तमान में वह फतेहगंज पश्चिमी के पटबईया प्राथमिक विद्यालय में हेड मास्टर के पद पर कार्यरत थे। उनकी पत्नी गीता गृहणी हैं। दो बेटे सूरज, राहुल व बेटी दीक्षा हैं। तीनों पढ़ाई कर रहे हैं।
वायरल वीडियो…मेरी जेब में कुछ लोगों के नाम हैं, इन्हें सजा जरूर दिलवाना
चंद्रपाल के बेसुध होने के बाद स्वजन उसे अस्पताल ले गए। इस दौरान पिता की जेब में रखा मोबाइल बेटे सूरज ने अपने पास रख लिया। मोबाइल देखा तो एक वीडियो उसके हाथ लगा जिसमें चंद्रपाल ने कह रहा है कि हार्टअटैक पड़ने वाला है। जेब में कुछ लोगों के नाम है। इनको सजा जरूर दिलवाना। छोटू को उसके स्कूल में जरूर पढ़वाना। वीडियो एक मिनट एक सेकेंड का है। यह वीडियो देखते ही सूरज ने पिता की जेब चेक की तो उनके शर्ट की जेब से सुसाइड लेटर मिला और जिनकी वजह से उन्होंने खुदकुशी की उन सूदखाेरों के नाम मिले।
मरने से पहले बेटे सूरज से वीडियो काल पर की थी बात
मरने से पहले चंद्रपाल ने बेटे सूरज से वीडियो काल पर बात की थी। वीडियो काल पर बात करने के दौरान ही चंद्रपाल बेहद ही सदमे में दिख रहा था। पिता को सूरज ने इतना असहज कभी नहीं देखा था। सूरज ने पिता से परेशानी का कारण पूछा तो चंद्रपाल एक ही लब्ज बोले की बेटा अब तुम्हें ही सब संभालना हैं। छोटू, दीक्षा, मम्मी, दादी और चाचा सबका ख्याल रखना। अब हम बचेंगे नहीं। चाचा को फोन कर बता दो और जल्दी यहां आ जाओ। इसके बाद उन्होंने काल काट दी। वीडियो में वह एक गन्ने के खेत में दिख रहे थे। उसी की निशानदेही पर स्वजन उन्हें गन्ने के खते के इर्द-गिर्द तलाश रहे थे। तलाश के बाद वह अपने ही गन्ने के खेत में मिले।
प्रशासन से यही कहूंगा कि मेरे बच्चों की इन लोगों से सुरक्षा करें
अंत में चंद्रपाल ने लिखा कि मैं अपने बच्चों से यही कहूंगा कि इनको पैसे न दें। मैं इनका सारा हिसाब कर चुका हूं। प्रशासन से यही कहूंगा कि मेरे बच्चों की इन लोगों से रक्षा करें और इन लोगों को यानी आरोपित सूदखाेरों को सजा जरूर दें। सुसाइड लेटर में तारीख के साथ बकायदा चंद्रपाल के साइन भी हैं।
मृतक के पास से सुसाइड लेटर बरामद हुआ है। उसमे मृतक ने तीन व्यक्तियों द्वारा दी गई रकम के एवज में कई गुना देने के बाद भी रकम के लिए उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाया है। मामले में स्वजन की तहरीर पर रिपोर्ट लिखे जाने के साथ आगे की कार्रवाई की जा रही है। – राजकुमार अग्रवाल, एसपी देहात