आम जनहित में विद्युत व्यवस्था सुदृढ़ एवं दुरुस्त रखने हेतु प्रण लिया
बरेली : बरेली क्षेत्र(जनपद बरेली,शाहजहांपुर,पीलीभीत एवं बदायू) के अभियंता साथियों द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के बैनर तले अहम विषयो एवं समस्याओं के समाधान हेतु ऑनलाइन मासिक मीटिंग आहूत की गई।
मीटिंग में क्षेत्रीय सचिव रंजीत चौधरी,शाखा सचिव शाहजहांपुर,शाखा सचिव पीलीभीत,शाखा सचिव बदायू,शाखा सचिव बरेली के साथ इंजिनियर साथी अभिषेक राय, वी पी अग्रवाल,पंकज भारती, कुमार विकल्प,के के गंगवार, मोहित,आनंद बाबू,सतीश जयसवाल,नील,विपुल शुक्ला,नीरज यादव,पारस रस्तोगी,अभिषेक सिंह, सत्यार्थ गंगवार, रजित कुमार एवं अन्य कई कद्दावर अभियंता साथियों ने उपस्थिति दर्ज की।
वर्तमान में अभियंता साथियों द्वारा क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था दुरुस्त रखने हेतु कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है परंतु जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले अभियंताओं के द्वारा बेहतर विद्युत व्यवस्था हेतु अपेक्षित मैटेरियल की उपलब्धता , प्रत्येक मेंटेनेंस/रिपेयर कार्य हेतु टेंडर एवं अन्य दिए गए सुझाओं पर प्रबंधन द्वारा प्रभावी निर्णय नहीं लिया जा रहा है जिससे जहा आम जन को उचित विद्युत आपूर्ति व्यवस्था मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा,वही अभियंताओं को अत्यधिक मानसिक तनाव झेलना मजबूरी बन रहा है।
कार्य प्रणाली वर्तमान में सकारात्मक नही है आज अभियंता प्रतिदिन मानवीय अधिकारों के हनन को झेल रहा है। ना साप्ताहिक विश्राम दिया जा रहा है और तो और प्रतिदिन अभियंताओं को अत्यधिक कार्य के तले दबाया जा रहा है जबकि सही मानव संसाधन की उपलब्धता एवं प्रशिक्षण द्वारा विभाग के सभी कार्यों को चरणबद्ध कर सकारात्मक रूप दिया जा सकता है।इसी कारण वश आज सीनियर पोजिशन पर बैठे हमारे कई अभियंता साथी गंभीर स्वास्थ्य शिकायतों से परेशान है जिससे न ही उनके परिवार को दिक्कत होती है वही विभाग की कार्य दक्षता भी प्रभावित होती है।
वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए राजस्व संबंधी लक्ष्यों पर अत्यधिक दबाव बनाकर अभियंताओं को परेशान किया जा रहा है जबकि फील्ड पर मैनपावर की अत्यधिक कमी है ।कॉर्पोरेशन प्रबंधन द्वारा मैनपावर संबंधी दिए गए आदेश का भी कही किसी क्षेत्र के उपकेंद्र पर पालन नहीं किया जा रहा है।विद्युत व्यवस्था एवं राजस्व कार्यों के लिए अलग अलग टीम के बजाए एक ही टीम उपलब्ध कराई गई जिसकी वजह से विद्युत आपूर्ति व्यवस्था दोषपूर्ण होने पर राजस्व कार्य गंभीर रूप से प्रभावित होते है।कई उपकेंद्र पर कई स्तर पर वेकेंसी खाली है जिसके भरे जाने हेतु तत्काल कदम उठाने अत्यंत आवश्यक है।
रोजाना मीटिंग, ऑनलाइन कांफ्रेंसिंग एवं अत्यधिक फिजूल के रिपोर्ट बनाने से बहुमूल्य समय व्यर्थ चला जाता है।कुछ इस तरह का कार्य प्रणाली विकसित हो रही है जिसमे कार्य करने को सामर्थ्य व समय कम एवं मीटिंग को अत्यधिक जोर दिया जा रहा है जिसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं प्रतीत हो रहा है।मीटिंग एवं अन्य रिपोर्ट के कार्यों को जमीन पर कार्य करने वाले अभियंताओं से सीमित रूप में जोड़ा जाए एवं कार्य करने हेतु और समय दिया जाए ।
बिजली थानों का फील्ड पर और लक्ष्य बद्ध उपयोग किया जाए एवं उन्हें विभागीय अधिकारियों के अधीन किया जाए जिससे उनका उपयोग विद्युत चोरी के प्रभावी रोकथाम हेतु हो सके। बिजली थानों की स्थापना विद्युत चोरी के पूर्ण बंदी हेतु किया गया है परंतु उनका सदुपयोग न किया जाना विभाग हित में नही है।
ट्रांसफर नीति को व्यवहारिक बनाते हुए अभियंताओं की तैनाती की जाए एवं विभाग द्वारा सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए उनके रुझानों का सम्मान किया जाए।
संसाधन,व्यवस्था एवं वित्तीय सहायता के अभाव में यदि किसी छेत्र में विद्युत आपुर्ति में व्यवधान होता है अथवा राजस्व लक्ष्य प्राप्त करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है ऐसे में किसी अभियंता को जिम्मेदार बनाना अथवा प्रताड़ित करना अन्याय,अमानवीय एवं घृरित होगा,ऐसी घटना निश्चित रूप से अभियंताओं में अत्यधिक रोष का कारण बन सकती है ।।
मीटिंग में सभी अभियंता साथियों ने जय अभियंता संघ का उदघोष करते हुए प्रबंधन से अपील करते हुए अपने प्रस्तावों पर प्रभावी कदम उठाए जाने की मांग की एवं क्षेत्र के आम जनहित में विद्युत व्यवस्था सुदृढ़ एवं दुरुस्त रखने हेतु प्रण लिया।