एक तरफ सपा, एक तरफ बार, अब घिरेगी यूपी सरकार
सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने की यूपी बार काउंसिल के अध्यक्ष शिरीष मेहरोत्रा से मुलाकात
-सूत्रधार बने डा. पवन सक्सेना ने लिखी पटकथा
-नाराज यूपी बार काउंसिल की बैठक में सरकार के खिलाफ कई कड़े फैसले संभव
-सपा सदन से सड़क तक जोर-शोर से उठा सकती है वकीलों के मुद्दे
-कोरोना में जान गंवाने वाले वकीलों के आश्रितों को मुआवजा बनेगा बड़ा मुद्दा
बरेली : कहने को तो यह एक शिष्टाचार भेंट – मुलाकात का सिलसिला भर था, मगर राजनीति में कुछ भी यूं ही नहीं होता।समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल अपने बरेली दौरे के दौरान गुपचुप सुबह – सुबह यूपी बार काउंसिल के अध्य़क्ष शिरीष मेहरोत्रा के घर पहुंचे। उनके साथ लम्बा चौडा लाव – लश्कर नहीं था, केवल कुछ चुनिंदा नेता ही थे।
बातचीत शुरु हुई, शोक संवेदना के साथ। पिछले दिनों शिरीष जी की माता जी श्रीमती प्रमिला मेहरोत्रा का निधन हो गया था, उसके बाद शुरु हुई राजनीतिक चर्चा – जो प्रदेश में वकीलों के उत्पीड़न से होती हुई समाजवादी पार्टी के कामों और आगे की योजना तक पहुंची। साफ है, अगर वकीलों के बीच सपा की यह कहानी परवान चढ़ी तब सूबे की लाखों की वकील बिरादरी के बीच समाजवादी पार्टी को बड़ा लाभ पहुंचेगा।
चार जुलाई की शाम को समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम बरेली आये थे। अभी हाल ही में समाजवादी पार्टी में शामिल डा. पवन सक्सेना ने उनसे मुलाकात की, बंद कमरे में हुई बातचीत का नतीजा अगले दिन सुबह सुबह दिखाई दिया।
डा. पवन जाने माने पत्रकार रहे है, व्यवसायी हैं तथा पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने के बाद विधिवत समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं, उनको राजनीतिक रणनीतिकार माना जाता है। भाजपा के बड़े नेताओं ने उनका लाभ उठाया है, उनके बारे में कहा जाता है कि अपने राजनीतिक कौशल की बदौलत उन्होंने उत्तराखंड की कांग्रेस की सरकार को गिराकर वहां भाजपा की सरकार बनवा दी थी। अब उनके समाजवादी पार्टी में आने पर सपा को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।
इसका संकेत पांच जुलाई की सुबह सुबह देखने को मिल गया। जब अचानक मीडिया की निगाहों से बचते हुए समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल यूपी बार के अध्यक्ष शिरीष मेहरोत्रा के घर पर पहुंचे। उनके साथ डा. पवन सक्सेना भी मौजूद थे।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष पटेल ने शिरीष मेहरोत्रा की माता जी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की तथा उनके पिता व प्रदेश के जाने माने वकील व यूपी बार के अध्य़क्ष रहे रमेश मेहरोत्रा रम्मी जी को भी याद किया। इसके बाद शुरु हुई वकीलों के मसले पर चर्चा। शिरीष मेहरोत्रा हाल ही में यूपी बार के अध्यक्ष चुने गए हैं तथा पूरे प्रदेश के वकीलों में काफी लोकप्रिय हैं। सूत्रों के अनुसार बातचीत में उन्होंने बताया कि यूपी बार काउंसिल लगातार वकीलों के हितों के लिए काम कर रही है तथा खासतौर पर कोरोना में जान गंवाने वाले वकीलों के आश्रितों को दस दस लाख रुपये का मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर संवदेनशील है।
पूरे प्रदेश में करीब तीन हजार वकीलों ने अपनी जान गंवाई है। उन्होंने कहा कि उनको यह बात कहने में कोई संकोच नहीं है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने वकीलों के हितों को लेकर काफी काम किए हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना से जान गंवाने वाले वकीलों की सहायता के लिए बार काउंसिल जिस रुपये की मांग कर रही है, वह ट्रस्टी कमेटी के कोष में उपलब्ध है तथा यह वकीलों की ही मिलकियत है, लेकिन सरकार का रवैया बेहतर महसूस नहीं हो रहा है। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने कहा कि वह खुद भी वकील हैं। वकीलों के दुख दर्द को वह स्वयं भी समझते हैं और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी हमेशा वकीलों के हितों को लेकर संवेदनशील रहते हैं।
लोकतंत्र बचाने रखने के लिए वकील महत्वपूर्ण इकाई हैं तथा हम यह मानते हैं कि संविधान को बचाये रखने के लिए हमें अधिवक्ता साथियों के हितों की चिंता करनी होगी। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी पार्टी आगामी सत्र में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठायेगी तथा सदन से सड़क तक संघर्ष के लिए तैयार है। बार काउंसिल के मुद्दों पर प्रदेश के अधिवक्ताओं की भलाई के लिए समाजवादी पार्टी साथ देगी।
फिलहाल सपा प्रदेश अध्य़क्ष के दौरे से साफ हो गया है कि सपा की निगाह यूपी के वकीलों के बड़े तबके पर है। अगर यह मुहिम परवान चढ़ती है तब सपा को प्रदेश के वकीलों की बिरादरी में एक बड़ा चुनावी फायदा भी मिल सकता है। इस मसले की पृष्ठभूमि तब तैयार हो गई थी जब पिछले दिनों सपा नेता डा. पवन सक्सेना ने शिरीष मेहरोत्रा से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में उन्होंने प्रदेश के वकीलों की समस्याओं पर चर्चा की थी तथा समाजवादी पार्टी की सरकारों के दौरान किए गए कार्यों का भी हवाला दिया था। इसी के साथ आगे की मुलाकात की रणनीति तैयार हुई, डा. पवन के सुझाव पर प्रदेश अध्यक्ष ने मुलाकात के लिए हरी झंडी दे दी और यह मुलाकात हो गई। फिलहाल सपा के प्रदेश अध्यक्ष लखनऊ रवाना हो चुके हैं और यूपी बार के अध्यक्ष इलाहाबाद। इलाहबाद में बार की महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। अगर सब कुछ तयशुदा तरीके से होता है तब आने वाले वक्त में प्रदेश में भाजपा सरकार को वकीलों को नजरअंदाज करने का मुद्दा महंगा पड़ने जा र हा है। अभी तक जो खिचड़ी पकी है, उसको देखकर लग रहा है कि सपा के यूपी के वकीलों पर डोरे पार्टी को अगले चुनाव में बड़ा लाभ दे सकते हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के साथ समाजवादी पार्टी के महानगर अध्य़क्ष शमीम खां सुल्तानी, जिला महामंत्री सतेन्द्र यादव, जिला प्रवक्ता मयंक शुक्ला मोंटी, सपा नेता डा. अनीस बेग, अधिवक्ता प्रदीप कुमार सिंह यादव, संजय आहूजा आदि भी मौजूद रहे।