रक्षाबंधन पर यूपी सरकार द्वारा महिलाओं को मुफ्त बस सेवा का नहीं मिला पूरा लाभ परेशान होकर पहुंची भाइयों को रक्षा सूत्र बांधने
बरेली : रक्षाबंधन पर जाम शहर के प्रमुख मार्गों से लेकर हाईवे तक जाम रहे। जाम के चलते भाई को राखी बांधने जाने के लिए घर से निकलीं बहनों को घंटों परेशान होना पड़ा। जाम में फंसी बहनें ट्रैफिक पुलिस को कोसती दिखीं।
यातायात व्यवस्थित रखने के ट्रैफिक पुलिस की ओर से तमाम दावे किए गए थे। जाम न लगे, इसके लिए ट्रैफिक पुलिस ने रूट डायवर्जन के साथ सभी प्रमुख चौराहों पर अतिरिक्त पुलिस बल की व्यवस्था करने की बात कही थी, लेकिन सुबह 10 बजे के आसपास वाहनों का दबाव बढ़ा तो पुलिस की सारी व्यवस्थाएं फेल हो गईं। चौपुला, कुतुबखाना, लालफाटक समेत शहर के अन्य इलाकों में घंटों जाम लगा रहा। जाम की सबसे अधिक समस्या चौपुला पर रही। दोपहर से देर शाम तक चौपुला पूरी तरह से जाम रहा। आलम यह था कि वाहन रेंग-रेंग कर आगे बढ़ पा रहे थे। जाम खुलवाने के लिए ट्रैफिक पुलिस के सिपाही दिनभर मशक्कत करते रहे। सेटेलाइट पर भी भीड़ के चलते ट्रैफिक गुजरने में परेशानी हुई। शहर के अन्य व्यस्तम इलाकों में भी जाम के चलते बहनें परेशान होती रहीं। हुलासनगरा क्रॉसिगं पर भी देर शाम तक लंबा जाम लगा रहा। रोडवेज बसें और निजी वाहन घंटो फंसे रहे।
जर्जर सड़कें और सीवर खोदाई भी बनी मुसीबत
सीवर लाइन बिछाने के लिए खोदाई और जर्जर सड़कों के चलते शहर का ट्रैफिक मैनेजमेंट बदहाल है। शहर के अलग-अलग हिस्सों में सामान्य दिनों में भी दिनभर जाम के हालात रहते हैं। पहले से बदहाल ट्रैफिक सिस्टम रक्षाबंधन पर उमड़ी भीड़ के सामने पूरी तरह फेल हो गया।
रोडवेज बसों में मुफ्त सफर का बहनों को नहीं मिला फायदा
रक्षाबंधन पर बहनों को मुफ्त यात्रा की सौगात रोडवेज प्रबंधन की लापरवाही की भेंट चढ़ गई। यात्रियों की उपलब्धता के अनुपात में रोडवेज प्रबंधन बसों की व्यवस्था नहीं कर सका। इस वजह से बहनों को घंटों गंतव्य की बस के लिए इंतजार करना पड़ा। रोडवेज बसों में रास्ते के स्टॉपेज से भी सवारियां नहीं बैठाई गईं। बस अड्डे से निकलते ही परिचालक बसों के दरवाजे बंद कर लेते थे।
बड़ी संख्या में ट्रेनें रद्द होने और रोडवेज बसों में महिलाओं के लिए सफर फ्री होने की वजह से रोडवेज बसों में भीड़ ज्यादा रही। भारी भीड़ के चलते रोडवेज बस अड्डों पर मारामारी का नजारा दिखा। दोपहर के समय शहर के सेटेलाइट बस अड्डे पर सैकड़ों सवारियां बस के इंतजार में बैठी दिखीं। पूछताछ काउंटर पर भी बसों की टाइमिंग की सही जानकारी नहीं दी जा रही थी। जैसे ही कोई बस आकर रुकती सवारियों का हुजूम उसकी ओर दौड़ पड़ता। बस के अंदर भी सीट हथियाने की जद्दोजहद दिखी। कई सवारियों को खड़े होकर यात्रा करनी पड़ी।
बदायूं, पीलीभीत समेत आसपास के जिलों के साथ तहसीलों के लिए जाने वाली सवारियों के लिए घंटों बसें नहीं मिली। शाहजहांपुर के लिए रोडवेज बसें न मिलने से ज्यादातर सवारियां डग्गामार वाहनों से गईं। सेटेलाइट बस अड्डे पर बैठे मिले शाहजहांपुर के मयंक पाराशर ने बताया रक्षाबंधन पर घर जा रहे हैं। दिल्ली से बरेली के लिए बस मिली। यहां से दूसरी बस पकड़ कर शाहजहांपुर जाना है, लेकिन दो घंटे से कोई बस नहीं है। सुधा वर्मा कटरा जाने के लिए बस का इंतजार कर रही थीं। पूछने पर बताया कि शाहजहांपुर की ओर जाने वाली बसों के ड्राइवर और कंडक्टर रास्ते की सवारियां नहीं बिठा रहे हैं।
सवारियों की भारी भीड़ और रोडवेज बसों की कमी से डग्गामार वाहन संचालकों की चांदी रही। मजबूरी का फायदा उठाते हुए उन्होंने सवारियों से दोगुना किराया वसूला। डग्गामार वाहन संचालकों की मनमानी रोकने के लिए परिवहन विभाग का अमला भी सड़कों पर नजर नहीं आया। सेटेलाइट पर फरीदपुर, कटरा समेत अन्य जगह जाने वाली सवारियों से डग्गामार वाहन संचालकों ने मनमाना किराया वसूला। ऑटो और टेंपो में क्षमता से अधिक सवारियां बैठाई गईं।