मैक्स इंस्टीट्यूट आफ कैंसर केयर वैशाली ने बरेली में जीआई और एचपीवी आन्कोलॉजी ओपीडी सेवा

बरेली : मैक्स इंस्टीट्यूट आफ कैंसर केयर वैशाली ने बरेली में जीआई और एचपीवी आन्कोलॉजी ओपीडी सेवा शुरू कर चिकित्सा विशेषज्ञता का विस्तार किया यह ओपीडी खुशलोक हॉस्पिटल के सहयोग से शुरू की गई है जो हर महीने के दूसरे और चौथे मंगलवार को खुलेगी।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश का अग्रणी केसर केयर संस्थान मैक्स इंस्टीट्यूट आफ केंसर केयर , वैशाली ने मंगलवार बरेली में खुशलोक हॉस्पिटल के सहयोग से जीआई एवं एचपीबी ( गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एवं हेयैटो पैनक्रिएटो बिलियरी ) आकोलॉजी ओपीडी सेवा शुरू की।

इस ओपीडी की शुरुआत अस्पताल द्वारा शुरू की गई एक और मरीज केंद्रित पहल है जहां मरीजों को सुलभ पहुंच और उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।

यह केंद्र मरीजों को जीआई कैंसर पैनक्रियाज , पेट , कोलन , रेक्टम , एनस . बिलियरी सिस्टम और छोटी आंत के कैंसर समेत के लिए विशेषज्ञों की सलाह और उपचार सुविधा उपलब्ध कराएगा।

इस ओपीडी सेवा का उदघाटन मैक्स इंस्टीट्यूट आफ कैंसर केयर , वैशाली में जीआई एंड एचपीबी आन्कोसर्जरी विभाग के डॉ . विवेक मंगला एसोसिएट डायरेक्टर एवं प्रमुख तथा डॉ . शुभाशीष दास एसोसिएट कंसल्टेंट ने किया।

डॉ विवेक मंगला दिल्ली – एनसीआर में जीआई आन्को के जाने – माने सर्जनों में से एक हैं । वह जटिल लेपरोस्कोपिक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी , वीएटीएस एसोफेगेक्टोमी जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के अनुभवी हैं और विभिन्न इंडेक्स्ड जर्नलों में शोध पत्र प्रकाशित करा चुके हैं ।

डॉ . दास इस ओपीडी में परामर्श के लिए हर महीने के दूसरे और चौथे मंगलवार को उपलब्ध रहेंगे।

इस मौके पर डॉ . शुभाशीष दास ने कहा , गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल केसर का असर एसोफेगस पेट , छोटी और बड़ी आंत . लीवर , गॉलब्लाडर , पैनक्रियाज समेत जीआई ट्रैक्ट तथा पाचन तंत्र पर पड़ता है। ये कैसर पेट के किसी भी हिस्से से अत्सर या गोठ के तौर पर उभर सकते हैं और समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो दूसरे अंगों में भी फैल सकते हैं। सही समय पर इनका निदान बेहतर इलाज की संभावना बढ़ाता है और मरीज के लंबे समय तक जीने की संभावना बढ़ाता है। लेकिन देरी से उपचार का असर न सिर्फ इलाज के परिणामों पर पड़ता है बल्कि जीवन की गुणवत्ता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

इनसे जुड़े मामलों में वृद्धि लोगों में कम जागरूकता को दर्शाती है जिस कारण रोग की शुरुआती पहचान नहीं हो पाती है। यह ओपीडी सेवा शुरू होने से बरेली के लोगों को सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य सेवा मिल पाएगी और हम इन बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ा सकेंगे।

‘ मैक्स सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल , वैशाली में आपरेशंस के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट डॉ . गौरव अग्रवाल ने कहा , ‘ हम हमेशा शुरुआती रोगलक्षणों की पहचान करने के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाते हुए लोगों को जानकारी देने का प्रयास करते हैं। हम उन्हें आईबीडी और जीआई कैंसर से जुड़ी पेट और छोटी आंत की समस्याओं के बारे में बताने की कोशिश करते हैं और ऐसे मरीजों को एक समग्र तथा सहयोगी माहौल देते हैं।

इस तरह की बीमारी व्यक्ति को शारीरिक , मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर बना देती है। लिहाजा हमारा दृढ़ विश्वास है कि लोगों को लक्षणों के बारे में जागरूक होना चाहिए और शुरुआती लक्षणों की पहचान के लिए नियमित चेक – अप कराते रहना चाहिए , देरी से डायग्नोसिस होने पर इलाज में लंबा समय लग जाता है और कई बार केस भी जटिल हो जाता है।

बरेली में इस नई ओपीडी से उम्मीद हैं कि ऐसी समस्याओं से पीड़ित ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित करेंगे क्योंकि इसके लिए उन्हें अब दूसरे शहर जाने का लंबा सफर नहीं तय करना पड़ेगा। ‘

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