छात्रवृत्ति ना मिल पाने से कई छात्र छात्राएं हैं परेशान

बरेली : पूरे देश में कोरोना की वैश्विक महामारी अपने चरम सीमा पार कर चुकी थी तो वही निरंतर शिक्षण संस्थाओं द्वारा फीस जमा करने के लिए कहा जा रहा था अवश्य में विद्यार्थी और उनके परिवार वाले परेशान हो गए। कोरोना काल के दौरान ना तो कोई दुकान खोल रही थी ना ही कोई ऑफिस यदि किसी के अभिभावक ऑफिस में कार्य‌ कर रहे थे तो उन्हें पूरी सैलरी नहीं मिल रही थी अब ऐसे में अभिभावक घर खर्च चलाया अपने बच्चों की स्कूल‌-कॉलेज की फीस जमा करें।

विद्यार्थियों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन तो कर दिया था लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार के माध्यम से एक बजट के अंतर्गत ही जितने छात्र आए उनको छात्रवृत्ति प्रदान कर दी गई , काफी छात्र आवेदन करने के बाद भी छात्रवृत्ति से वंचित रह गए।

उत्तर प्रदेश के जिला बरेली में शैक्षिक सत्र 2020-21 में पात्र छात्र- छात्राओं ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया था लेकिन हजारों छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिली है। इसकी वजह से छात्र परेशान हैं। कोरोना काल की वजह आय न होने से सभी छात्र- छात्राओं के घरों में आर्थिक दिक्कत है। अब छात्रवृत्ति आने का समय भी समाप्त हो चुका है। छात्रवृत्ति न मिलन की वजह बजट न होना बतायी जा रही है। सामान्य वर्ग के 50 फीसदी छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है जिससे कई छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

मिले डाटा के अनुसार सामान्य वर्ग और अनुसूचित जाति के 9 से 10 तक के 6584 छात्रों ने और दशमोत्तर के 23710 छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया था। जिसमें से सामान्य वर्ग के 50 फीसदी छात्र- छात्राओं के खाते में छात्रवृत्ति नहीं आई है । पिछड़ा वर्ग के कक्षा 9 से 10 तक 14741 छात्रों ने आवेदन किया था जिसमें से 13842 छात्रों को ही छात्रवृत्ति मिल पाई है। 11 से 12 तक के 13720 छात्रों ने आवेदन किया था, जिसमें से 10880 छात्रों को छात्रवृत्ति मिल पाई है।

डिग्री और डिप्लोमा वाले विद्यार्थी भी छात्रवृत्ति मिलने से रह गए वंचित

डिग्री, डिप्लोमा के 22038 छात्रों ने आवेदन किया था लेकिन 16915 छात्रों को छात्रवृत्ति मिल पाई है। पिछड़ा वर्ग के छात्र- छात्राओं में 20 फीसदी छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाई है। अल्पसंख्यक छात्र- छात्राओं में कक्षा 9 से 10 के 3359 छात्रों ने आवेदन किया था। इन सभी छात्रों को छात्रवृत्ति मिल गई है। दशमोत्तर के 9614 छात्रों ने आवेदन किया था जिसमें से 9326 छात्रों को ही छात्रवृत्ति मिल पाई है। कोरोना काल में गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति न मिलने छात्र- छात्राएं परेशान है।

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