जानिए कैसे बरेली की जनता कोरोना की गाइडलाइंस भूल कर दे रही है कोरोना की तीसरी लहर को दावत
बरेली : शहर में एक्टिव केस की संख्या निरंतर कम होती जा रही है लेकिन लॉक डाउन के बाद शहर अनलॉक होते ही सड़कों पर जाम लगता जा रहा है जनता को एक बार फिर लॉक डाउन का डर सता रहा है जिसकी वजह से लोगों खरीदारी करने के लिए नकल रहे है।
शहर में सोमवार को जनता को घंटे भर जाम का सामना करना पड़ा ट्रैफिक पुलिस कोई भी कर्मी मौके पर मौजूद नहीं था सूचना मिलते ही तत्काल ही ट्रैफिक पुलिस कॉन्स्टेबल मौके पर पहुंचे और जाम को नियंत्रण में लिया लेकिन उसके बाद भी दोपहर करीब 3:00 बजे तक कुतुब खाना क्षेत्र , रोडवेज (पूराना बस स्टैंड) , अयूब खान चौराहा, नगर निगम रोड , चौकी चौराहा पर भारी जाम लगा रहा।
बरेली अयूब खां चौराहा
शहर में कई लोग ऐसे भी हैं जो खरीदारी करने जा रहे हैं लेकिन मास्क नहीं लगा रहे हैं अगर उनसे पूछा जाए तो उनका कहना है कि कोरोना तो है , कुछ लोगों द्वारा पूछने पर कहा जा रहा है कि मास्क घर पर भूल गए या फिर मास्क अभी-अभी कही गिर गया है।
बरेली रोडवेज इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट
शहर की जनता स्वयं अपनी जान खतरे में डाल रही है और कोरोना को दावत दे रही है अगर कोविड टेस्टिंग की बात करें तो लगातार शहर के विभिन्न स्थानों पर टेस्टिंग जारी है वही कोरोना वैक्सीनेशन भी शहर के विभिन्न स्थानों पर तेजी से किया जा रहा है ताकि हमारे शहर के सभी नागरिक सुरक्षित रहें।
ज्यादातर भीड़ शहर में इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट में देखने को मिल रही है बरेली किस प्रसिद्ध इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट रोडवेज पर है जहां लोग ज्यादातर खरीदारी करने जा रहे हैं वहीं रेडीमेड और होलसेल की कपड़ों की दुकानों पर भी भीड़ दिखाई दे रही है इसके साथ लोगों द्वारा कोविड-19 गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
राष्ट्र जागरण उद्योग व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष विशाल मल्होत्रा ने जानकारी देते हुए कहा
इस वैश्विक महामारी के दौरान हम सभी व्यापारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था इस वक्त जितने भी ग्राहक खरीदारी करने आ रहे हैं उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सैनिटाइजर के साथ दो गज की दूरी का भी ध्यान रखा जा रहा है , उन्होंने कहा अब व्यापार कहीं ना कहीं सामान्य होते हुए नजर आ रहा है , सभी लोग वैक्सीनेशन करवाएं और सरकार के आदेशों का पालन करें।
व्यापारी नेता शोभित सक्सैना ने जानकारी देते हुए कहा
लगातार इस वैश्विक महामारी में हमने अपने कुछ व्यापारी साथियों को भी खो दिया है अब समय आ गया है कि हम सब कोरोना की तीसरी लहर के लिए तैयार रहें और ज्यादा से ज्यादा सावधानी पढ़ते हैं जो भी सरकार के आदेश होंगे उसका हम पूर्ण रुप से पालन करेंगे जो भी ग्राहक दुकान पर आए हैं वह मास्क लगाकर अवश्य आएं और खरीदारी करते समय दो गज की दूरी का पालन करें।
व्यापारी युवा नेता व मौजूदा पार्षद अतुल कपूर ने कहा
निरंतर हमारे देश के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न बैठक में की जा रही है तरह तरह के प्रयास किए जा रहे हैं जिससे कि हम सभी इस वैश्विक महामारी से जल्द से जल्द मुक्ति हो सके। हम सभी स्वयं भी वैक्सीनेशन करवाएं और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें जिनके पास मोबाइल फोन में कोई संसाधन नहीं है वह शहर विधायक डॉ अरुण कुमार के कार्यालय पर जाकर वैक्सीनेशन करवाएं।
बरेली मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके गर्ग का कहना है कि यदि शहर की जनता लापरवाही बरतेगी , बिना मास्क के बाहर निकलेगी या भीड़-भाड़ वाले स्थान पर जाएगी तो अवश्य ही कोरोना की तिसरी लहर आने की संभावना है। उन्होंने कहा जल्द से जल्द सभी व्यक्ति अपने परिवार सहित कोरोना वैक्सीनेशन करवाएं और दूसरों को भी जागरूक करें। निरंतर रूप से घरों से बाहर निकलते हुए मास्क पहनने व सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
वैज्ञानिक सलाहकार ही नहीं कई अन्य विशेषज्ञ और स्वास्थ्य अधिकारी भी अब नियमित रूप से लोगों को कोरोना वायरस की तीसरी लहर की संभावना के बारे में चेतावनी दे रहे हैं। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सरकार ने संक्रमण के कहर से लोगों को बचाने के लिए तैयारियां शुरू कर दीं हैं। ऐसे में आपके मन में भी सवाल उठ रहे होंगे कि महामारी की लहर क्या है, इसका निर्धारण कैसे करते हैं, यह कब तक आएगी और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है तो आइए हम आपको बताते हैं।
अगर, तीसरी लहर आई तो उसकी पहचान कैसे होगी?
वर्तमान में, तीसरी लहर सिर्फ विचाराधीन है। अर्थात, अगर राष्ट्रीय स्तर पर मामलों में एक बार फिर तेजी उछाल आता है तो उसे देश में कोरोना की तीसरी लहर माना जाएगा। लेकिन हाल ही में दोबारा उठाए गए आंशिक लॉकडाउन और सख्त कर्फ्यू जैसे कदमों के बाद अब सूरत थोड़ी बदलने लगी है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा लगता है कि राष्ट्रीय स्तर पर ग्राफ अब गिरावट के दौर में प्रवेश कर गया है।
क्या तीसरी लहर खतरनाक होगी?
कोरोना महामारी की तीसरी लहर के दूसरे से भी अधिक तेज यानी खतरनाक होने के बारे में कुछ अटकलें लगाई गई हैं। हालांकि, यह ऐसा कुछ नहीं है जिसकी भविष्यवाणी की जा सकती हो। आमतौर पर, यह उम्मीद की जाती है कि हर ताजा लहर पिछली लहर की तुलना में कमजोर होगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि वायरस, जब उभरता है तो अपेक्षाकृत मुक्त रूप से फैलता है। यह देखा जाता है कि पूरी आबादी अतिसंवेदनशील है।इसकेे बाद के प्रसार के दौरान, अतिसंवेदनशील लोगों की संभावित संख्या बहुत कम होगी, क्योंकि उनमें से कुछ ने प्रतिरक्षा यानी इम्यूनिटी प्राप्त कर ली होगी। हालांकि, यह तर्क भारत के मामले में थोड़ा उलझन भरा है। पिछले साल मध्य सितंबर के बाद जब भारत में मामलों की संख्या घटने लगी, तो आबादी का बहुत छोटा हिस्सा ही संक्रमित हुआ था। यह देखते हुए कि आबादी का इतना बड़ा हिस्सा अभी भी अतिसंवेदनशील था, इस बीमारी के फैलने की गति धीमी होने का कोई कारण नहीं था।
लेकिन क्या तीसरी लहर अटल है?
कोरोना की तीसरी लहर आने की एक अलग संभावना है। हालांकि, इसके आने की संभावना का पैमाना या समय ऐसा कुछ नहीं है, जिसकी भविष्यवाणी की जा सके। लेकिन यह अपरिहार्य यानी अटल नहीं है। जैसा कि प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार, विजयराघवन ने अपने पहले बयान के दो दिन बाद संशोधित टिप्पणी को जारी करते हुए स्पष्ट किया कि यदि लोग कड़े कदम उठाते रहे तो इसे टाला जा सकता है।
यह भी संभव है कि इस बार, ताजा लहर वास्तव में पिछले वाले की तुलना में बहुत छोटी होगी, ताकि इसका प्रकोप कम हो और अधिक कुशलता से प्रबंधंन किया जा सके। बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि लोग इन चेतावनियों पर कैसे ध्यान देते हैं। वे आने वाली आपदा को लेकर पागल हो सकते हैं, या बार-बार चेतावनी से स्तब्ध हो सकते हैं। लेकिन दूसरी लहर ने हमें सिखाया है कि ऐसी विकट स्थिति में आशावान रहने की तुलना में पागलपन की हद तक सतर्क रहना कहीं बेहतर है।