बरेली में पेपर मिल महाप्रबंधक समेत दो संक्रमितों की होगी जीनोम सिक्वेंसिंग

बरेली (शुभांक सक्सेना) : कोविड संक्रमण के डेल्टा प्लस वैरिएंट के बाद पिछले कुछ दिनों में कप्पा के केस भी देश में तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में जिले में अब कुछ खास केस में जीनोम सिक्वेंसिंग कर कोरोना के वैरिएंट का पता लगाया जाएगा। इस बाबत जिला सर्विलांस अधिकारी ने मंगलवार को महाराष्ट्र से आए पेपर मिल महाप्रबंधक समेत दो केस में जीनोम सिक्वेंसिंग के आदेश दिए हैं। दोनों के सैंपल जांच के लिए लखनऊ स्थित लैब भेजे जाएंगे। इनकी रिपोर्ट आने के बाद वायरस के वैरिएंट को लेकर स्थिति साफ हो सकेगी।

सोमवार को एक प्रसूता भी मिली थी संक्रमित :

बहेड़ी निवासी पेपर मिल महाप्रबंधक जहां 10 जुलाई को संक्रमित मिले थे। इनका उपचार पहले 300 बेड कोविड अस्पताल से चल रहा था। वहीं, सोमवार को स्वजन उन्हें उपचार के लिए निजी अस्पताल ले गए थे। वहीं, जिला महिला अस्पताल में प्रसव के लिए पहुंची महिला भी बाद में जांच के दौरान कोरोना संक्रमित मिली थी। महिला को बाद में एल-3 कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब महिला के सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग होगी। वहीं, नवजात का भी सैंपल लेकर कोरोना संक्रमण का पता लगाया जाएगा।

माइनस 40 डिग्री सेल्सियस पर ड्राई आइस में भेजा जाता है सैंपल :

संक्रमित में कोरोना का कौन सा वेरिएंट है, ये पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग जरूरी होता है। जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए सैंपल दिल्ली भेजा जाता है। इस दौरान सैंपल को माइनस 40 डिग्री सेल्सियस के तापमान में रखा जाएगा। जिसके लिए ड्राइ आइस और प्रापर कोल्ड चैन जरूरी होता है। एक सैंपल रखकर भेजने में करीब 1200 रुपये खर्च आता है।

महाराष्ट्र और 300 बेड कोविड हास्पिटल में एडमिट प्रसूता का सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा। वहीं आगामी दिनों में संक्रमित मिलने वाले विशेष केस में भी मरीज की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाएगी।

डॉ. रंजन गौतम, जिला सर्विलांस अधिकारी

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