कालाबाजारी करने वाले की अग्रिम जमानत हुई मंजूर
बरेली : सर्जिकल आइटम की कालाबाजारी के आरोपित अजय मेहता और सोनिका मेहता की तरफ से अग्रिम जमानत की अर्जी को सेशन कोर्ट ने मंजूर कर लिया। सेशन जज उमेश चंद्र पांडेय ने सुनवाई की। क्राइम ब्रांच पुलिस की ढिलाई की वजह से आरोपिताें को अग्रिम जमानत मिली है। पुलिस भले ही मामले की ढिलाई बरत रही हो, लेकिन ड्रग विभाग मेहता सर्जिकल का लाइसेंस सस्पेंड करने के बाद अब कैंसिल करने की तैयारी कर रहा है। तय मियाद के बाद लाइसेंस कैंसिल करके रिपोर्ट भेजी जाएगी।
डीडीपुरम स्थित मेहता सर्जिकल पर एसडीएम सदर विशु राजा और ड्रग इंस्पेक्टर उर्मिला वर्मा ने छापामारी करके बिना लाइसेंस पैकेजिंग होते पीपीई पकड़ी। एक्सपायर पीपीई किट को नए सिरे से पैक किया जा रहा था। सैनिटाइजर की बोतल पर लेबल नहीं थे। री लेबलिंग मानते हुए उनकी दुकान और गोदाम को बंद कराया गया। प्रेमनगर थाने में एफआइआर हुई, लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ी।
एसएसपी रोहित सिंह की नाराजगी के बाद जांच क्राइम ब्रांच को भेजी गई। इंस्पेक्टर सुएब मियां के पास विवेचना है, लेकिन उनके मुताबिक उन्हें केस डायरी नहीं मिली। इन लापरवाहियों का फायदा आरोपित को मिला और उसने जमानत अर्जी को मंजूर करा लिया।
तीन दिन का दिया था समय: इस मामले में आैषधि विभाग ने आरोपित अजय मेहता को सर्जिकल आइटम के पक्के बिल सहित अन्य दस्तावेजों को पेश करने के लिए तीन दिन का समय दिया था।जिसकी मियाद गुजर जाने के बाद भी आरोपित की ओर से कोई दस्तावेज पेश नहीं किए गए थे। जिसके बाद विभाग अब लाइसेंस निरस्त करने की तैयारी कर रहा है।
8000 का बेच रहे थे फ्लोमीटर: मेहता सर्जिकल स्टोर पर फ्लोमीटर 8000 रुपये का बेचा जा रहा था। इस बात की जानकारी तब हुई जब बिहारीपुर में रहने वाले गौरव सक्सेना अपने परिचित के लिए ऑक्सीमीटर और फ्लोमीटर खरीदने मेहता सर्जिकल गए थे। उन्हें ऑक्सीमीटर 1600 रुपये का बताया था। बाद में उन्हेें दूसरी दुकान से उसी कंपनी का फ्लोमीटर 3500 रुपये व ऑक्सीमीटर 1200 रुपये में मिल गया था। सौदागरान के नीरज रस्तोगी ने बताया कि मेहता सर्जिकल पर उन्हें ऑक्सीजन सिलिंडर पर लगने वाला फ्लोमीटर 8000 रुपये का बताया गया था। जो एडवांस भुगतान करने पर ही मिलेगा।