बैंक में रेलकर्मी को गोली मारने के बाद सुरक्षाकर्मी बोला छीनाझपटी में चली गोली

बरेली : पुलिस ने पकड़ा तो गार्ड ने खुद ही फाड़ ली अपनी शर्ट, बटन भी तोड़ लिए बरेली। गोली लगने के बाद रेलकर्मी राजेश बैंक के फर्श पर पड़े तड़पते रहे, लेकिन बैंक स्टाफ तमाशबीन बना रहा। न तो किसी ने पुलिस को सूचना दी और न ही किसी ने राजेश को अस्पताल भिजवाने की जहमत उठाई। गार्ड भी बंदूक लिए वहीं टहलता रहा। परिवार वाले जब बैंक पहुंचे और गार्ड केशव प्रसाद से कहा कि गोली क्यों मारी, अब जेल जाओगे तो उसने कहा कि कोई बात नहीं, ये भी जेल जाएंगे।

राजेश की पत्नी प्रियंका राठौर ने बताया कि जब वह पहुंचीं तो उनके पति बैंक में गेट के पास फर्श पर लहूलुहान पड़े तड़प रहे थे। आरोपी गार्ड बंदूक लेकर उनके सिर के पास ही टहल रहा था। राजेश जब बैंक पहुंचे तब वहां भीड़ नहीं थी, लेकिन गार्ड उन्हें जान बूझकर परेशान कर रहा था। पहले मास्क न होने की वजह से अंदर जाने से रोका और जब वह मास्क लेकर आए तो लंच टाइम होने के बहाने रोक दिया। उन्हें सिर्फ पास बुक अपडेट करानी थी, लेकिन गार्ड उन्हें बैंक में घुसने ही नहीं दे रहा था। जब वह अंदर घुसे तो उसने गोली मार दी।

घटना की सूचना पर प्रियंका के साथ ही जंक्शन से राजेश के साथी रेलकर्मी भी बैंक पहुंच गए। उन्होंने घटना को लेकर गार्ड को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि गोली क्यों मारी.. अब जेल जाना पड़ेगा तो उसने कहा कोई बात नहीं, ये भी जेल जाएंगे। इसे लेकर रेलकर्मी काफी आक्रोशित हैं। वहीं, परिवार वालों का कहना है कि वारदात के बाद भी बैंक मैनेजर समेत अन्य स्टाफ ने घायल राजेश को वहीं पड़े रहने दिया। न तो उन्हें अस्पताल भिजवाया और न ही पुलिस को सूचना दी। वहीं, बैंक मैनेजर गीता भुसाल का कहना है कि उन्होंने पुलिस को सूचना दी थी और एंबुलेंस भी बुलवाई। हालांकि कोतवाली इंस्पेक्टर पंकज पंत बैंक की ओर से घटना की सूचना मिलने से इनकार कर रहे हैं।

सीसीटीवी में कैद हुई घटना

घटना की सूचना पर आईजी रमित शर्मा, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण, एसपी सिटी रवींद्र कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने बैंक प्रबंधन से घटना की जानकारी लेकर सीसीटीवी फुटेज चेक की। इसमें गार्ड और रेलकर्मी के बीच विवाद होने और फिर गोली मारने की पूरी घटना कैद मिली। पुलिस ने फुटेज को अपने कब्जे में ले लिया है।

सेना से रिटायर है गार्ड, बोला- छीनाझपटी में चली गोली

आरोपी गार्ड सेना का रिटायर्ड हवलदार है। वर्ष 2014 में सिलीगुड़ी से रिटायर होने के बाद एक एजेंसी के जरिये उसकी बैंक में नौकरी लगी। दो साल से वह बैंक ऑफ बड़ौदा की स्टेशन रोड शाखा में तैनात है। इससे पहले मीरगंज में तैनात था। घटनास्थल का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, इसमें घायल राजेश फर्श पर पड़े तड़प रहे हैं और गार्ड बंदूक लेकर उनके पास टहल रहा है। इसमें गार्ड के कपड़े भी सही सलामत हैं, लेकिन जब कोतवाली में पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने कहा कि राजेश ने गालीगलौज कर उसका गिरेबान पकड़ लिया, जिससे शर्ट के बटन टूट गए और जेब भी फट गई। छीनाझपटी के दौरान गोली चल गई, उसने जानबूझकर गोली नहीं चलाई।

कार्यमुक्त हुआ गार्ड, शुरू हुई सुरक्षा जांच

बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक अतुल बंसल ने घटना पर खेद व्यक्त किया है। उनका कहना है कि पीड़ित व्यक्ति के परिवार को वित्तीय समेत हर सहायता मुहैया कराई जा रही है। निजी सुरक्षा एजेंसी के गार्ड को कार्यमुक्त कर दिया गया है। उसे पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है। बैंक पुलिस जांच में पूरा सहयोग कर रही है। साथ ही बैंक के सुरक्षा अधिकारी घटना की जांच कर रहे हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।

रेलकर्मी बोले- सीने में गोली मारने की दी धमकी

घटना की सूचना पर पहुंचे रेलकर्मियों ने आरोपी गार्ड से घटना को लेकर गुस्सा जताया तो वह भड़क गया। रेलकर्मियों का आरोप है कि उसने कहा कि इसके तो सीने में गोली मारनी चाहिए थी। पैर में गोली मारकर गलती कर दी।

बैंक के गार्ड की ट्रेनिंग में कहीं न कहीं कमी जरूर रही होगी। उसे यह पता होना चाहिए कि बंदूक का किस परिस्थिति में इस्तेमाल करना है। मगर इन्हें लगाने वाली एजेंसियां इस पर पूरा ध्यान नहीं देती हैं और किसी को भी गार्ड की नौकरी दे देती हैं। मौसम में बदलाव भी इस तरह की घटनाओं के लिए जिम्मेदार होता है। अधिक तापमान होने पर व्यक्ति चिड़चिड़ा जाता है। ऊपर से प्रबंधन का दबाव है कि कोई व्यक्ति बिना मास्क अंदर कैसे आ गया। इन परिस्थितियों में व्यक्ति आपा खो देता है और इस तरह की वारदात हो जाती हैं। – डॉ. हेमा खन्ना, मनोवैज्ञानिक

कोरोना के भय से लोग कुंठित हैं और इसको लेकर प्रतिक्रिया कर रहे हैं। वहीं, मास्क को लेकर समूह की राय है कि इसे जरूर लगाना चाहिए। ऐसे में इसकी चेकिंग करने वाले गार्ड जैसे व्यक्तियों को लगता है कि वे जो कह रहे हैं, वही सही है और कई बार ज्यादा प्रतिक्रिया करने लगते हैं। वहीं, इसका पालन न होने पर उनके मन में अपनी नौकरी को लेकर डर होता है कि अगर नियम का पालन नहीं हुआ तो नौकरी का क्या होगा। इन्हीं कारणों से ऐसी घटनाएं होती हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पब्लिक डीलिंग में लगे व्यक्तियों की समय-समय पर मानसिक जांच होनी चाहिए। – डॉ. सुविधा शर्मा, मनोवैज्ञानिक

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