बरेली के प्रवेश बिंदुओं पर स्वागत करेंगे बरेली की पारंपरिक पहचान के म्यूरल्स
बरेली : ज़िलाधिकारी नितीश कुमार ने बरेली को एक नया एवं आकर्षक रूप देने के लिए इसके प्रवेश बिंदुओं पर बरेली की पारंपरिक पहचान को म्यूरल्स के रूप में उकेर कर स्थापित करने का प्लान तैयार किया है।
इसके डिज़ाइन को अंतिम रूप दिया जा चुका है। जल्दी ही ये आकार ले लेगा। लखनऊ से बरेली के प्रवेश बिंदु पर बरेली की पारंपरिक हस्तकला ज़री ज़रदोज़ी को प्रदर्शित करता हुआ झांकी जैसा हरा भरा पार्क नुमा स्ट्रकचर स्वागत तरता हुआ नजर आएगा। जिस पर लिखा होगा ‘ज़री ज़रदोज़ी नगर में आपका स्वागत है’ । इसी मार्ग पर बांस नगरी के रूप में भी एक छोटा सा पार्क बरेली की कहानी कहता हुआ दिखेगा। जिस पर दूर से ही लिखा हुआ नज़र आएगा ‘बांस नगरी बरेली’।
ज़िलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि वह यह कार्य डीएम क्रिटिकल गैप फंड से करा रहे हैं। किसी विभाग के बजट से नहीं। उनका मकसद बरेली को अत्याधुनिक सुविधाओं वाला शहर बनाना है जो अपनी परंपराओं में जीता है, और उनको सहेजे हुए भी है।
ज़िलाधिकारी ने कहा कि बरेली से हवाई आवागमन शुरु हो जाने के बाद यहां की हस्तकलाओं और पारंपरिक उद्यमों की मार्केटिंग के ढेरों अवसर आएंगे। ऐसे में बरेली आने वाले हर व्यक्ति को यह एहसास हो जाए कि वह कितने समृद्ध शहर में प्रवेश कर रहा है।
ज़िलाधिकारी ने बताया कि बरेली से आंवला मार्ग पर बरेली के अहिच्छत्र नगरी के वैभव को दर्शाया जाएगा। बरेली के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार से बरेली को सजाया संवारा जाएगा कि यहां के प्राचीन और आधुनिक स्वरूप को कोई पर्यटक भुला न सके।
बरेली आंवला मार्ग पर पुल के पास हरे भरे पार्क स्ट्रकचर होगा जो आपको बताएगा कि ‘अहिच्छत्र नगरी बरेली’ में आपका स्वागत है।