UPSTF : साइबर ठगी में प्रयोग होने वाले कार्पोरेट बैंक खाते किराये पर लेकर संचालित करने वाले संगठित गिरोह के सरगना सहित 06 सदस्य गिरफ्तार।

स्पेशल टास्क फोर्स, उत्तर प्रदेश, लखनऊ।प्रेस नोट संख्याः 96, दिनांक 29-03-2025

डिजिटल अरेस्ट, शेयर मार्केट/इनवेस्टमेंट, टास्क, गेमिंग, आदि तरीकों से की जा रही साइबर ठगी में प्रयोग होने वाले कार्पोरेट बैंक खाते किराये पर लेकर संचालित करने वाले संगठित गिरोह के सरगना सहित 06 सदस्य गिरफ्तार।

दिनांकः 28-03-2025 को एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को डिजिटल अरेस्ट, शेयर मार्केट/इनवेस्टमेंट, टास्क, गेमिंग, आदि तरीको से की जा रही साइबर ठगी में प्रयुक्त होने वाले कर्पोरेट बैंक खाते किराये पर लेकर संचालित करने वाले संगठित गिरोह के सरगना सहित 06 अभियुक्तों को लखनऊ से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरणः
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1. अब्दुल मलिक पुत्र अब्दुल बकी निवासी ग्रांम ब्रहमचारी पो0 व थाना मेंहदावल जिला संतकबीर नगर हाल पता फ्लैट न0 103 प्रथम तल खूबसूरत अपार्टमेंट नियर डीएम कम्पाउंड लालबाग हजरतगंज लखनऊ। (सरगना) शिक्षा- 12वीं।
2. आयुष मिश्रा पुत्र रणविजय मिश्रा निवासी म0न0 751 उत्तरी जटेपुर थाना शाहपुर जिला गोरखपुर हाल पता द्वारा चंदन सिंह फ्लैट न0 1106 डी ब्लाक सरस्वती अपार्टमेंट थाना गोमती नगर विस्तार लखनऊ। शिक्षा बीटेक।
3. याषीन अहमद उर्फ यासिर पुत्र रफीक अहमद निवासी महरानीगंज घोसियाना स्टेषन रोड गोंडा हाल पता द्वारा हैदर अब्बास 55/56 आलोक नगर कल्यानपुर थाना गुडम्बा लखनऊ। शिक्षा- 10वीं।
4. सैयद आलिम हुसैन पुत्र सैयद आरिफ हुसैन निवासी मोहल्ला राधा कुंड नियर चौक थाना को0 नगर गोंडा हाल पता 521 एलआईजी कालोनी नियर डीसीएम स्कूल जमालपुर थाना जमालपुर लुधियाना पंजाब। शिक्षा- बीबीए।
5. पुष्पेन्द्र सिंह पुत्र स्व0 बालकिषोर निवासी करकसा थाना डलमऊ जिला रायबरेली हालपता आनन्द लोक कालोनी सेमरा थाना चिनहट लखनऊ। शिक्षा- एमबीए
6. विजय कुमार पाठक पुत्र संतोष कुमार पाठक निवासी ग्राम पठकौली पो0 विजयीपुर थाना केराकत जिला जौनपुर हालपता- 568-ख/108 गीतापल्ली थाना आलमबाग लखनऊ। शिक्षा-पीएचडी।

बरामदगी-
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1- 11 अदद मोबाइल फोन।
2- 18 अदद डेबिट/क्रेडिट कार्ड।
3- 02 अदद चेकबुक।
4- 01 अदद ब्लैक चेक।
5- 03 अदद आधार कार्ड।
6- 03 अदद पैन कार्ड
7- 01 अदद डीएल ।
8- 01 अदद निर्वाचन कार्ड।
9- 52 पेज whatsapp के स्क्रीनशाट जिसमें साइबर अपराध करने से सम्बन्धित एपीके फाइल, चैटिंग व कार्पोरेट बैंक खातों की जानकारी है।
10- रूपये 34,500/- (चौंतीस हजार पांच सौ मात्र) नकद।
11- 02 अदद कार (यूपी 32 जीबी 1001 हुंडई वरना, यूपी 32 जेजे 6888 हुंडई I-20)

गिरफ्तारी का दिनांक, स्थान व समयः- स्थानः आधार कार्ड आफिस के पास, गाडफादर कैफे के सामने विभूतिखण्ड लखनऊ। दिनांकः 28-03-2025 समय: 23ः50 बजे।

एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से डिजिटल अरेस्ट, शेयर मार्केट/इनवेस्टमेंट, टास्क, गेमिंग, आदि तरीको से की जा रही साइबर ठगी में प्रयुक्त होने वाले कार्पोरेट बैंक खाते किराये पर लेकर संचालित करने वाले संगठित गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ उ0प्र0 की विभिन्न टीमो /इकाईयों को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। जिसके क्रम में श्री विशाल विक्रम सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, उ0प्र0 के पर्यवेक्षण मे एस0टी0एफ0 मुख्यालय स्थित साइबर टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसचूना तन्त्र को सक्रिय किया गया।

अभिसूचना संकलन के क्रम में ज्ञात हुआ कि थाना साइबर क्राइम लखनऊ में एटेक्ष इन्नोवेशन प्रा0लि0 आईटी सैल्यूशन कम्पनी लखनऊ द्वारा मुकदमा पंजीकृत कराया गया कि मेरी कम्पनी के विस्तार व वार्षिक टर्नओवर बढाने के लिए आयुष मिश्रा के माध्यम से मलिक अंसारी टेलीग्राम आईडी- /@malik_ansari_0 पर सम्पर्क हुआ जिसने बताया कि उसकी कम्पनी के पास पेमेंट आउटसोर्सिंग के वैध दस्तावेज और प्रमाणपत्र उपलब्ध हैं। उसके बाद अब्दुल मलिक द्वारा कम्पनी के बैंक खाते की जानकारी मांगी गयी और कम्पनी के बैक खातें से लिंक मोबाइल नम्बर वाले मोबाइल में एपीके फाइल के माध्यम से एक साफ्टवेयर डाउलोड कर दिया गया इसके बाद बैंक खाते में लगभग 48 लाख रूपये आये फिर लगभग 3200 ट्रांजेक्शन के माध्यम से ट्रांसफर कर लिया। इसके बाद कम्पनी का बैंक खाता बैंक द्वारा फ्रीज कर दिया गया बैंक से पता करने पर पता चला कि यह साइबर ठगी का रूपया था जो कम्पनी के बैंक खाते में आया था। इसके बाद अब्दुल मलिक से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो सम्पर्क नही हो पाया। जिससे कम्पनी को लगा कि उनके साथ बडा साइबर फ्राड हो गया है।
उपरोक्त प्रकरण पर तकनीकी विषेषज्ञता के आधार पर विष्लेषण एवं मुखबिर के माध्यम से सूचना संकलित करते हुए दिनांक 28-03-2025 को एसटीएफ टीम द्वारा उपरोक्त संगठित गिरोह के सरगना सहित 06 अभियुक्तों को विभूतिखण्ड लखनऊ से गिरफ्तार किया गया, जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुई।

गिरफ्तार अभियुक्तों व गैंग के सरगना अब्दुल मलिक से पूछताछ में पता चला कि अब्दुल मलिक वर्ष 2017 में संतकबीर नगर से इंटरमीडिएट करने के बाद लखनऊ में नीट की तैयारी करने के लिए आया। 03 वर्षों तक प्रयास करने पर भी वह नीट में सफल नही हुआ। इसी बीच उसकी लखनऊ में कई लोगों से मित्रता हो गयी वह लखनऊ में रहने लगा। वर्ष 2022 में उसकी मुलाकात शुभम ठाकुर नामक व्यक्ति से हुई जो खुद को शेयर मार्केट का बडा ट्रेडर बताता था। शुभम ने मलिक को बताया कि उसके साथ काम करने व इनवेस्टमेंट करने पर वह रू 1 लाख पर 12 हजार रूपये प्रतिमाह की दर से फायदा देता है। फायदे के लालच में आकर मलिक द्वारा खुद से लोन लेकर लगभग 10 लाख रूपये व अपने जानने वालों के लगभग 50 लाख रूपये शुभम को ट्रेडिंग करने के लिए दिये गये। दो माह तक फायदा देने के बाद शुभम सारे रूपये लेकर भाग गया। कर्ज अधिक हो जाने व लोगों द्वारा अपना रूपया वापस मांगने के कारण मलिक द्वारा साइबर क्राइम कर रूपये कमाने का प्रयास किया जाने लगा। इसी क्रम में वर्ष 2024 में थाना छितवापुर में अब्दुल मलिक पर मु0अ0सं0 145/2024 पंजीकृत हुआ जिसमें मलिक व उसके गिरोह द्वारा एनजीओ के माध्यम से लगभग 15 लाख रूपये की ठगी गयी थी। सितम्बर-2024 में मलिक की मित्रता लखनऊ के फरहान से हुई। फरहान ने मलिक को जैकी पूना व डेनियल काठमांडू नेपाल से सोषल मीडिया के माध्यम से जोडा और कम समय में साइबर क्राइम कर रूपये कमाने के लिए कार्पोरेट बैंक खातों की जानकारी व बैंक खाता धारकों को मैनेज कर उनके बैंक खातों की जानकारी साझा करने पर मोटा कमीषन देने की बात हुई। इसके बाद मलिक अपने मित्र आयुष मिश्रा, याषीन अहमद, सैयद आलिम, पुष्पेन्द्र सिंह आदि के साथ मिलकर ठगी का काम करने लगा। फील्ड से कार्पोरेट बैंक खाता धारकों को ढूढकर उनकों मोटा कमीषन का लालच देकर उनकी बैंक खाते की किट, एटीएम कार्ड, चेक बुक, रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर सिम कार्ड, इंटरनेट बैंकिग का यूजर आईडी पासवर्ड, कार्पोरेट आईडी, क्यूआर कोड आदि लेकर मलिक तक पहुचाने का काम गैंग के अन्य सदस्य करने लगे। गैंग के सदस्य बैंक खाता धारक के साथ होटल में रूकते थे फिर मौका पाकर उसके मोबाईल में एपीके फाइल के माध्यम से मैसेज फारवर्ड करने का साफ्टवेयर डाउनलोड कर देते थे। फिर अब्दुल मलिक, डानियल काठमांडू नेपाल, फरहान निवासी इंदिरा नगर लखनऊ जैकी निवासी पूना आदि के माध्यम से साइबर ठगी की प्रक्रिया पूरी कर पब्लिक के साथ साइबर ठगी का काम कर अवैध रूप से धन अर्जित करने लगे।
इसी क्रम में दिनांक 12 दिसम्बर 2024 को इस गिरोह द्वारा एटेक्ष इन्नोवेषन प्रा0लि0 आईटी सैल्यूषन कम्पनी लखनऊ का टर्नओवर बढाने का झांसा देकर कम्पनी के आईसीआईसीआई बैंक खाता संख्या- 353005000965 को अनाधिकृत तरीके से एपीके फाइल के माध्यम से साफ्टवेयर डाउनलोड कर संचालित कर रू 47,58,968/- की साइबर ठगी की गयी। इसके बाद इस गिरोह द्वारा जनवरी 2025 में टेलीग्राम पर निलेष यादव बिहार के नाम की आईडी पर सम्पर्क कर इंडियन ओवरसीज बैंक का कार्पोरेट बैंक खाता किराये पर लिया गया था इसके बाद डेनियल काठमांडू नेपाल ने उस बैंक खाते को संचालित कर लगभग 1 करोड 20 लाख की साइबर ठगी की थी। जिसमें भी इस गिरोह को मोटा कमीषन मिला था। इस गिरोह से बरामद इलेक्ट्रानिक डिवाइसों के प्रथम दृष्टयः परीक्षण से 10 कार्पोरेट बैंक खातों की डिटेल प्राप्त हुई जिनका प्रयोग इस गिरोह द्वारा साइबर ठगी मे किया गया है- खाता संख्या- 924020049641238-UTIB0001878ए खाता संख्या – 120031505045. CNRB0005319ए खाता संख्या- 7967476832. इंडियन बैंक खाता संख्या – 42018377283SBIN0006212ए खाता संख्या- 50100430427402. HDFC0003843ए खाता संख्या – 2502422765508126. AUBL0004227 खाता संख्या- 10184252817. IDFC खाता संख्या – 40920200000645. BOB उपरोक्त बैंक खातों की जानकारी राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल NCCRP से प्राप्त करने पर ज्ञात हुआ कि उपरोक्त गिरोह के विरूद्व देश में साइबर क्राइम की 25 अन्य शिकायतें भी दर्ज हैं।
गिरोह के सदस्य अब्दुल मलिक से कडाई से पूछताछ करने पर उसके द्वारा बताया गया कि आज हम लोग यहां पर एक्सिस बैंक के कार्पोरेट खाता संख्या 924020049641238 जो कि विजय कुमार पाठक का है जिसको कल से डेनियल काठमांडू नेपाल द्वारा आपरेट किया जा रहा है के माध्यम से ठगे गये रूपयों से प्राप्त कमीशन को बांटने के लिए इकट्ठा हुए थे। इसके अतिरिक्त भी हम लोगों द्वारा कई कार्पोरेट बैंक खातों को अनाधिकृत तरीके से एक्सिस कर आपरेट किया गया हैं जिनमें डिजिटल अरेस्ट, शेयर मार्केट, इनवेस्टमेंट, टास्क फ्राड, गेमिंग, जुआ, आदि तरीकों से साइबर ठगी का रूपया आया था जिसका हम लोगों को मोटा कमीशन मिला है।
अभियुक्त द्वारा दी गयी जानकारी के माध्यम से गिरोह के अन्य सदस्यो की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। अभियुक्तों से बरामद इलेक्ट्रानिक उपकरणों का फारेंसिक परीक्षण कराया जोयेगा।
उपरोक्त गिरफ्तार अभियुक्तों को मु0अ0सं0 51/2025 धारा 318(;4), 319 (2) 111(2)ख भारतीय न्याय संहित व 66सी सूचना प्रोद्यौगिकी अधिनियम थाना साइबर क्राइम लखनऊ में दाखिल कर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।

Press Note 96 Date 29-03-2025

गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन

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