केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एनईआरएएमएसी (नेरामैक) के अधिकारियों और एफपीओ के साथ बातचीत की
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एनईआरएएमएसी (नेरामैक) के अधिकारियों और एफपीओ के साथ बातचीत की
भारत में कोविड के बाद की अर्थव्यवस्था के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में कृषि क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है: डॉ. जितेंद्र सिंह
डॉ.जितेंद्र सिंह नेरामैक को इसे लाभदायक उद्यम बनाने के लिए जल्द ही एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने को कहा
केंद्रीय उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक,लोक शिकायत, पेंशन,परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि भारत में कोविड के बाद की अर्थव्यवस्था के लिए उत्तर – पूर्वी राज्यों में कृषि क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने उत्तर – पूर्वी क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम लिमिटेड (नेरामैक- एनईआरएएमएसी) के अधिकारियों और किसानों के समूहों के साथ बातचीत करते हुए बताया कि कई व्यावसायिक घराने विशाल कृषि संसाधनों का फायदा उठाने के लिए उत्तर – पूर्वी राज्यों की ओर देख रहे हैं और हमें इस अवसर से वंचित नहीं होना चाहिए। उन्होंने बताया कि फलों के सांद्रण और फलों के रस संयंत्र जैसे कई कृषि आधारित उद्योग स्थापित करने के लिए आकर्षक प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं और जल्द से जल्द इन्हें क्रियान्वित किया जा सकता है।
डॉ.जितेंद्र सिंह ने उत्तर – पूर्वी क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम लिमिटेड (नेरामैक- एनईआरएएमएसी) को कोविड खत्म होने के बाद अपने अनूठे उत्पादों की पहचान करके और उनकी उत्तर – पूर्वी क्षेत्रे से बाहर भारत की बाकी जगहों पर ब्रांडिंग कर बिक्री के जरिए एक लाभदायक उद्यम बनने के लिए कहा है। उन्होंने नेरामैंक को एक सप्ताह के भीतर इसके लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार कर पेश करने को कहा है।
डॉ.जितेंद्र सिंह ने कहा कि संकट की इस घड़ी में किसानों की मदद करना नेरामैक, किसान संगठनों, उत्तर–पूर्वी क्षेत्र और इस तरह पूरे भारत के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि जब केंद्र मदद के लिए आगे आ रहा है, सोसाइटी तैयार है, देश बदलाव के लिए तरस रहा है और व्यापारिक घराने बड़े स्तर पर उत्तर – पूर्वी कृषि क्षेत्र में निवेश करने के इच्छुक हैं तो यह स्थिति निश्चित रूप से कोविड के बाद भारत के आर्थिक सुधार में मदद करेगा।
केंद्रीय मंत्री डॉ.सिंहने ताजा और विदेश भेजे जा सकने वाले फलों,मसालों और काला चावल (ब्लैक राइस) जैसे अन्य विशिष्ट कृषि उत्पादों की प्रचुरता का उल्लेख करते हुए कहा कि नेरामैक को इस क्षेत्र में कृषि– बाग़बानी क्षेत्र का केंद्र बन जाना चाहिए और किसानों को उनकी आय बढ़ाने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने तालाबंदी (लॉकडाउन)के दौरान कृषि उपजों की खरीद के माध्यम से किसानों की मदद करने और इस प्रकार किसानों को मजबूरन बिक्री से बचाने के लिए नेरामैक की प्रशंसा की लेकिन इसके साथ ही उन्होंने इसे अपने संचालन बढ़ाने के लिए भी कहा। उन्होंने आशावाद के साथ यह भी कहा कि नेरामैक का कारोबार 2018-19 में 2 करोड़ से बढ़कर 2019-20 में 20 करोड़ हो गया है। उन्होंने नेरामैक से अगले पांच वर्षों में 200 करोड़ रुपये के कारोबार का लक्ष्य हासिल करने को कहा है।
वीडियों कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में उत्तर – पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय में सचिव डॉ. इंदरजीत सिंह, एनईसी के सचिव श्री एम के चलई, नेरामैक के अध्यक्ष श्री सौरभ एंडले, और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।