काज़ी-ए-हिंदुस्तान की खुसूसी दुआ के साथ दो रोज़ा उर्स-ए-ताजुश्शरिया का हुआ समापन। बरेली सहित दुनिया भर में ऑनलाइन मनाया गया क़ुल शरीफ ।
पैग़म्बर-ए-इस्लाम और कुरान की शान में गुस्ताकी करनें वालों को हुकूमत-ए-हिन्द जल्द से जल्द गिरफ्तार करें: मुफ्ती शाहज़ाद
दरगाह आला हज़रत परिसर दरगाह ताजुश्शरिया और मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर रज़ा में सुन्नी बरेलवी मसलक के बड़े मज़हबी रहनुमा हुज़ूर ताजुश्शरिया हज़रत अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद अख़्तर रज़ा खां (अजहरी मियां) का तीसरा सालाना दो रोज़ा उर्स-ए-ताजुश्शरिया ऑनलाइन मनाया गया। दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन क़ाज़ी-ए-हिन्दुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रज़ा खां कादरी (असजद मियां) की सरपरस्ती और जमात के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उर्स प्रभारी सलमान मियां की सदारत व उल्मा ए इकराम की मौजूदगी में कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। जमात रज़ा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मिया ने बताया की इस साल कोरोना जैसी महामारी को देखते हुए ताजुश्शरिया का तीसरा सालाना दो रोज़ा उर्स बरेली सहित विश्व भर में ऑनलाइन मनाया गया। दरगाह ताजुश्शरिया और मदरसा जामियातुर रज़ा के अलावा लोगो ने मस्जिदों, खानकाहों, अपने घरों, मोहोल्लो, दुकानो और गाँव में बड़ी शान-ओ-शौकत के साथ उर्स मनाया और मदरसा जामियातुर रज़ा में स्टाफ की मौजूदगी में ऑनलाइन उर्स मनाया गया। काजी-ए-हिन्दुस्तान ने दरगाह ताजुश्शरिया पर कुल की रस्म अदा की।
जमात रज़ा के प्रवक्ता समरान खान ने बताया गुरुवार को दरगाह ताजुश्शरिया पर फजर की नमाज़ बाद कुरानख्वानी और नात-ओ-मनकबत की महफ़िल सजाई गई। सुबह 07 बजकर 10 मिंट पर हुज़ूर ताजुश्शरिया के वालिद-ए-गिरामी हुज़ूर मुफस्सिर-ए-आज़म हज़रत इब्राहीम रज़ा ख़ान (जिलानी मियां) के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। इसके बाद दिन भर दरगाह आला हजरत और दरगाह ताजुश्शरिया पर मुरीदों व चाहने वालों की हाज़िरी व गुलपोशी का सिलसिला चलता रहा। उर्स के मुख्य कार्यक्रम का आग़ाज़ असर की नमाज़ बाद क़ारी दिलशाद बनारस ने तिलावत-ए-कुरान से किया। नातख्वा रफीक रज़ा कादरी मुंबई, सादिक रज़वी मुंबई, सय्यद कैफी, नईम रज़ा तहसीनी, मुस्ताफ़ा मुर्तज़ा अज़हरी ने नात-ओ-मनकबत का नज़राना पेश किया। इसके बाद उल्मा-ए-इकराम व मुफ्ती-ए-इकराम ने ताजुश्शरिया की ज़िंदगी पर रोशनी डाली। मुफ्ती शाहजाद आलम ने कहा की कुरान अल्लाह का कलाम है जिसमें क़यामत तक कोई तब्दील नही हो सकती और नही उस जैसी कोई पावित्र किताब है। अगर कोई वसीम रिजवी जैसा शक्स येह कहे कि उसको तब्दील कर दूंगा तो उसका येह पागल पन है। उसको चाहिए वॉह अपना किसी अच्छे डॉक्टर से इलाज करवाए। हम हुकूमत-ए-हिन्द से मांग करते पैगम्बर-ए-इस्लाम और कुरान की शान में गुस्ताकी करनें वालों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करें। इसके बाद 07 बजकर 14 मिंट पर हुजूर ताजुश्शरिया हज़रत अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद अख़्तर खां (अजहरी मियां) अलैहिर्रहमा का कुल शरीफ दरगाह ताजुश्शरिया और मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर रज़ा मे मनाया गया। फातिहा कारी शर्फुद्दीन व कारी फैज़ूल नबी ने शिज़रा मुफ्ती अफज़ाल रज़वी ने पढ़ा। मुफ्ती असजद मियां ने कोरोना से निजात पाने के लिए बरेली साहित विश्व भर के लिए खुसूसी दुआ की। अंत में सलातो सलाम के साथ ताजुश्शरिया के दो रोज़ा उर्स का समापन हुआ। उर्स की निजामत मौलाना गुलज़ार और मौलाना शम्स ने की। इस मौके पर हुस्साम मिया, हुम्माम मिया, मुफ्ती आशिक हुसैन, बुरान मिया, मंसूब मिया, मौलाना अज़ीमुद्दीन, कारी काज़िम रज़ा, मौलाना अब्दुल कादिर, मौलाना शकील, कारी फैज़ू नबी, मौलाना शाहमत रज़ा, मौलाना सैफ अली कादरी, मौलाना जाहिद रज़ा आदी मौजूद रहें।
आईटी सेल प्रभारी अतीक अहमद हश्मती ने बताया की उर्स के ऑनलाइन प्रसारण के लिए वेबसाइट लिंक सोशल मीडिया के जरिए जारी कर दिया गया था जिससे हिंदुस्तान समेत पूरी दुनिया के देशों जैसे मदीना शरीफ, दुबई, बांग्लादेश, पाकिस्तान, मलेशिया, तुर्की, इंडोनेशिया, ईरान, लीबिया, कतर, ओमान, जिम्बाब्वे, जॉर्डन, मिस्र, साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, हॉलैंड, श्रीलंका आदि देशों के साथ साथ हिंदुस्तान के कई प्रदेशों जैसे उत्तर प्रदेश छत्तीसगढ़, बिहार, गुजरात, कश्मीर, झारखंड, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिसा आदि के तमाम शहरों में भी सरकार ताजुश्शरिया के तीसरा सालाना उर्स की रस्म ऑनलाइन से जुड़ के अदा की गई। दो दिन के कार्यक्रम को लगभग 25 लाख जायरीन ने आई फ़ोन, एंड्रॉइड फ़ोन, आई पैड, लैपटॉप, डेस्कटॉप आदी। इन लिंक पर क्लिक करके उर्स का लाइव ओडियो प्रसारण सुना।
उर्स की व्यवस्थाओं में इनका रहा खास सयोग
मोईन खान, अब्दुल्लाह रज़ा खाँ, डॉक्टर मेहंदी हसन, समरान खान, हाफिज इकराम रज़ा खाँ, शमीम अहमद, मौलाना निजामुद्दीन, मोहम्मद कलीम उद्दीन, बख्तियार खाँ, नदीम अहमद सुभानी, मोईन अख्तर, शाईबूद्दीन रज़वी, वसीम रज़ा, दानिश रज़ा, नवेद असलम, कौसर अली, दन्नी अंसारी, गुलाम हुसैन, आबिद नूरी, फैजान खान, आकिल रज़ा, डॉक्टर जफर खान, आदी का सयोग रहा ।।
बरेली से मोहम्मद शीराज़ ख़ान की रिपोर्ट !