दो दिवसीय चेंज लीडर कार्यशाला का समापन हुआ।
समस्तीपुर:- सभी क्वेस्ट अलायन्स एवं 17 संकुल सहायक समन्वयक के साथ दो दिवसीय चेंज लीडर कार्यशाला का समापन पटना में हुआ। जिसमें समस्तीपुर जिले के 17 चेंज लीडर ने भाग लिया।
यह सभी चेंज लीडर पिछले तीन वर्षो से आनंद्शाला कार्यक्रम के साथ एक चेंज लीडर के रूप में जुड़े थे। यह समस्तीपुर के सभी प्रखंडो में संकुल समन्वयक एवं प्रखंड साधनसेवी के रूप में कार्यरत थे। जुलाई 2015 में समस्तीपुर में आयोजित अनाद्शाला गोष्ठी में इनका चेंज लीडर के रूप में चयन किया गया था। विगत तीन वर्षो के दौरान इन चेंज लीडर ने अपनी भूमिकाओं का बेहतरीन ढंग से निर्वहन किया। इन्होंने प्रखंड में एक मास्टर ट्रेनर के रूम में आनंद्शाला कार्यक्रम के तहत शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों एवं संकुल समन्वयको को प्रशिक्षण देने का कार्य किया, साथ ही विद्यालयों में बदलाव को ध्यान में रखते हुए कुछ चेंज प्रोजेक्ट किये जिसके तहत समुदाय का विद्यालय के प्रति जुडाव बढ़ाना एवं समुदाय के सहयोग से विद्यालयों में पुस्तकालय का निर्माण, चेतना सत्र के लिए मंच का निर्माण, बच्चो में शुरू से ही जीवन कौशल को ध्यान में रखते हुए विद्यालय की आखिरी घंटी के दौरान सिलाई सिखाना, कंप्यूटर सिखाना इनको सिखाने के लिए समुदाय से प्रशिक्षकों का जुड़ना साथ ही बच्चों में शुरू से ही बचत की सोच बनाने हेतु चिल्ड्रेन्स बैंक शुरू कराया और इसी तरह के बहुत सारे चेंज प्रोजेक्ट स्कूल एवं समुदाय के साथ मिलकर ऐसे सराहनीय कार्य रहे, जो इन्होंने विगत तीन वर्षो के दौरान किये।
यह सभी संकुल समन्वयक एवं प्रखंड साधनसेवी जो की प्रखंड में आनंद्शाला कार्यक्रम के लिए एक चेंज लीडर के रूप में कार्य कर रहे थे। अपने संकुल समन्वयक एवं प्रखंड साधन सेवी के कार्यकाल को पूरा करने के बाद अपने विद्यालयों में वापस चले गए हैं। इन दो दिनों की कार्यशाला में तीन साल की यात्रा के मुख्य पहलूओं, जिसमें उन्होंने अपने स्कूल में सपनों को साकार करने की प्रक्रिया, चुनौतियों, रणनीतियों, शिक्षा विभाग एवं चेंज लीडर के रूप में काम करते समय कुछ सीमा थी उस पर भी चर्चा की गयी। समुदाय एवं स्कूल के बीच की दूरी को दूर करते हुए समुदाय की स्कूल के प्रति भागीदारी एवं स्कूल को शिक्षा के प्रति ज़िम्मेदारी को बढ़ाने के लिए मुख्य बिन्दुओं पर भी चर्चा की। इन चेंज लीडर्स ने अपने प्रोजेक्ट के दौरान आये चुनौतियों एवं समस्याओं के बारे में चर्चा करते हुए उसके समाधान की रणनीतियों पर ज़ोर डाला। यह सभी नेतृत्व कौशल एवं छमता जो उन्होंने इन तीन सालों में लागू किया और सफल रहे उसको भी अंकित किया। प्रतिभागियों ने इन्हीं पहलूँओं को ध्यान में रखते हुए हर पृष्ठ पे इस चेंज प्रोजेक्ट की मूल को एक किताब की रूप रेखा दी ताकि आगे सभी के साथ साझा किया जाये। क्वेस्ट अलायन्स के कार्यकर्ता ने भी अपने पृष्ट पर चेंज प्रोजेक्ट के संधर्ब में परिप्रिष्ट बनाया। इस कार्यशाला के दौरान सभी ने यह तय किया की अपनी इस चेंज लीडर की भूमिका को जिस भी जगह पे रहेंगे चाहे वो शिक्षक की हो या प्रधानाध्यापक की, सभी जगह वो इस भूमिका में आगे रहेंगे। एक चेंज लीडर के रूप में अभी तक किये जा रहे बदलाव को सुचारू रूप से जारी रखने के प्रति कृत संकल्प हैं। इसी चर्चा को दुसरे दिन में आगे बढ़ाते हुए शिक्षा के छेत्र में आन्दोलन के बारे में चर्चा की गयी जिसमें समुदाय एवं स्कूल के सामूहिक समस्या को लेकर आगे आन्दोलन का रूप दिया जाये ताकि शिक्षा के छेत्र में एक विशाल बदलाव आ पाए। समुदाय एवं विद्यालय स्तर पर शिक्षा के समीप जागरूकता फैले, एक दुसरे को गुणवत्ता शिक्षा के लिए सहयोग दें, समुदाय एवं स्कूल की जवाबदेही शिक्षा के प्रति बढे। इस आन्दोलन को स्कूल, शिक्षक, एवं समुदाय ही अपने स्तर पर आगे ले जाये और कुछ बड़े बदलाव के बारे में सोचें और लायें। अब चेंज लीडर एक आन्दोलन करता की भूमिका भी निभायेंगे और आगे बदलाव के लिए प्रेरित करेंगे।