नकारात्मकता परोसते टी.वी. चैनल्स

वर्तमान समय में पूरा देश और समाज बहुत ही कठिन दौर से गुजर रहा है। कोरोना के भय से देश की आधे से अधिक आबादी लाकडाउन के कारण घरों में कैद है। प्रतिदिन चार लाख से अधिक लोगों का संक्रमित हो जाना और चार हजार से अधिक लोगों का देहावसान हो जाना अन्तर्मन को हिला कर रख देता है। ऐसे में देशवासियों का मनोबल बनाए रखने की सख्त जरूरत है, मगर आपदा की इस घड़ी में हमारे टी.वी. चैनल्स की भूमिका बहुत ही निराशाजनक है। वे लगातार नकारात्मक खबरें अपने चैनल्स पर प्रसारित कर रहे हैं। इन नकारात्मक खबरों से लोगों में भय, तनाव और दहशत उत्पन्न हो रही हैं वे स्टेªस का शिकार हो रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि कोरोना से मरने वाले मरीजों में चालीस प्रतिशत से अधिक लोगों की मौत हार्ट फेल हो जाने या बी.पी. बढ़ जाने से हो रही है और इसका मूल कारण स्टेªस ही है।
आप चैनल्स के कार्यक्रमों को देखिए वे देश के सिस्टम और अस्पतालों में हो रही अव्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। वे दिखा रहे हैं कि अस्पतालों में मरीज इलाज के अभाव में कैसे तड़प-तड़प कर दम तोड़ रहे हैं। आक्सीजन के अभाव में मरने वालों के फोटो वायरल कर रहे हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन और आक्सीजन के सिलेण्डरों की कालाबाजारी करने वालों के कारनामे प्रसारित किये जा रहे हैं। रोज देश में संक्रमण से मरने वालों और नए संक्रमितों के आंकड़े दिन में कई-कई बार प्रसारित हो रहे हैं। कई चैनल्स इस बात को ही मुद्दा बना रहे हैं कि देश की इतनी बड़ी आबादी को वैक्सीन लगाने में कई महीने लग जायेंगे। कुछ चैनल्स कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी बार-बार प्रसारित कर रहे हैं। बी.पी. मरीज और शुगर मरीजों के लिए कोरोना अधिक घातक है, कुछ चैनल्स का फोकस इस तरह की खबरों पर है। इन खबरों को देख-देख कर आम दर्शक अपने को असहाय और असुरक्षित अनुभव कर रहा है और उसमें तनाव और स्टेªस बढ़ रहा है जो उसके शरीर के लिए अत्यन्त घातक है।

इस समय लोगों का मनोबल और आत्म विश्वास को बनाये रखना सबसे बड़ी चुनौती है। इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि टी.वी. चैनल्स सकारात्मक खबरों को प्राथमिकता दें। वे दिखाए कि आज देश के कितने लोगों ने कोरोना से जंग जीत ली। उनके अनुभव साझा कर सकते हैं। उन डाक्टर्स एवं नर्सेस के इन्टरव्यू प्रसारित करें जो अपने प्राणों की परवाह ना करते हुए रात-दिन मरीजों की देखभाल कर रहे हैं। उन संस्थाओं एवं व्यक्तियों के कामों को प्रसारित करें जो आक्सीजन के सिलेण्डर रेमडेसिविर इंजेक्शन माक्स आदि के लिए उदारतापूर्वक धन दान कर रहे हैं। सिस्टम के उस पहलू को उजाकर करें जो दिन रात आक्सीजन की आपूर्ति, वैक्सीन एवं रेमडेसिविर इंजेक्शन के उत्पादन बढ़ाने में लगे हुए हैं। इन सारी बातो से कोरोना के खिलाफ जंग में लोगों का मनोबल बढ़ाने में मदद मिलेगी।
सुरेश बाबू मिश्रा
सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य, बरेली
मोबाइल नं. 9411422735,
E-mail : sureshbabubareilly@gmail.com

 

 

बरेली से निर्भय सक्सेना की रिपोर्ट !

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