बरेली का गांव फ़रीदापुर इनायत खां होगा खेल साक्षर,फ़रीदापुर इनायत खां में जली खेल साक्षरता की मशाल
बरेली (अशोक गुप्ता )- जनपद बरेली की तहसील सदर के गांव फरीदापुर इनायत खाँ के खेल मैदान में आज खेल साक्षरता अभियान की शुरूआत की गई। खेल साक्षरता अभियान की शुरूआत देश की जानी मानी गैस सप्लाई करने वाली कम्पनी सीयूजीएल और खेल साक्षरता मिशन को बढ़ावा देने वाली एनजीओ स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाइफ के संयुक्त तत्व.ावधान में की गई।
स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाइफ के कार्यक्रम निदेशक श्री रवि शुक्ला ने बताया कि इस खेल साक्षरता अभियान की शुरुआत से पहले इस गांव में तथा इस पूरे ब्लॉक में खेल साक्षरता सर्वे किया गया था। इसके अनुसार यहां महिलाओं एवं पुरूषों की खेल साक्षरता दर 1.9 तथा 6.7 प्रतिशत है, इतनी कम खेल साक्षरता को खेल निरक्षरता भी कहा जा सकता है।
कार्यक्रम निदेशक ने कहा कि अगर हमें अपना प्रदर्शन सुधारना है तो हमें खेल साक्षरता को बहुत तेजी से बढ़ाना पड़ेगा। खेल साक्षरता मिशन का शुभारंभ श्री यशपाल राणा (पूर्व अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी वॉलीबाल), श्रीमति गीता अरोरा शर्मा (पूर्व ओलम्पियन हॉकी खिलाड़ी), श्री पुष्पेन्द्र सिंह (नेशनल एथलिट खिलाड़ी), श्री धनन्जय सिंह (ग्राम प्रधान) के कर कमलों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम निदेशक ने बताया कि खेल साक्षरता अभियान के तहत सीयूजीएल और स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाइफ द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि घर-घर जाकर खेल साक्षर बनाने का अभियान चलाया जायेगा। इस गांव से यह अभियान कर बरेली जिले के लगभग सभी गांवों में चलाया जायेगा। खेल साक्षरता अभियान चलाने के लिए “स्पोर्ट्स लिटरेसी वैन” को भी चलाया गया है, जिसमें एलसीडी स्क्रीन लगी हुई है और इस पर ग्रामीण बच्चों को खेलों पर आधारित लघु फिल्म दिखाई जायेंगी। गांव के बच्चों को भी खेल की पुस्तकें तथा कैलेंडर वितरित किये जायेंगे, जिसमें हिन्दी वर्णमाला को सिखाने के लिए खेलों की शब्दावली का प्रयोग किया गया है। हर घर के बाहर खेलों से संबंधित मैसेज लिखे हुए स्टिकर चिपकाये जायेंगे, जिसके माध्यम से उन्हें खेल के लिए प्रेरित किया जायेगा तथा खेल के फायदे बताते हुए पम्फ्लेट भी बांटे जायेंगे।
सीयूजीएल से श्री मुदित कंचन ने बताया कि खेल साक्षर बनने से जहां बच्चों में खेल के लिए लगन पैदा होगी वहीं अगर देश के दृष्टिकोण से सोचें तो यही बच्चे कल को ओलम्पिक तथा राष्ट्रीय स्तर पर खेलने जायेंगे। सीयूजीएल को अब खेलों को बढ़ावा देने वाली संस्था के रूप में भी जाना जायेगा। इस गांव में करीब 400 परिवार है और हम ऐसी संकल्पना करते हैं कि सभी घरों के बच्चे खेलने के लिए आगे आयेंगे और हम इन बच्चों के लिए खेल से जुड़ी कई अन्य सुविधाओं का भी समय के साथ विकास करेंगे।
स्पोर्ट्स ए वे ऑफ लाइफ संस्था के अध्यक्ष तथा देश के प्रथम खेल अनुसंधान केन्द्र आईएमटी गाजियाबाद के सेंटर हैड डॉ. कनिष्क पांडेय ने बताया कि खेल निरक्षरता को समाप्त किये बिना हम ओलम्पिक जैसे खेलों में ज्यादा मेडलकी बात नहीं कर सकते। खेल पर जमे अंधकार के बादल को हटाने के लिए खेल साक्षरता अभियान एक मील का पत्थर साबित होगा और हम इस अभियान को देश के गांव-गांव तक ले जाना चाहते है। आज इस गांव के लिए खेल का कोच नियुक्त कर दिया गया है साथ ही दो फेसिलिटेटर भी नियुक्त किये गये हैं। जो कि इन बच्चों को प्रतिदिन खेल का प्रशिक्षण देंगे तथा खेल को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहेंगे। समय के साथ जब ये बच्चे नियमित खेलेंगे और इनमें प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता बढ़ेगी तब हम इन्हें जिलें एवं राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का प्रयास करेंगे।