केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आईसीएआर के 91वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया,
केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आईसीएआर के 91वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित किया, देश को कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए आईसीएआर के प्रयासों की सराहना की
आजादी के बाद पहली बार सीधे किसानों के बैंक खातों में 87,000 करोड़ रुपये की बड़ी राशि जमा की जा रही है : कृषि मंत्री
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर भारतरत्न सी. सुब्रमण्यम सभागार, पूसा, नई दिल्ली में आयोजित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 91वें स्थापना दिवस एवं पुरस्कार समारोह को सम्बोधित करते हुए।
- आईसीएआर के प्रयासों ने देश को खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्रदान की।
- वर्ष 2018 एवं 2019 का केन्द्रीय बजट पूरी तरह से किसानों और खेती-बाड़ी को समर्पित।
- सिंचाई की दृष्टि से जल संकट से बचने के लिए प्रधानमंत्री ने दूरदर्शिता दिखाते हुए नए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया हैI
- किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए दस हजार नए ‘एफपीओ‘ बनाने का लक्ष्य।
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पूसा स्थित भारतरत्न सी. सुब्रमण्यम सभागार में आयोजित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 91वें स्थापना दिवस एवं पुरस्कार समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि आईसीएआर ने अपने प्रयासों से हमारे देश को न केवल एक खाद्यान्न आयातक राष्ट्र से एक निर्यातक राष्ट्र के रूप में स्थापित किया, वरन् खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भरता प्रदान करते हुए पोषणिक सुरक्षा की तरफ कदम भी बढ़ाये हैं। उन्होंने बताया कि देश के कुशल कृषि वैज्ञानिकों के अनुसंधान और किसान भाइयों की कड़ी मेहनत के परिणामस्वरूप दलहन उत्पादन में वर्ष 2017-18 में लगभग 25 मिलियन टन का नया रिकॉर्ड हासिल किया गया है। बागवानी में तो तिहरे शतक (315 मिलियन टन) का आंकड़ा पार कर लिया गया है। यही नहीं, देश तिलहन सेक्टर में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है।
कृषि मंत्री ने बताया कि मोदी सरकार का फोकस ‘वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी’ करने पर है। इसी के मद्देनजर वर्ष 2018 एवं 2019 का केन्द्रीय बजट पूरी तरह से किसानों और खेती-बाड़ी को समर्पित किया गया है। जहां वर्ष 2009-14 के बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कुल 1,21,082 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया था, वहीं इसके मुकाबले मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2014-19 में कुल 2,11,694 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जो 74.5 प्रतिशत की उल्लेखनीय बढ़ोतरी को दर्शाता है। वर्ष 2019-20 के केन्द्रीय बजट में कृषि मंत्रालय को 1,30,485 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है जो वर्ष 2018-19 के मुकाबले 140 प्रतिशत अधिक है। यह किसानों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसमें किसानों ओर कृषि वैज्ञानिकों का योगदान महत्वपूर्ण है।
उन्होंने बताया कि मोदी सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में पिछले पांच वर्षों में अनेक कदम उठाये गए हैं जिसमें एमएसपी में बढ़ोतरी करना; खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई का अनुमोदन करना; दशकों से अटकी पड़ी सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करना; फसल बीमा योजना का विस्तार करना; 100 प्रतिशत नीम लेपित यूरिया का उपयोग करना और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को लागू करना शामिल हैं। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के वितरण का पहला दौर पूरा किया जा चुका है और अब दूसरे दौर में वितरण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त किसानों को राहत पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लागू की गई है। इस योजना से प्रत्येक किसान को जोड़ा जा रहा है। फसल उपज के भंडारण के लिए ‘ग्रामीण भंडारण योजना’ के माध्यम से किसानों को उनके गांव में ही भंडारण की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए दस हजार नए ‘किसान उत्पादक संगठन’ बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए जल प्रबंधन एक बड़ा विषय है। कम जल से खेती हो, इसके लिए ‘प्रति बूंद ज्यादा फसल’ की अवधारणा को गंभीरता से लेना होगा। हमें अपनी कुल खेती योग्य भूमि में सूक्ष्म सिंचाई का प्रतिशत बढ़ाना होगा। सिंचाई की दृष्टि से जल संकट से बचने के लिए प्रधानमंत्री ने दूरदर्शिता दिखाते हुए नए जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया हैI
कृषि मंत्री के अनुसार महिलाओं व बच्चों की पोषण सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में पहल करते हुए सरकार द्वारा ‘पोषक अनाज‘ की खेती और खपत को प्रोत्साहित करने हेतु राष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2018 के अवसर पर राष्ट्रीय बाजरा मिशन प्रारंभ किया गया। इसके साथ ही आईसीएआर ने विभिन्न फसलों में 35 जैव सक्षम किस्में निकाली हैं जिनका कुपोषण कम करने में महत्वपूर्ण योगदान होगा।
उन्होंने बताया कि कृषि और किसानों को आगे बढ़ाने के लिए मोदी सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों में सहयोग देते हुए आईसीएआर द्वारा आजादी के बाद आईएआरई, पूसा संस्थान की तर्ज पर दिल्ली से बाहर पहली बार आईएआरआई – असम और आईएआरआई – झारखंड की स्थापना की गई। सरकार द्वारा ‘प्रयोगशाला से खेत’ तक कार्यक्रम को मजबूती प्रदान करनी है और इस दिशा में आईसीएआर के कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा बहुत अच्छा कार्य किया गया है। उन्होंने कृषि विकास और खेती का रकबा बढ़ाने के साथ-साथ युवाओं का रुझान खेती की ओर बढ़ाने के लिए नीति निर्माण की आवश्यकता जाहिर की। कृषि मंत्री ने कहा कि देश की आजादी के बाद पहली बार सीधे किसानों के बैंक खातों में 87,000 करोड़ रुपये की बड़ी राशि जमा की जा रही है।
अपने सम्बोधन के आखिर में कृषि मंत्री ने आईसीएआर के विशिष्ट पुरस्कार पाने वाले संस्थानों, किसानों और पत्रकारों को बधाई देते हुए कहा कि निश्चित तौर पर इन पुरस्कारों से कृषि कार्यों से जुड़े संस्थानों व लोगों को प्रेरणा मिलेगी जिससे वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने संबंधी प्रधानमंत्री के लक्ष्य को प्राप्त करने में निश्चित रूप से सफलता हासिल होगी।