अठाइसवें महामूर्ख सम्मेलन का आयोजन हुआ
बरेली (अशोक गुप्ता )- दिनाँक 18 मार्च 2022 को होली की पूर्व संध्या में ऑल इंडिया कल्चरल एसोसिएशन एवं चित्रकूट परिसर सोसाइटी के संयुक्त तत्वावधान में अट्ठाईसवें महामूर्ख सम्मेलन का आयोजन कमल टॉकीज परिसर संस्था कार्यालय पर किया गया।कार्यक्रम आयोजक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष कबीर पुरुस्कार से सम्मानित जे. सी. पालीवाल जी रहे। सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ रंगकर्मी समाजसेवी जे. सी. पालीवाल ने कहा कि महामूर्ख सम्मेलन उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे देश का अनूठा कार्यक्रम है जिनमें उन विभूतियों को उपाधि दी जाती है जो जीवन में भूल तो करते हैं लेकिन उन भूल या गलतियों से सबक लेते हुए किसी भी छेत्र में महान कार्य करते हैं और उदाहरण बन जाते हैं।सही मायने में ये अति विशेष या विद्वान व्यक्ति हैं।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार रहे ।विशिष्ट अतिथि कैण्ट विधायक संजीव अग्रवाल,बिथरी विधायक डॉ राघवेंद्र शर्मा, व शहर विधायक डॉ अरुण कुमार व गुलशन आनंद रहे।
कार्यक्रम का संचालन प्रख्यात कवि रोहित राकेश ने किया। प्रख्यात कवि रोहित राकेश हास्य रस में अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए इस प्रकार कहा –
मुझको मुश्किल में डाल रखा है ,
कल से घर से निकाल रखा है ।
घर जाऊं तो जाऊं मैं कैसे ?
हाथ में बेलन संभाल रखा है।।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रणधीर प्रसाद गौड़ ने कहा –
फागुन में बहारें लेकर हर रंग में आती है होली, हर दिल को मसर्रत होती है, हर कौम मनाती है होली।।
नवाबगंज से पधारे कवि डॉ चेतन चेतन ने कहा-किसी की आंख से बहता नहीं काजल दिखाई दे।किसी के कान को न फिर रूदन का स्वर सुनाई दे।
विनय साग़र जायसवाल ने कहा-है
ये रंग-ए-बहार होली का
चल पड़ा कारोबार होली का
देखते ही मुझे कहा उसने
देखो आया शिकार होली का
शायर असरार नासिमी में कहा –
ये पर्व होली का है,पालीवाल का दरबार है,
शायरों की और कवियों की यहाँ भरमार है
उमेश त्रिगुणायत”अंकल” ने कहा-
भेंट दिल वाला रुमाल कर फंस गया।
औ दरीचे से ख़त डाल कर फंस गया।
अनगिनत आज मुझको पड़ी गालियां,
उसकी मिसकॉल पर काल कर फंस गया।
एस के कपूर श्री हंस ने कहा-
यह होली लेकर आये
हजारों हज़ार।
हर ओर सुख शांति
बेशुमार हो जाये।।
उपमेन्द्र सक्सेना एड. ने कहा-
साली नहीं सलैज भी सही, गोरी हो चाहे वह काली
उससे ही अब खेलें होली, वह भी लगती है मतवाली
जब वह नंदोई को चाहे, तो क्या कर लेगी घरवाली
होली में घायल कर बैठी, अब उसके होठों की लाली
शायर सरबत परबेज़ ने कहा
सब काम छोड़कर तुम आओ मिरी गली में ।
बैठेंगे आज मिलकर हम तुम भी चांदनी में।।
तुम भूल जाओ सारे शिकवे गिले यहीं पर ।
हम ज़िंदगी गुज़ारे आओ हंसी खुशी में।।
आनंद गौतम ने कहा-
रंगों में कुछ यूं रंगे, भूल गए निज नाम।
श्याम राधिका हो गए,हुई राधिका श्याम।
कमल सक्सेना ने कहा-
मर्यादा से पांव बंधे थे निकल न पाए हम घर से कैसा बैरी फागुन आया तुमसे मिलने को तरसे।
अंतर्मन की ज्वाला में हम स्वयं ही दहते चले गए।
इक दिन ऐसा आया मन की पीड़ा सहते चले गए।
कार्यक्रम में आनंद गौतम को महामूर्ख ,
शिव शंकर यजुर्वेदी को मूर्खाधिराज
राममूर्ति गौतम गगन को मूर्ख सम्राट
रोहित राकेश को मूर्ख शिरोमणि
चेतन चेतन को मूर्ख रतन
सरबत परबेज को शान ए हिंद
असरार नासिमी को शाने यूपी
शाद शम्सी को शान ए रूहेलखंड
एस ए हुदा को शान ए बरेली
उमेश नायक को व्यंग श्री
रामा शंकर प्रेमी को व्यंग रतन
राम मूर्ति गौतम गगन को मूर्ख सम्राट
कमल सक्सेना को मूर्ख गुरु
की उपाधि से नवाजा गया
केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार को भारत शिरोमणि
विधायक डॉ अरुण कुमार सक्सेना को उत्तर प्रदेश विभूषण
विधायक संजीव अग्रवाल को रूहेलखंड रत्न
विधायक डॉ राघवेंद्र शर्मा को रूहेलखंड विभूषण सम्मान दिया गया
इस अवसर पर मीडिया प्रभारी देवेन्द्र रावत व पवन कालरा ,बृजेश मिश्रा, पुलकित अग्रवाल, सुनील धवन, राजीव शर्मा टीटू, गोविंद सैनी,डॉक्टर सैय्यद सिराज, हरजीत कौर, रवि सक्सेना, हसीन, मेराज,मुनमुन सक्सेना, दिनेश पालीवाल आदि उपस्थित रहे।