साइबेरिया के शाही ख़ानदान ने नवाब शादाब अली व शाह उर्फ़ी रज़ा ज़ैदी को शांति प्रयासों के लिए ख़िताबात से नवाज़ा ।
बरेली(मोहम्मद शीराज़ ख़ान)- रुसी( साइबेरिया)के शाही ख़ानदान ने पेशवा बालाजी बाजीराव के वंशज नवाब शादाब अली बहादुर पेशवा व सेंथल (ज़िला बरेली) के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नवाब ग़ालिब अली तातारी के वंशज शाह उर्फ़ी रज़ा ज़ैदी को भारत की सांस्कृतिक विरासत उन्नति और भाईचारे की दिशा में किए गए शांति प्रयासों के लिए ख़िताबात से नवाज़ा गया। रुसी( साइबेरिया) के मशहूर शायवानिद शाही ख़ानदान जिसका ताल्लुक़ साइबेरिया के आख़री सुल्तान कुचम से था और जिनके बेटे अबुल ख़ैर ने सन् 1561 ई0 में ईसाई धर्म अपना कर रुसी के शाही ख़ानदान से अपना ताल्लुक़ बना लिया था ।
इसी ख़ानदान को सन 1686 ई0 में रुस के ज़ार के फ़ैसले के आधार पर काकेशस में इमेरेटिया के राजा के राजवंशों को साइबेरिया और कासिमोव के राजकुमारों के साथ रूसी शाही ख़ानदान के शजरे( वंशावली पुस्तक )में दर्ज किया गया । इसी शाही ख़ानदान की नस्ल से ताल्लुक़ रखने वाले एच.आर.एच. प्रिंस आईगर सिबिरिस्की आप साइबेरिया (HRH Prince Igor sibirsky of Siberia) ने जहां भारत वर्ष के महान योद्धा पेशवा बालाजी बाजीराव के वंशज नवाब शादाब अली बहादुर पेशवा जो कि हिन्दुस्तान की सांस्कृतिक विरासत और कल्चरल हेरिटेज को लगातार बढ़ावा दे रहे हैं उनको (Noyon)नोयोन और सरदार के ख़िताब से नवाज़ा वहीं सेथल ज़िला बरेली के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नवाब ग़ालिब अली तातारी के वंशज शाह उर्फ़ी रज़ा ज़ैदी को जो कि 1857 ई0 के ऐतिहासिक मोहन मंदिर जिसका निर्माण नवाब ग़ालिब अली तातारी ने करवाया था उसका का पुनर्निर्माण करवा कर देश में शांति और सौहार्द्र का संदेश दे रहे हैं उनको मिर्ज़ा के ख़िताब से नवाज़ा है। पूरे विश्व में कोविड की महामारी के चलते सांस्कृतिक कार्यक्रम कुछ समय बाद रुस की राजधानी मास्को में आयोजित किया जाएगा जिसमें भारत से शाही मेहमान के तौर पर नवाब शादाब अली बहादुर व शाह उर्फ़ी रज़ा ज़ैदी को आमंत्रित कर के सम्मानित किया जाएगा।