अयोध्या के तर्ज पर नेपाल में राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया हुई तेज़
बहराइच।कोविड19 का दंश झेल रहा पड़ोसी मुल्क अपनी सरकार की कोविड19 में किये गए इंतेजाम की नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए नित नए पैतरेबाजी करने में अपनी चाल चलता रहता है।
भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी सरकार व सत्ता पर कम होती पकड़ के कारण नेपाली जनता को लोक लुभावन वायदे करने मे नेपाल सरकार मदमस्त है।अभी कुछ महीनों पहले एक संगोष्ठी में नेपाली पीएम ने भगवान राम के जन्म स्थल के संबंध में विवादित बयान दिया था।उन्होंने नेपाल के वीरगंज जिले के ठोरी गांव में भगवान राम का जन्म बताया था और एक भव्य मंदिर बनवाने की बात कही थी।इस बयान पर भारत मे कड़ी भर्त्सना और विरोध प्रदर्शन हुए थे। इसी क्रम में पड़ोसी देश नेपाल में राम मंदिर निर्माण को लेकर हलचल अब तेज़ हो गई हैं। मधेसी आयोग के अध्यक्ष डॉ.विजय कुमार दत्त ने वीरगंज जिले के ठोरी गांव का दौरा किया है।डॉ.दत्त ने बताया कि त्रेतायुग के सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति भगवान राम चंद्र की जन्मस्थली पर शोध कार्य किया जाएगा।बुधवार को ठोरी पहुंचे डॉ. दत्त ने प्रधानमंत्री ओली के उस बयान को सही ठहराया जिसमे ओली ने कहा था कि भगवान राम का जन्म नेपाल में हुआ था।डॉ. दत्त ने आगे कहा कि ठोरी में एक विशाल राम मंदिर बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ठोरी गांव के वार्ड अध्यक्ष को इसके लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। उल्लेखनीय हो कि लगभग चार माह पूर्व प्रधानमंत्री ओली ने नेपाली महान कवि भानुभक्त आचार्य की जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि भगवान राम का जन्म नेपाल में हुआ था।उनके उस बयान के बाद जन्मभूमि तथा सीता गुफा के साक्ष्य एकत्र करने के लिए प्रकाश खनाल की अध्यक्षता में राम जन्मभूमि क्षेत्र विकास समिति का गठन किया गया है।ठोरी गांव के अध्यक्ष पदम लाल श्रेष्ठ ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए 50 मिलियन रुपये की डीपीआर तैयार कर पर्यटन मंत्रालय को सौंपी गई है।ठोरी-2 के वार्ड अध्यक्ष किशोर तमांग ने राम जन्मभूमि के विकास के लिए सरकार द्वारा किए गए हर काम में स्थानीय लोगों का समर्थन करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
लखनऊ से ब्यूरो चीफ राघवेंद्र सिंह(राजू शर्मा) की रिपोर्ट !