जो बिगड़ी बन नहीं सकती उसे वारिस पिया बनाते हैं खुदा को देना पड़ता है जिसे वारिस पिया दिलाते हैं
बरेली में जश्ने वरिसे पाक के दुसरे दिन की शुरुवात हजरत हाजी वारिस अली शाह का सबसे पसंदीदा कलाम कोहे गए सिर पर उठा लिया
जो हो सो हो ऐशो निशात जिंदगी छोड़ दी अब जो हो सो हो ये कलाम नियाज वे नियाज़ हजरत नियाज अहमद शाह साहब का है इस कलाम को जब जशने वारिस ए पाक की महफिल में कव्वालोंने पड़ा तो लोग झूम उठे इसी तरह वारिस पाक की शान में पढ़े गए कलाम मेरी जिंदगी का तुझसे यह निजाम चल रहा है रहे तेरा आस्ता सलामत मेरा काम चल रहा है पर भी खूब वाह वाही मिली यह महफिल अंजुमन मोहिब्बने सरकारे वारिस ए पाक की ओर से कोहाड़ापीर के एक शादी हाल में सजाई गई जशन की शुरुआत सुबह कुरान खानी से हुई सलातो सलाम के बाद शाम को नातो मन कबत का नजराना पेश किया गया आखिर में देर रात महफिले समा में दूर दराज से आए फन कारों ने रूहानी कलाम पेश किए रात भर चली महफिल के बाद भोर में 4:13 बजे सरकार वारिस से पाक के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई कुल के बाद हिंदुस्तान में अमनो अमान व भाई चारे के लिए खुसुसी दुआए खैर की गई हज़रिने महफिल को नजर का तबर्रुक तकसीम किया गया यह जशन।अंजुमने मोहिब्बाने सरकार वरिसे पाक के सदर शबाब अहमद वारसी की सदारत में मनाया गया मेहमाने खुसीसी खना खाए नियाजिया के हज़रात मेहदी मिया चिश्ती हज़रात पाशा मिया निज़ामी रहे।
इसके साथ ही सदर शबाब वारसी ने पुलिस प्रसासन का शुक्रिया अदा करते हुए दो रोजा जशने वारिस ए पाक के समापन की घोषणा की
प्रोग्राम में मुख्य रूप से सय्यद अमन वारसी वसी अहमद वारसी शबाब हुसैन वारसी नदीम वारसी इस्लाम अली सय्यद असलम मिया वमिकी सय्यद बोबी सय्यद गियाज़ वारसी अख्तर वारसी पाशा मिया निज़ामी आदि सहित बड़ी तादात में लोग मौजूद रहे