हाथरस में लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की हत्या
लखनऊ/हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुई गैंगरेप और हत्या की घटना के बाद पूरे देश में गुस्सा है। हर तरफ लोग यूपी की योगी सरकार से सवाल पूछ रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है कि इस मामले में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
इस मामले में सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है।हाथरस के एसपी विक्रांतवीर को निलंबित किया है।तत्कालीन क्षेत्राधिकारी रामशब्द भी हुए निलंबित हुए।थाना अध्यक्ष दिनेश वर्मा को भी किया गया निलंबित।वही डीएम प्रवीण कुमार को सेफ साइड रखा गया है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कार्रवाई हुई है।हाथरस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर मौजूदा एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर व कुछ अन्य के खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
साथ ही वादी, प्रतिवादी थाने के पुलिसकर्मियों सभी लोग नारको पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराए जाएंगे।पीड़िता के परिवार का आरोप है कि उनकी अनुमति के बिना आधी रात को ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया।हाथरस में प्रशासन का रवैया इतना खराब है कि शनिवार को वहां के डीएम खुद पीड़िता के परिवार को धमकाने पहुंच गए।बता दें कि रेप पीड़िता के पूरे गांव के चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनाती कर दी गई है। हर रास्ते को बंद कर दिया गया है और मीडिया समेत किसी भी बाहरी व्यक्ति को गांव के अंदर जाने की अनुमति नहीं है।आलम यह है कि हाथरस में गैंगरेप पीड़िता के परिवार का पक्ष जानने गई एबीपी न्यूज़ की टीम सहित अन्य मीडिया कर्मियों के साथ यूपी पुलिस ने बदसलूकी की।पुलिस ने पहले तो एबीपी न्यूज़ की टीम व अन्य मीडिया को गांव में जाने से रोका, फिर कैमरे का वायर निकालने की कोशिश की। एबीपी न्यूज़ की रिपोर्टर प्रतिमा मिश्रा ने जब पुलिस से पूछा कि किसके आदेश से उन्हें रोका जा रहा है तो पुलिस ने उनके साथ अभद्रता की। बाद में एबीपी न्यूज़ रिपोर्टर को पुलिस गाड़ी में जबरन बैठाकर ले गई। पुलिस की बदसलूकी का आलम यहीं नहीं रुका और एक पुलिस अधिकारी ने संवाददाता को चोर तक कह दिया।
लखनऊ से राघवेंद्र सिंह की रिपोर्ट !