जिला पंचायत अध्यक्ष ने सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए किशोर न्याय बोर्ड व बाल कल्याण समिति के लंबित प्रकरणों का शीघ्र किया जाए निस्तारण
सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, बरेली
बरेली, 5 अगस्त।
माननीय जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रश्मि पटेल ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना कोविड-19 एवं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य के अंतर्गत लंबित प्रकरणों में सम्बंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि तीन दिन के अन्दर लंबित प्रकरणों का निस्तारण करना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा चलायी जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जनमानस को प्राप्त हो सके और पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ भी दिया जाए।
माननीय जिला पंचायत अध्यक्ष आज कलेक्ट्रेट सभागार में उ.प्र. महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित मिशन वात्सल्य (बाल संरक्षण योजना) तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलायी जा रही समस्त योजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। बैठक में जिलाधिकारी श्री शिवाकान्त द्विवेदी, अपर जिलाधिकारी (नगर) श्री आर.डी. पांडेय, जिला विद्यालय निरीक्षक श्री सोमरू प्रधान, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री दीनानाथ द्विवेदी, क्षेत्राधिकारी श्वेता यादव, समाज कल्याण स.क.सु. श्री वीरपाल सिंह, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति श्री दिनेश चंद, सदस्य किशोर न्याय बोर्ड डॉ. डी.एन. शर्मा, श्रम प्रवर्तन अधिकारी श्री बी. राम सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
माननीय जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रश्मि पटेल ने जिला पंचायत को निर्देश दिए गए कि जनपद में बालकों के देख रेख एवं संरक्षण की उचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा नवीन गृह हेतु पी.डब्लू.डी. को पत्राचार कर Istimate हेतु जे.जे.एक्ट के आधार परIstimate तैयार कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य है इनको संरक्षित एवं सुरक्षित करना हमारा दायित्व है। मा. जिला पंचायत अध्यक्ष ने बैठक में अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
मा. जिला पंचायत अध्यक्ष ने किशोर न्याय बोर्ड व बाल कल्याण समिति के लंबित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि लंबित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण किया जाए। मा. अध्यक्ष को जिला प्रोबेशन अधिकारी ने अवगत कराया कि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अर्न्तगत सम्बंधित विभाग जिनमें स्वास्थ्य विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग से नोडल अधिकारी नामित किये जा चुके हैं, इसके उपरांत योजना की प्रगति धीमी है। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए कि सम्बन्धित विभाग के अधिकारी अपने से सम्बन्धित श्रेणियों में पात्र आवेदकों का आवेदन कराना सुनिश्चित करें। उक्त बैठक किशोर न्याय अधिनियम से सम्बन्धित है, जिनमें सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रतिभाग करना अनिवार्य है।
जिलाधिकारी श्री शिवाकान्त द्विवेदी ने बाल श्रम के विषय में चर्चा की। श्रम विभाग द्वारा बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में वर्तमान तक 76 बच्चों को बाल श्रम से रेस्क्यू किया गया। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि 3 कार्य दिवस में रेस्क्यू किए गए बच्चों को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सहायता देने के सम्बन्ध में कृत कार्यवाही करते हुए अवगत कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए कि बाल देखरेख एवं उनका संरक्षण अत्यंत गंभीर विषय है इस पर संवेदनशीलता बरतें। उन्होंने कहा कि किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) 2015 अधिनियम की समीक्षा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा की जाती है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि आपस में समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने उ.प्र. रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष से सम्बन्धित प्रकरणों में संज्ञान लेते हुए मेडिकल पोर्टल पर लंबित प्रकरणों, पुलिस पोर्टल पर लंबित प्रकरणों का एवं जिला संचालन समिति के स्तर पर लंबित प्रकरणों का शीघ्र ही निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने बाल कल्याण समिति के कार्यां की समीक्षा करते हुए नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने बाल कल्याण समिति को निर्देश दिए कि वह किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के अनुसार बाल हित एवं बालकों के सर्वोत्तम हित के लिए कार्य करना सुनिश्चित करें।
जिला प्रोबेशन अधिकारी श्रीमती नीता अहिरवार ने मिशन वात्सल्य (बाल संरक्षण योजना) के विषय में सम्पूर्ण जानकारी दी। इसके अन्तर्गत राजकीय सम्प्रेक्षण गृह में शिक्षक की तैनाती हेतु डी.आई.ओ.एस. को निर्देश दिये। जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिये कि बाल संरक्षण योजना के अंतर्गत गठित ग्राम बाल संरक्षण समितियों को सक्रिय करते हुए कार्य एवं उत्तरदायित्व की बैठकें कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राजकीय सम्प्रेक्षण गृह में आवासित अपचारी किशोरों को कौशल विकास मिशन से जोड़ते हुए, उनकी इच्छा अनुरूप ट्रेडों में उनका प्रशिक्षण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने वार्न बेबी फोल्ड (दत्तक ग्रहण ईकाई) में आवासित शिशुओं के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु जिला चिकित्सालय से बाल रोग विशेषज्ञ नामित कराने के निर्देश दिये। जो नियमित रूप से संस्था में जाकर शिशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण करना सुनिश्चित करें।
गोपाल चन्द्र अग्रवाल (संपादक , आल राइट्स मैगज़ीन)