छठ महापर्व का हुआ समापन,महिलाओं ने निर्जल व्रत रखकर भगवान भास्कर को दिया अर्घ्य
बहराइच।श्रद्धा एवं आस्था का पर्व छठ महोत्सव जिले में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।आस्था,उल्लास एंव उमंग के आगे कोरोना का खौफ फीका लगा।

जनपद में छठ पूजन कार्यक्रम हर्षोल्लास वातावरण में मनाया गया।उल्लेखनीय हो कि कोरोना संकट के बावजूद छठ पर्व को लेकर सरयू घाट पर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। प्रशासन की ओर से कोविड को लेकर दिशा-निर्देश एवं सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए थे।घाटो पर बिना मास्क लगाए पहुंचने पर पाबंदी थी। फिर भी महापर्व छठ में आम से लेकर खास तक छठ मैया की भक्ति में सराबोर दिखाई पड़े।छठ पूजन करने आयी समाजसेवी वंदना सोनी सपरिवार अपने पति मनीष रस्तोगी के साथ पूजन अर्चन किया।

समाजसेवी वंदना ने संवाददाता को बताया कि इस पर्व में महिलाएं 36 घंटे तक निराजली व्रत रहकर सूर्य को अर्घ्य देकर ही व्रत तोड़ती है।आस्था के महापर्व छठ के चौथे दिन शनिवार सुबह व्रतियों ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया। इसी के साथ चार दिनों तक चले छठ पर्व का समापन हो गया।शनिवार तड़के ही घाट पर श्रद्धालु पहुंचे उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठी मैया को अपने श्रद्धासुमन व पूजन अर्चन किया।यूपी के बहराइच में अलग-अलग सरयू घाटों, तालाबों, जलाशयों, घर और अपार्टमेंट की छतों पर व्रतियों ने भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया और पूजा अर्चना की।साथ-साथ देश के अलग-अलग राज्यों में छठ पर्व की धूम देखने को मिली।भक्तों ने नदी, जलाशयों पर सुबह-सुबह पहुंचकर उदय होते सूर्य को अर्घ्य दिया।बहराइच में व्रतियों ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पण किया। अर्घ्य प्रदान करने के साथ ही प्रसाद ग्रहण करने का सिलसिला शुरू हुआ और इसी के साथ उपवास रखने वाले छठ व्रतियों ने छठ मैया का प्रसाद ग्रहण कर व्रत तोड़ा।बताते चले कि श्रद्धालु शनिवार भोर से ही छठ घाट पर पहुंचने लगे और सूर्योदय के साथ ही भगवान भास्कर को जल में खड़े होकर अर्घ्य दिया।रुपईडीहा संवादसूत्र के अनुसार शनिवार के भोर से ही धर्मपरायण आस्था वान व्रतालु महिलाए अपनी अपनी बेदियों पर पूजार्चना मे तल्लीन हो गयी। एक स्वर मे छठ मैया के भजन गाती रही। भगवान भास्कर के उदय होते ही सैकड़ों महिलाओं ने अर्घ्य दिया।अर्घ्य के पूर्व छठ पर्व की महत्ता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए समाज सेवी डा. सनत कुमार शर्मा ने कहा कि छठ पर्व भारत ही नही बल्कि पूरे विश्व मे हिन्दू धर्मानुरागियों की आस्था का केन्द्र हो गया है। बिहार से प्रारम्भ हुआ यह व्रत आज सूनी गोदों को भरने के लिए प्रसिद्ध हो चुका है। उन्होने कहा कि इस व्रत को करने से खानदान की वृद्धि होती है। यह मान्यता भी है। उन्होने यह भी कहा कि कस्बे मे ही इसके अनेकों उदाहरण है। प्रमुख रूप से यह सूर्य भगवान की पूजा का पर्व है। छठी मैया ब्रह्मा जी की मानस पुत्री के रूप मे पूजी जाती है।अर्घ्य के पश्चात मौजूद पत्रकारों को श्री हनुमंत छठ पूजा समिति के अध्यक्ष कमल मदेशिया ने उत्तरीयम व लेखनी देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर अनिल अग्रवाल, रिंकू अवस्थी, नरेन्द्र मदेशिया, अरविंद शुक्ल, शेरसिंह कसौधन, सुशील बंसल व देवी प्रसाद मदेशिया, संध्या, प्रज्ञा, निधि, सोनाक्षी, प्रीती, मनीषा, सरिता, मुस्कान, पार्वती देवी, मीना वर्मा,दिप्ति बरनवाल, सरिता वर्मा व माला देवी आदि लोग सपरिवार मौजूद रहे। प्रसाद वितरण के साथ परम्परागत रूप से छठ महोत्सव सम्पन्न हो गया।
लखनऊ से ब्यूरो चीफ राघवेंद्र सिंह,(राजू शर्मा) की रिपोर्ट !