नागरिकता कानून का किसी भी भारतीय नागरिक के साथ किसी भी तरह से कोई लेना-देना नहीं है

रामलीला मैदान धन्यवाद रैली में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा नागरिकता कानून को लेकर अफवाहों खंडन करने और अल्पसंख्यक समुदाय को आश्वस्त करने के बाद आज भाजपा परिवार को धन्यवाद करने के लिए आज 300 से ज्यादा मुस्लिम भाई-बहनों दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी के निवास पर एकत्रित हुए।

दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी, प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती शाजिया इल्मी ने मुस्लिम भाई-बहनों के नागरिकता कानून को लेकर उनकी कुछ शंकाओं को दूर किया। इस अवसर पर प्रदेश मीडिया सह-प्रभारी श्री नीलकांत बख्शी, प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष मो. हारून, श्री अली रजा बिलाल, श्री कमाल बाबर, श्री मुस्तफा कुरैशी, श्री खालिद कुरैशी सहित अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारी उपस्थित थे। कांग्रेस पार्टी के पूर्व सचिव मो. हारून ने भी इस अवसर पर भाजपा सदस्यता ग्रहण की।

नागरिकता कानून से जुड़े सवालों को जवाब देते हुए दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री मनोज तिवारी ने कहा कि कुछ पार्टियों ने लोगों को भड़काकर माहौल को खराब कर दिया था, लेकिन मोदी जी ने नागरिकता कानून को लेकर लोगों का भ्रम दूर कर दिया है। दिल्ली के लोग ने भी ये साबित कर दिया कि वो विकास चाहते हैं झगड़ा नहीं। नागरिकता संशोधन कानून भारत के मुसलमानों या भारत में जन्म लिये किसी भी नागरिक पर लागू ही नहीं होता है इसलिए भारत के नागरिक इन अफवाहों पर ध्यान ना दें। जिन लोगों पर जिम्मेदारी थी कि वो हिंसा को भड़कने न दे उन्हीं लोगों ने हिंसा भड़काने का काम किया है। संशोधन मात्र तीन पेज का है जिस पर अध्ययन करने की जरूरत है। संशोधन तभी होता है जब लोकसभा और राज्यसभा दोनों में बहुमत हो, लेकिन भाजपा राज्यसभा में बहुमत में नहीं है। नागरिकता संशोधन कानून पर बाकी दलों ने राज्यसभा में बिल के पक्ष में मतदान किया है तभी पास हुआ है। नागरिकता कानून में ऐसा कुछ भी नहीं हो जो किसी भी व्यक्ति के अधिकारों का हनन करती हो।

श्री तिवारी ने कहा कि नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन कर अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान के हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई, पारसी समुदाय के ऐसे आदमी को जो 31 दिसबंर 2014 या इससे पूर्व भारत में शरणार्थी बनकर आये, उन्हें नागरिकता देने के लिये हैं। अगर हमारा देश धर्म के आधार पर बांटा नहीं जाता तो आज इस कानून की जरूरत ही नहीं पड़ती। 2014 तक लोग जो आ गये है उनकी रक्षा करने के लिए नेहरू लियाकत पैक्ट बना जिसके तहत अपने अपने देश में अल्पसंख्यकों की रक्षा करेगें लेकिन पाकिस्तान ने अपने अल्पसंख्यकों की रक्षा नहीं की जिसके कारण वहां उन्हें प्रताड़ित होना पड़ा। भारत के मुस्लमानों से इस कानून का कोई लेना देना नहीं है। विपक्ष का एजेंडा है आपस में भारत के भाई बहनों को लड़ाना लेकिन भाजपा ऐसा नहीं करती है। भाजपा सरकार देश के हर नागरिक और उनके अधिकारों का सम्मान करती है।

प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती शाजिया इल्मी ने कहा कि नागरिकता कानून का किसी भी भारतीय नागरिक के साथ किसी भी तरह से कोई लेना-देना नहीं है। यह कानून मुस्लिम नागरिकों सहित किसी भी भारतीय नागरिक को प्रभावित नहीं करता है। अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान और अन्य सभी देशों के मुसलमान हमेशा भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। नागरिक संशोधन कानून ने किसी भी देश के किसी भी विदेशी को भारत की नागरिकता लेने से नहीं रोका है, बशर्ते कि वह कानून के तहत मौजूदा योग्यता को पूरी करे।

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