बरेली के बेसिक शिक्षा विभाग का वित्तीय घोटाले का मामला आया सामने
बरेली : बेसिक शिक्षा विभाग सदैव ही अपने कारनामों के लिए चर्चाओं का प्रमुख केंद्र रहा है चाहे जनपद बरेली हो या प्रदेश का कोई अन्य जनपद l बेसिक शिक्षा विभाग सदैव सुर्खियों मैं रहा है l यह घटना जनपद बरेली के विकास क्षेत्र क्यारा की है।
हिमांशु, प्राथमिक विद्यालय करौंदा में सहायक अध्यापक के पद पर 6 नवंबर 2020 तक तैनात रही तत्पश्चात माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग से उनकी नियुक्ति रामस्वरूप आर्य कन्या इंटर कॉलेज अनूपशहर जनपद बुलंदशहर में प्रशिक्षित स्नातक (गणित) के पद पर हो गया श्रीमती हिमांशु तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी के पत्रांक 131/ 2020- 21 दिनांक 6 .11.2020 को दी गयी रिपोर्ट के आधार पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बरेली जनपद से कार्यमुक्त हो गई ,पर हिमांशु का वेतन तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी और बीआरसी कार्यालय की अनुकंपा से जुलाई 2021 तक अर्थात जनपद बरेली से कार्यमुक्त होने के बाद भी 8 महीने तक लगातार नियमित रूप से निकलता रहा। वेतन बिल खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा अग्रसारित कर लेखा विभाग को भेजे जाते हैं और फिर लेखा से बिल ट्रेजरी भेजा जाता है और ट्रेजरी से वेतन सीधे शिक्षकों के खाते में पोस्ट किया जाता है ।
इसी व्यवस्था के अनुरूप हिमांशु का वेतन भी कार्य मुक्ति के बाद भी जुलाई तक उनके सैलरी अकाउंट में जाता रहा और उधर श्रीमंती हिमांशु जनपद बुलंदशहर में अनूप शहर के रामस्वरूप आर्य कन्या इंटर कॉलेज से भी लगातार वेतन पा रही है।
पहले तो जनपद बरेली के बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदार तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी एवं उनके कार्यालय में वेतन बिल आदि का कार्य देख रहे उनके नुमाइंदे जिन की मिलीभगत से यह वित्तीय घोटाला आप सबके सामने हैं और दूसरा शिक्षिका हिमांशु माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग से प्रशिक्षित स्नातक गणित के पद पर चयनित और रामस्वरूप आर्य कन्या इंटर कॉलेज अनूपशहर बुलंदशहर में कार्यभार ग्रहण करने के बाद और जनपद बरेली से 6 नवंबर 2020 को कार्यमुक्त होने के बाद, माध्यमिक के अपने कार्यरत विद्यालय के साथ-साथ बेसिक शिक्षा विभाग,वरेली से भी जुलाई 2021 तक अनवरत वेतन आहरित किया है ।
उक्त प्रकरण में कौन कौन दोषी है ? और अभी तक उन दोषियों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की गई यह एक यक्ष प्रश्न है ? हां पर यह तय है कि जब परतें खुलेंगी तो परत दर परत कई दोषियों के चेहरे बेनकाब जरूर हो जाएंगे ।
बेसिक शिक्षा विभाग के लिए यह कोई नया वित्तीय घोटाला नहीं है ऐसे तमाम घोटाले यत्र तत्र होते रहे हैं।