अकीदतमंदों को लँगरे रसूल तक़सीम किया,कुल में शामिल हुए बड़ी तादात में अकीदतमंद।
इंसानियत सब्र साबिर की पहचान,अकीदतमंदों को लँगरे रसूल तक़सीम किया,कुल में शामिल हुए बड़ी तादात में अकीदतमंद।
बरेली 751वें उर्से हज़रत मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर ए पाक कलियरी के कुल शरीफ़ की रस्म बरेली की नोमहला मस्जिद स्थित दरगाह नासिर मियां परिसर में प्रातः11 बजे हज़रत साबिर ए पाक के कुल शरीफ़ की रस्म अदा की गई जो हज़रात क्लीयर शरीफ़ नहीं पहुँच पाये हैं उन अकीदतमंदो ने नोमहला शरीफ़ में शिरक़त की,कुल शरीफ़ रस्म दरगाह नासिर मियां के सूफ़ी शाने अली कमाल मियां साबरी की देखरेख में सम्पन्न हुई,सूफ़ी कमाल मियां साबरी ने मुल्क़ आवाम की खुशहाली,तरक्की,कामयाबी व अमनो अमान के लिये ख़ुसूसी दुआ की,महफिले समां में रंग शरीफ़ के बाद कुल की रस्म अदायगी की गई।
इस मौके पर बरेली हज सेवा समिति के संस्थापक पम्मी खान वारसी ने कहा कि हम सबको साबरी मिशन पर चलना चाहिये हज़रत साबिर पाक का मिशन गरीबो व असहाय लोगो की सहायता करना हैं आप सारी दुनिया के लिये सब्र की मिसाल हैं।
कुल शरीफ़ की महफ़िल में बड़ी तादात में अक़ीदतमन्द शामिल रहे।इसमें मुख्य रूप से सूफ़ी शाने अली कमाल मियां साबरी,पम्मी वारसी,कदीर अहमद,रिज़वान बरकाती,शाहिद रज़ा नूरी,मो एराज़ अंसारी,शाहिद मियां साबरी,मोहम्मद शादाब,अकील पहलवान,हज़रत रिज़वान मियां नन्ना मियां,दिलशाद साबरी कल्लन,अनीस साबरी,नूर मोहम्मद,सलीम साबरी,मोहसिन इरशाद,अनीस पेंटर,हनीफ़ खान,सुजात साबरी आदि सहित बड़ी संख्या में अकीदतमंद हाज़िर रहे और लँगरे रसूल साबरी लंगर तक़सीम किया गया।