आरोपित MP-MLA को अब पटना नहीं आना होगा, जिलों के कोर्ट में ही होगी सुनवाई

पटना: राज्यभर के एमपी-एमएलए से जुड़े न्यायिक मामलों की सुनवाई अब पटना की विशेष अदालत में न होकर संबंधित जिले में जहां आरोपित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है, वहीं की अदालत में होगी।

यह आदेश सर्वोच्च न्यायालय और पटना उच्च न्यायालय के पत्र के आलोक में पटना जिला जज ने जारी किया है। इस फैसले के बाद पटना सिविल कोर्ट के एडीजे 9 की अदालत में अब एमपी-एमएलए की विशेष अदालत नहीं लगेगी। एडीजे 4 की अदालत और सब जज प्रथम की विशेष अदालत में ही पटना जिले में प्राथमिक दर्ज कर आरोपित एमपी व एमएलए के मामलों की सुनवाई होगी। इस कोर्ट को विशेष न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट कही जाएगी। एमएलए राजबल्लभ समेत तीन को उम्र कैद की सजा देने का फैसला पटना की विशेष अदालत का आखिरी फैसला होगा।

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी चार दिसंबर को पत्र के आलोक में पटना उच्च न्यायालय ने पांच दिसंबर को एक आदेश जारी किया। इसी के आलोक में 7 दिसंबर को पटना जिला जज ने एक आदेश जारी कर दिया। इसी आदेश के आलोक में पटना सिविल कोर्ट स्थित एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने सभी केस रिकॉर्ड संबंधित जिले के सिविल कोर्ट में भेजा जा रहा है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद सिर्फ पटना में ही विशेष अदालत का गठन किया गया था। ट्रायल के लिए सूबे के सभी न्यायालयों से सुनवाई के लिए मुकदमों का दस्तावेज पटना विशेष अदालत में आ गया था।

सूत्रों के अनुसार, सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद संबंधित सिविल कोर्ट अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए की विशेष अदालत के विशेष जज कहलाएंगे। उनके यहां सेशन मामले की सुनवाई होगी। उसी प्रकार सब-जज प्रथम एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायायिक दंडाधिकारी होंगे। पटना सिविल कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ क्रम से वरिष्ठता में तीसरे नंबर पर हैं।

तत्कालीन एमपी-एमएलए कोर्ट से पटना जिला से संबंधित सेशन ट्रायल रिकॉर्ड ट्रायल के लिए पटना सिविल कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ की अदालत में भेज दिया गया है। अन्य रिकॉर्ड सब-जज प्रथम की अदालत में भेज गया। वहीं राज्य के अन्य करीब 27 जिले से संबंधित रिकॉर्ड उसके मूल अदालत में भी भेजा जा चुका है। शेष जिले के रिकॉर्ड भी लौटाये जा रहे हैं।

सोनू मिश्रा,पटना (बिहार)

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