24वें तीर्थकर भगवान महावीर की प्रतिमा को कराया गया नगर भ्रमण,निकाली गई भव्य शोभा यात्रा
~तीन वर्ष बाद भगवान महावीर की प्रतिमा जन्मस्थल पर लौटने पर ग्रामीणों में जश्न का माहौल
~जैन श्रद्धालुओं के साथ स्थानीय लोगों में भी दिखा उत्साह
~तीन वर्ष पूर्व 2600 वर्ष पुरानी भगवान महावीर की नायाब मूर्ति हुई थी चोरी
जमुई:-तीन वर्षों बाद जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर की प्रतिमा वृहस्पतिवार को खैरा थाना क्षेत्र स्थित घने जंगल के बीच जन्मस्थान पहुंचने पर इलाके के लोगों के बीच जश्न का माहौल बन गया है।तीन वर्षों बाद आये भगवान महावीर की प्रतिमा देखने के लिए लोगों की भीड़ और चेहरे पर खुशी का तो कुछ कहना ही नहीं है।वृहस्पतिवार को निर्माणाधीन मंदिर के बगल बने भव्य पंडाल में रथ पर सवार महावीर की प्रतिमा को पूरे भक्ति-भाव से जैन-श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की।इसके बाद जैन आचार्य विजय नयवर्धन सूरीश्वर जी महाराज के नेतृत्व में नगर भ्रमण के लिए भव्य शोभा यात्रा निकाली गई।
*कई गांवों में भगवान महावीर की प्रतिमा के साथ निकाला गया शोभा यात्रा
शोभायात्रा के दौरान भगवान महावीर की प्रतिमा को स्थानीय रजला,सिरिसिया,बरदौन आदि गांवों में घुमाया गया।लंबे समय बाद प्रतिमा के जन्मस्थान लौटने की खुशी में जैन-श्रद्धालुओं के साथ ग्रामीण भी फुले नहीं समा रहे हैं। नगर भ्रमण के दौरान जश्न के माहौल के बीच जैन-श्रद्धालु एवं नजदीकी गांव के लोग ढोल और नगाड़े की थाप पर झुमते रहे।घने जंगल और पहाड़ के बीच बसा इलाका भगवान महावीर के जयकारों से गुंजयमान हो गया।शोभा यात्रा में जिन शासन सेवा समिति के कौशल भाई बोरा,जैन श्वेतांबर सोसायटी के प्रबंधक उज्ज्वल कुमार,अनंत भाई, केतुल भाई, बीना वेन आदि बड़ी संख्या में जैन श्रद्धालु साथ चल रहे थे।
*2600वर्ष पुरानी प्रतिमा हुई थी चोरी
बताते चलें कि घने जंगलों के बीच स्थापित 24वें तीर्थकर भगवान महावीर की प्रतिमा को चोरों द्वारा तस्करी के लिए चुरा लिया गया था।भगवान महावीर की प्रतिमा की चोरी के बाद जिला प्रशाशन से लेकर स्टेट प्रशाशन तक एक्शन में आई और महज कुछ दिनों के अंदर ही भगवान महावीर की प्रतिमा को बरामद कर लिया गया था।बताया जाता है कि 2600 वर्ष पुराना भगवान महावीर की प्रतिमा इस दौर में नायाब है।इस प्रतिमा का पत्थर अजूबा के साथ-साथ कीमती भी है।जो शायद पूरे भारत मे कहीं पाया जाता होगा।यह भी बताया जाता है कि भगवान महावीर की प्रतिमा के आंखों में हीरे के जैसा चमकता हुआ दो वैसी पत्थर है जो 2600 वर्षों से चमकती आ रही है जिसका मूल्य का आकलन करना शायद लोगों के लिए सम्भव नहीं।बताया जाता है कि चोरों द्वारा तस्करी के नियत से ही महावीर की प्रतिमा की चोरी की गई थी।लेकिन चोर इस मकसद में कामयाब नहीं हुए थे।पुलिस की दबिश की वजह से चोरों को भगवान महावीर की प्रतिमा छोड़नी पड़ी थी।