लेना था एक्शन, कर दिया प्रमोशन, महकमे का राजा बेटा बना दरोगा

लेना था एक्शन, कर दिया प्रमोशन, महकमे का राजा बेटा बना दरोगा

आंवला । देखा, एडी जे मयंक सिंह ने जिसके ख़िलाफ़ एक्शन लेने के निर्देश दिए थे, बरेली पुलिस के अफ़सरों ने उस पर मेहरबानियों की बरसात करके उसको गद्दीनशीन बना दिया। जिले के आंवला चौकी क्षेत्र में पिछले करीब साल भर से दबंगों और आपराधिक तत्वों के सताये तमाम गरीब, कमजोर और बिना रसूख वाले मध्यमवर्गीय समाज के पीड़ितों की पुलिस ने कभी कोई मदद नहीं की। ऐसे लोगों की रपट तक दर्ज नहीं हुई, बल्कि किसी ने ज़िद की तो उल्टे उसके ख़िलाफ़ ही एनसीआर दर्ज करके मुलज़िम बना दिया गया। निवर्तमान चौकी इंचार्ज देवेंद्र सिंह ने 📌 पुलिस कानून की सारी मर्यादाओं को तहस-नहस करते हुए, आम जनता के शोषण, अत्याचार और अवैध कमाई के लिए भ्रष्टाचार की हद कर रखी थी। जिले के पुलिस अफ़सर अवैध साठगांठ के चलते उसके ख़िलाफ़ जनता की शिकायतों को कभी भी गंभीरता से नहीं लेते रहे। नतीजा यह कि जनता की सुरक्षा के लिए बनी पुलिस का दरोगा पीड़ितों के लिए ही आतंक हो गया। ऐसे अत्याचारी को जब हटाने की बात आई तो लाइन हाज़िर करने की कौन कहे, जिले की सबसे उम्दा जगतपुर पुलिस चौकी की हुकूमत देवेंद्र सिंह को सौंप दिया। यानि, दंडित करने की जगह उसकी तरक्की कर दी।
जाहिर है कि चौकी दरोगा को बचाने के लिए पुलिस अफ़सरों ने सारे घोड़े खोल दिए, उस देवेंद्र सिंह को नवाजा गया जिसको हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करके एक महिला को गिरफ्तार करने का आरोपी पाया गया था और इस मामले में ए डी जे कोर्ट ने उसके ख़िलाफ एक्शन लेने को कह रखा है। असल में पटपरागंज की रहने वाली नेमा देवी की अपील पर हाईकोर्ट ने आदेश कर दिया कि धारा 173 ( 2 ) की कार्रवाई कर रिपोर्ट देने तक महिला को गिरफ्तार न किया जाए। कोर्ट के आदेश को करीब दो साल हो गए, अब तक 173 ( 2 ) की रिपोर्ट नहीं भेजी गई जबकि नेमा देवी को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया । हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना मामला कोर्ट में दाख़िल हुआ तो दरोगा के ख़िलाफ कार्रवाई करने का आदेश हुआ, लेकिन उसको प्रमोशन दे दिया गया। ऐसे अनेक मामलों के आरोपी देवेंद्र सिंह की करतूतें जगजाहिर हैं लेकिन विभागीय और राजनीतिक संरक्षण के नाते उसके ख़िलाफ पुलिस अफ़सर कुछ नहीं करते। देवेंद्र सिंह कभी बरेली के सांसद का चहेता होने का हौआ खड़ा किया तो कभी जिला पंचायत अध्यक्ष का करीबी होने का दंभ भरता रहा। एक मामले में इसी तरह का उत्पीडन चौकी क्षेत्र की विधवा महिला विएमला खंडूजा और उनके परिवार का किया गया जब वो लोग एक मामले की शिकायत दर्ज कराने चौकी पर गए तो उन्हीं के ख़िलाफ यानि पीड़ित पक्ष पर ही एनसीआर दर्ज हो गई।
आंवला के ही पीड़ित परिवार के मुखिया अकबर अली को तरह-तरह से प्रताड़ित करके दरोगा ने उनके ख़िलाफ भी एनसीआर दर्ज कर दी। बताते हैं, अकबर अली देवेंद्र सिंह के डर के नाते बुर्का पहन कर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मुनिराज से शिकायत करने गए थे। यह अकबर अली हैं जिन्होंने दरोगा के कहने पर एक चोर पकड़वाया था जिसका ख़ामियाजा उनको खुद मुलज़िम बनकर भरना पड़ा। ऐसे ही, आंवला के सांसद धर्मेंद्र के करीबी बेगुनाह किशनपाल को दरोगा देवेंद्र और भ्रष्टाचार में उसके हमेशा के साथी अजयट पुंडीर ने जमकर लठियाया लेकिन गरीब को कोई इंसाफ़ नहीं मिला। कुल मिलाकर, बरेली पुलिस की अंधेर नगरी में आंवला की निरीह जनता लाचार और बेबस रह गई और भ्रष्टाचार-अत्याचार के दलदल में डूबे देवेंद्र सिंह को फ़िर सरताज बना कर जगतपुर चौकी का इंचार्ज बना दिया गया।

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