देसी दवा एवं योग से शरीर की इम्युनिटी पॉवर, प्राकृतिक ऑक्सीजन लें !
सुप्रीम कोर्ट ने भी कोविड की दूसरी लहर को राष्ट्रीय आपदा बताकर कहा है कि वह मूकदर्शक बनकर नही बैठ सकता — निर्भय सक्सेना — कोरोनाकाल की आजकल दूसरी लहर मे देश मे जिस तरह से संक्रमित मरीजो की संख्या बढ़ रही है जिससे हॉस्पिटल में बेड एवम मेडिकल ऑक्सीजन तक का संकट गहराया तो केंद्र सरकार तुरंत युद्ध स्तर पर जुट गई ऑक्सीजन से लेकर हर बुनयादी दवा देश विदेश से भारत आना भी शुरू हो गई । देश मे हाल यह हो गया कि इस आपदा काल मे अवसरवादी इंजेक्शन, मेडिकल ऑक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग बाले कुछ तत्व अफवाह फैलाने के बाद अपनी जेब भरने से भी बाज नही आए। जिस पर शासन प्रशासन ने सख्ती कर जेल में डाला । माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी कोविड की दूसरी लहर को राष्ट्रीय आपदा बताकर कहा है कि वह मूकदर्शक बनकर नही बैठ सकता। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से बुनयादी स्वास्थ्य ढांचे की उपलब्धता, दवा एवम वेक्सीन की स्थिति की भी जानकारी तालाब की है। सरकार ने कहा है कि देश में अब कुल वैक्सीनेशन का आंकड़ा 102 दिन में ही 14 करोड़ 52 लाख को वेक्सीन लग गई है। कुछ डॉक्टर भी अब देसी दवा एवम योग के जरिये लोगों से शरीर की इम्युनिटी पॉवर एवम प्राकृतिक ऑक्सीजन लेने की सलाह दे रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अभी भी कोविड-19 के नियम का सख्ती से पालन कर मास्क एवम दूरी रखने पर जोर दे रहे हैं। लॉकडाउन की आलोचना करने वालों में से एक अब तो दिल्ली सरकार ने भी लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक और बढ़ा दी है। साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने भी लॉकडाउन को अंतिम विकल्प ही माना है। यू पी में रात्रि कर्फ्यू के साथ ही सप्ताहांत लॉकडाउन भी जारी है। इसके साथ ही अब भारत में जारी कोरोना संकट के बीच अमेरिका के बाइडेन प्रशासन की तरफ से बताया गया है कि भारत को अमेरिका की तरफ से वैक्सीन के लिए कच्चा माल दिया जाएगा।अब खेप आनी भी प्रारम्भ हो गई हैं।
इससे पहले तक अमेरिका की तरफ से कच्चे माल देने पर रोक लगा दी गई थी जिसका अमेरिका में ही भारी विरोध चल रहा था। अब रूस, जर्मनी, फ्रांस, इंग्लैंड भी भारत की मदद को आगे आ गये हैं। वर्तमान में मेडिकल ऑक्सीजन की देश मे सप्लाई चैन बनाने के लिए रेलवे, वायुसेना, नोसेना तक आगे आ गए। सभी साधनों से देश भर में युद्धस्तर पर मेडिकल ऑक्सीजन के टैंकर पहुंचा दिए गए। इसके अलावा प्रधानमंत्री केयर फंड से देश भर के सरकारी अस्पताल में मेडिकल ऑक्सीजन के 551 प्लांट भी लगाने के लिए संबंधित एजेंसियों को दिशानिर्देश देकर कार्य को कहा है। जल्द मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगे इसके लिए गृहमंत्री अमित शाह ने भी स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन के साथ मिलकर मोर्चा संभाल कर प्रधानमंत्री के कदम को सराहा। यू पी में 46 जिलों में नए मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए पी एम ओ ने यूपी को मंजूरी दी है जिसमे यू पी के बरेली, शाहजहांपुर, बदायूं, पीलीभीत, रामपुर, मुरादाबाद, आगरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बांदा, बाराबंकी, बस्ती, बुलंदशहर, देवरिया, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, हरदोई, जालौन, जौनपुर, झांसी, कन्नौज, कानपुर, खीरी, ललितपुर, लखनऊ, सीतापुर, मथुरा, मेरठ, मिर्जापुर, मुजफ्फरनगर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, सहारनपुर, सुलतानपुर, उन्नाव, वाराणसी में नए मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे। यही नहीं उर्वरक बनाने बाली देश की सहकारी कंपनी ‘इफको’ ने भी अपने बरेली सहित सभी प्लांट में मेडिकल ऑक्सीजन के लिये प्लांट स्थापना का कार्य शुरू भी कर दिया है। देश भर के सभी सरकारी एवम निजी स्टील प्लांट भी मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन की दिशा में लग गए है। अब तो श्री राम जन्मभूमि तीर्थ शेत्र न्यास ने भी अयोध्या के दशरथ मेडीकल कॉलेज में भी मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए 55 लाख की राशि भी जारी की है। उद्योग जगत के सेल, रतन टाटा, अम्बानी, जिंदल, आदि जैसे दिग्गज उद्यमी भी इस दिशा में देशहित में जनता की मदद को आगे आ गए हैं। सूत्रों के अनुसार देश मे वर्तमान में 7250 मीट्रिक टन ही मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन होता है। दिल्ली में जहाँ कोई भी मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट नही है वहाँ आजकल मेडिकल ऑक्सीजन की मांग 700 मीट्रिक टन की हो गई है जबकि पूर्व में यही मांग 378 टन थी। आजकल हॉस्पिटल में भर्ती संक्रमण बाले मरीज को 40 से 50 लीटर कम से कम ऑक्सीजन की जरुरत होती है। प्लांट से राज्यों में ऑक्सीजन लाने के लिए रेलवे, वायुसेना, नोसेना भी युद्ध स्तर पर लगी है ताकि समय की बचत हो। क्योंकि एक टैंकर को प्लांट से राज्यों की दूरी तय करने में 40 से 50 घंटे लगते हैं। अब आने बाले दिनों में अगर मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन बढ़ा तो टैंकर की कमी भी आड़े आ सकती है। इसीलिए केन्द्र सरकार ने पीएम केयर फण्ड से सरकारी अस्पताल में ही मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट लगाने का दूरदर्शी निर्णय लिया है। प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना की स्थिति को लेकर विगत दिनों उच्चाधिकारियों के साथ एक बैठक में देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता, दवाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा की जिसमे देश में ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ाने के लिए काम कर रहे एम्पावर ग्रुप ने प्रधानमंत्री को ऑक्सीजन की सप्लाई और उपलब्धता को बढ़ाने के बारे में बताया कि राज्यों को ऑक्सीजन का आवंटन भी बढ़ाया गया है। भारत में पिछले साल अगस्त में 5700 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा था, जो अब बढ़कर 8292 मेट्रिक टन हो गया है। अप्रैल अंत तक ऑक्सीजन का उत्पादन 9250 मीट्रिक टन होने की उम्मीद है। इस दौरान नए प्लांट, ऑक्सीजन एक्सप्रेस रेलवे सर्विस और इंडियन एयरफोर्स के जरिए ऑक्सीजन टैंकर की ढुलाई के बारे में भी जानकारी दी गई।
मेडिकल सुविधाओं और कोविड प्रबंधन पर बने ग्रुप ने देश में आई सी यू और बेड बढ़ाने के लिए उठाए कदमों की जानकारी दी। इसके अलावा अब एक्सपर्ट्स ने एक नया दावा आई आई टी कानपुर के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने सूत्र मॉडल का उपयोग करते हुए कहा कि कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामलों की पीक मई के पहले सप्ताह में आना शुरू होगा और मई मध्य में संक्रमण में गिरावट का दौर शुरू हो जाएगा लेकिन देश में हालात सामान्य होने में फरवरी की भांति स्थिति जुलाई 21या उसके बाद ही संभव हो पाएगी। नए संक्रमण में गिरावट का दौर धीमा रहेगा। आई आई टी कानपुर लगातार कोरोना संक्रमण पर गणितीय मॉडलिंग कर रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों को देखें तो देश के 12 राज्यों में कारोना संक्रमण पिछली पीक को पार कर चुका है। इन राज्यों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, उप्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, बिहार, हरियाणा, तेलंगाना तथा झारखंड हैं। इसलिए यह माना जा रहा है कि ये राज्य अब दूसरी लहर की पीक के करीब पहुंचने वाले हैं। स्मरण रहे इजरायल जैसे देश ने कोरोना पर अपने देशवासियों के सहयोग से काबू पाने में काफी हद तक सफलता पा ली है। देश के स्वमसेवी लोग जगह जगह कोविड मरीजो के लिए अतिरिक्त बेड स्कूल स्टेडियम, मंदिर परिसर तक मे लगा रहे है। गुरुद्वारा कमेटियों द्वारा संक्रमित मरीजो को भोजन भेज जा रहा है। अपने देश भारत मे इस कोरोना काल में भी आपदा पर राजनीति चरम पर है। दिल्ली सरकार केंद्र पर ऑक्सीजन कम देने का आरोप लगा रही है। उसके मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दिनों प्रधानमंत्री के साथ मुख्यमंत्रियो की बैठक का लाइव प्रसारण तक कर दिया। प्रधानमंत्री के टोकने पर माफी भी मांग ली जबकि दिल्ली सरकार का कार्यालय कह रहा है कि प्रधानमंत्री की बैठक के लाइव प्रसारण का कोई गाइड लाइन ही नही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी अलग राजनीति करते हैं।अब मेडिकल ऑक्सीजन टैंकर चाहिए, का भी उन्होंने विग्यापन दिया है जिसकी अब आलोचना भी हो रही है। दिल्ली हाई कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार का सिस्टम नाकाम बताकर कड़ी टिप्पणी भी की है। कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री अब वेक्सीन की अलग अलग कीमत को लेकर आरोप लगा रहे हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्दव ठाकरे जहां राज्य के सभी लोगो को मुफ्त वेक्सीन देने की बात कह रहे हैं। साथ ही वेक्सीन लेने का ग्लोबल टेंडर भी निकालने की बात कह कर इसमें भी राजनीति का तड़का डाल दिया है। निर्भय सक्सेना पत्रकार मोबाइल 9411005249
बरेली से निर्भय सक्सेना की रिपोर्ट !