दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया उत्पाद शुल्क नीति मामले में सलाखों के पीछे हैं। आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता को जेल में रहते हुए करीब आठ महीने हो गए हैं। सीबीआई और ईडी इस मामले की जांच कर रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले के सिलसिले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। बता दें कि सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों द्वारा जांच की जा रही उत्पाद नीति मामलों में गिरफ्तार किया गया था।
गौरतलब है कि दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया उत्पाद शुल्क नीति मामले में सलाखों के पीछे हैं। आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता को जेल में रहते हुए करीब आठ महीने हो गए हैं।
सीबीआई और ईडी इस मामले की जांच कर रही हैं। लगातार खारिज हो रही जमानत याचिकाओं के बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सीबीआई और ईडी से कहा कि सिसोदिया को अनिश्चित काल तक जेल में नहीं रखा जा सकता।
वहीं, सीबीआई और ईडी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हम दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मामलों में आप को आरोपी बनाने पर विचार कर रहे हैं। जांच एजेंसियों की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि वे शराब नीति अनियमितता मामले में ‘आप’ को आरोपी बनाने पर विचार कर रहे हैं। मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जांच एजेंसियों की ओर से यह दलील दी गई।
इससे पहले क्या हुआ था?
इससे पहले पांच अक्तूबर को आबकारी नीति घोटाले के लाभार्थी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों से गंभीर सवाल पूछे थे। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि लाभार्थी आप को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी क्यों नहीं बनाया गया?
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने यह सवाल तब उठाया, जब भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री और आप नेता मनीष सिसौदिया की दो अलग-अलग जमानत याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की गई, जिसकी जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है।
संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच ईडी द्वारा की जा रही है। ईडी ने दावा किया था कि आम आदमी पार्टी ने 2022 के गोवा विधानसभा चुनावों में अपने अभियान के लिए कई हितधारकों से रिश्वत में मिले 100 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया।
26 फरवरी को गिरफ्तारी, कैबिनेट से इस्तीफा
बता दें कि सिसोदिया को 26 फरवरी को ‘घोटाले’ में उनकी कथित भूमिका के लिए सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। तब से वह हिरासत में हैं। ईडी ने तिहाड़ जेल में उनसे पूछताछ के बाद 9 मार्च को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। गौरतलब है कि इस मामले में विपक्षी दल भाजपा और दिल्ली में सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी के बीच जमकर सियासी बयानबाजी भी होती है।
ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन
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