अद्भुत खगोलीय घटना है सुपरमून
26 मई की रात को आसमान में अद्भुत खगोलीय नजारा दिखाई देगा। पूर्ण चन्द्र ग्रहण के बाद सुपर मून दिखाई देगा। यह गहरे लाल रंग का होता है इसलिए इसे ब्लडी मून भी कहते हैं यह एक खगोलीय घटना है और ऐसा पूर्ण चन्द्र ग्रहण के समय ही घटित होता है।
हम सभी जानते हैं कि हमारी पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है और चन्द्रमा पृथ्वी की। जब परिक्रमा करते हुए पृथ्वी और चन्द्रमा एक ही कक्षा में आ जाते हैं तो पृथ्वी की परछाई चन्द्रमा पर पड़ने लगती है और सूर्य का प्रकाश चन्द्रमा तक नहीं पहुंच पाता है इसलिए चन्द्रमा हमें दिखाई नहीं देता है। इसी को चन्द्र ग्रहण कहते हैं। वर्ष में दो बार परिक्रमा करते हुए पृथ्वी और चन्द्रमा एक ही सीध में आ जाते हैं इसलिए वर्ष में दो बार पूर्ण चन्द्र ग्रहण पड़ता है।
एक ही कक्षा में होने के कारण पूर्ण चन्द्र ग्रहण के समय चन्द्रमा पृथ्वी के सबसे अधिक निकट होता है। इसलिए पृथ्वी से चन्द्रमा का आकार अन्य दिनों की तुलना में बारह फीसदी तक बड़ा दिखाई देता है इसी को सुपर मून कहते हैं।
जब चन्द्रमा धरती की परछाई के पीछे पूरी तरह से ढक जाता है तब इस पर सूरज का कोई प्रकाश नहीं पड़ता है और यह अंधेरे में चला जाता है। लेकिन चन्द्रमा कभी पूरी तरह से काला नहीं होता। यह गहरे लाल रंग का दिखने लगता है। इसलिए पूर्ण चन्द्र ग्रहण को रेड मून या खूनी चांद भी कहते हैं।
26 मई की शाम के बाद जैसे ही अंधेरा बढ़ेगा ये सुपर मून अपने ग्रहण की ओर आगे-आगे जाएगा। जैसे-जैसे पूर्ण चन्द्र ग्रहण होगा चन्द्रमा पूरा खूनी लाल रंग का दिखाई देगा। उस समय यह खगोलीय नजारा देखने लायक होगा। भारत के पश्चिमी क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में थोड़ी अवधि के लिए इस चन्द्र ग्रहण को देखा जा सकता है। आस्टेªलिया, पूर्वी एशिया के देशों प्रशान्त महासागर के निकट स्थिति देशों और अमेरिका महाद्वीप के देशों में चन्द्र ग्रहण पूर्ण दिखाई देगा।
सुरेश बाबू मिश्रा
सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य, बरेली
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बरेली से निर्भय सक्सेना की रिपोर्ट !