सुदामा चरित्र सुन भवभ्योर हुए श्रोता !

सुभाष नगर के तपेश्वर नाथ मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ सप्तहा के अंतिम दिन कथा व्यास पंडित अतुलेश्वर सनाढ्य ने सुखदेव जी की विदाई, श्रीमद्भागवत का आवरण, सुदामा चरित्र का प्रसंग सुनाया जिससे सुनकर श्रोता भावभ्योर हो गए और अंत मे भगवान राधाकृष्ण के भजनों पर भक्तगण अपने आप को ना रोक सकें और पंडाल में थिरकने गए साथ ही और फूलों की होली खेली गई।

कथा व्यास पंडित अतुलेश्वर सनाढ्य ने सुदामा चरित्र का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि गुरु के साथ कपट और मित्र के संग चोरी करने वाला दरिद्र हो जाता है और उसे कुष्ठ रोग हो जाता है। आश्रम में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान सुदामा ने अपने मित्र कृष्ण की नजर बचाकर गुरु के दिए चने अकेले ही खा लिए जिस कारण वह दरिद्रता को प्राप्त हुए। सुदामा ने एक दिन पत्नी को अपनी और भगवान कृष्ण की दोस्ती के बारे में बताया तो सुदामा की पत्नी ने उन्हें कृष्ण जी के पास जाकर जीवन निर्वाह के लिए कुछ धन लाने को कहा। द्वारिकापुरी में भगवान कृष्ण ने बचपन के मित्र सुदामा की खूब खातिरदारी की और सुदामा के प्रेम में मगन होकर आंसुओं से उनके पैर धो डाले। इसके बाद भगवान ने सुदामा को अलौकिक वरदान देकर घर भेजा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीजेपी के छेत्रीय मंत्री श्री उमेश कठेरिया रहे।,पार्षद अविनाश कुमार (छोटे योगी)। एवं अमित गिहार,विकास पासवान, सुमित पांडये, संजीव शर्मा आदि रहे। कार्यक्रम में विशेष योगदान डॉ धर्मेंद्र सक्सेना, संजय कठेरिया, शिवम सक्सेना, हैप्पी कठेरिया, सौरभ कठेरिया, विशन शर्मा, उज्जल सक्सेना, एवं सुधांशू शर्मा रहे।

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