स्पेशल टास्क फोर्स, उत्तर प्रदेश, लखनऊ।* *प्रेस-नोट सं0ः 291, दिनांकः 24-09-2019* *बी0एस0ए0 जनपद सिद्धार्थनगर के ‘स्टेनो’ को रिश्वत की धनराशि एवं कूटरचित/फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के साथ तथा फर्जी अभिलेखों के आधार पर अध्यापक के पद पर नियुक्ति पाये 01 अध्यापक सहित 05 व्यक्तियों को एस0टी0एफ0 ने जनपद गोखरपुर से किया गिरफ्तार।
स्पेशल टास्क फोर्स, उत्तर प्रदेश, लखनऊ।* *प्रेस-नोट सं0ः 291, दिनांकः 24-09-2019* *बी0एस0ए0 जनपद सिद्धार्थनगर के ‘स्टेनो’ को रिश्वत की धनराशि एवं कूटरचित/फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्रों के साथ तथा फर्जी अभिलेखों के आधार पर अध्यापक के पद पर नियुक्ति पाये 01 अध्यापक सहित 05 व्यक्तियों को एस0टी0एफ0 ने जनपद गोखरपुर से किया गिरफ्तार।*
दिनंाकः 23-09-2019 को एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश, को बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी/दूसरे के शैक्षिक प्रमाण पत्रों पर सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी कर रहे 01 अध्यापक व ‘स्टेनो‘ सहित 05 व्यक्तियों को जनपद गोरखपुर से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। *गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण-* 1-हरेन्द्र कुमार सिंह पुत्र स्व0 जगदीश सिंह निवासी कसदेवा कुंवर थाना हरैया, जनपद बस्ती। (स्टेनो) 2-सच्चिदानन्द पाण्डेय पुत्र अवधेश पाण्डेय निवासी-बरवा बांवर, थाना अहिरौली,जनपद कुशीनगर। (अध्यापक) 3-चन्द्रदेव पाण्डेय पुत्र देवशरण पाण्डेय, निवासी जमुथा, थाना तरबगंज, जनपद-गोण्डा। 4-बाबू लाल चैधरी पुत्र स्व0 रामकिशोर चैधरी निवासी रतनपुर, थाना गौरा चैराहा, जनपद बलरामपुर। 5-अवधेश मिश्रा पुत्र स्व0 हौसला प्रसाद मिश्रा निवासी मानबेला, पोस्ट-झुंगिया बाजार, थाना चिलुआताल, जनपद गोरखपुर। *बरामदगी-* 1. भारी मात्रा में अंक पत्र/प्रमाण-पत्र/नोटिस 2. रू0 2,50,000/- रिश्वत का। 3. 09 अद्द मोबाइल 4. 16,260/- रूपये नगद। 5. एक अदद स्कार्पियों गाडी संख्या-यू0पी032 एफ0एच0 9619 एस0टी0एफ0, उ0प्र0 को विगत दिनों से बेसिक शिक्षा विभाग में कूटरचित शैक्षिक प्रमाण पत्रों का प्रयोग कर सहायक अध्यापक के पद पर शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की मिली भगत से अयोग्य व्यक्तियों की नियुक्ति कर नौकरी किये जाने के सम्बन्ध में सूचनाये प्राप्त हो रही थी, इस सम्बन्ध में श्री राजीव नारायण मिश्र, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ, उ0प्र0 द्वारा एस0टी0एफ0 फील्ड इकाई गोरखपुर को अभिसूचना सकंलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया, जिसके अनुपालन में अपर पुलिस अधीक्षक श्री सत्यसेन यादव एवं पुलिस उपाधीक्षक, श्री विनोद कुमार सिंह के पर्यवेक्षण मंे श्री सत्य प्रकाश सिंह, निरीक्षक, एस0टी0एफ0 फील्ड इकाई, गोरखपुर के नेतृत्व में आरक्षी आशुतोष कुमार तिवारी द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसूचना तंत्र को सक्रिय किया गया। अभिसूचना संकलन से ज्ञात हुआ कि जनपद सिद्धार्थनगर के बी0एस0ए0 के स्टेनो हरेन्द्र कुमार सिंह द्वारा बर्खास्त हो चुके शिक्षकों को बचाने हेतु रिश्वत लेकर अनुचित लाभ पहुचाया जा रहा है। दिनांक 23.09.2019 को मुखबिर खास द्वारा सूचना प्राप्त हुई कि ‘स्टेनो’ हरेन्द्र कुमार सिंह अनुपयुक्त शिक्षक को बचाने के लिये रिश्वत लेने गोरखपुर क्लब के पास आयेगा, इस सूचना पर एसटीएफ टीम द्वारा शीघ्र कार्यवाही करते हुये रात्रि 21.00 बजे गोरखपुर क्लब के पास से स्कार्पियो गाड़ी में बैठे उपरोक्त पांचों व्यक्तियों को पकड़ लिया गया। जिनके कब्जे से उपरोक्त बरामदगी हुई। पूछताछ पर ‘स्टेनो’ हरेन्द्र सिंह उपरोक्त ने बताया कि उसने समाजसेवी फहीम खान के नाम से फर्जी लेटर पैड बनवाया है, ‘स्टेनो’ होने के कारण उसे पता चल जाता है कि कौन सा शिक्षक गलत ढ़ंग से भर्ती है उन शिक्षकों की जाॅच कराने के लिये फहीम खान के नाम से प्रार्थना-पत्र देता है और अपने साथियों के साथ मिलकर बर्खास्त होने और जेल जाने का भय दिखा कर पैसा वसूलता है तथा परिस्थितियों के अनुसार प्रार्थना-पत्र वापस ले लेता है। हरेन्द्र सिंह के कब्जे से उसके स्थानान्तरण का पत्र मिला जिसमें भ्रष्टाचार का आरोप होने के कारण उसका स्थानान्तरण टीचर ट्रेनिंग सेन्टर, एकौना जनपद-श्रावस्ती कर दिया गया था। उसके पास से बी0एस0ए0 सिद्धार्थनगर की तरफ से स्थानान्तरण रूकवाने का एक पत्र भी प्राप्त हुआ है। जिन 29 शिक्षकों को कुछ दिन पूर्व अभिलेखों का सत्यापन में फर्जी पाया गया था जिस कारण उन्हे बर्खास्त किया गया, उन शिक्षको के अभिलेखों के पुनः सत्यापन हेतु नोटिस भेजा गया तथा नोटिस के जवाब में यह लिखा गया कि टी0ई0टी0 का वर्ष-2011 व 2013 का है जिससे शासन स्तर पर मामला लम्बित हो जाये इसी बीच टी0ई0टी0 को सही करवाकर पुनः नियुक्ति दिलवा दिया जाये। पूछताछ पर यह भी बताया कि इस काम के लिये राकेश सिंह निवासी-कोइचवर देवरिया ने मुझे पाॅच लाख रूपये मिले थे तथा मेरे एक विभागीय उच्चाधिकारी को भी रू0 10 लाख दिया था। रिश्वत के पैसो को उधार चुकाने एवं लोन भरने में खर्च कर दिया। हिमांशु सिंह निवासी-प्रतापगढ़ ने भी कई शिक्षको को फर्जी तरीके से भर्ती कराया है, सच्चिादानन्द पाण्डेय ने बताया कि मेरा डी0एल0एड0 एवं टी0ई0टी0 का अंकपत्र फर्जी है, मैने कई अन्य लोगों को पैसा लेकर शिक्षक पद पर भर्ती भी कराया है, इसी के सम्बन्ध में ‘स्टेनो’ को रिश्वत देने आया था। अन्य कई अनुपयुक्त शिक्षकों के बारे में पूछताछ पर बताया, जिसके सम्बन्ध में अलग से कार्यवाही की जा रही है। साथ ही अवेधश मिश्रा ने बताया कि मेरी पत्नी प्रतिभा मिश्रा फर्जी दस्तावेज के आधार पर शिक्षक हैं, जिसको सही कराने के लिये ‘स्टेनो’ से रिश्वत देने आया था। बरामद दस्तावेजों एवं पूछताछ से अन्य कई फर्जी शिक्षकों के बारे में प्राप्त जानकारी के सम्बन्ध में अलग से छानबीन/कार्यवाही की जा रही है। गिरफ्तार अभियुक्तो के विरूद्ध मु0अ0सं0-914/2019 धारा-419/420/467/468 /471/120बी भा0द0वि0 व 7/13 भ्रष्टाचार अधिनियम थाना कैण्ट जनपद गोरखपुर पंजीकृत कराया गया। अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।