16 नवम्बर यमद्वितीया भगवान चित्रगुप्त जयंती पर विशेष: क्यों कायस्थ 24 घंटे के लिए नहीं करते कलम का उपयोग?

जब भगवान राम के राजतिलक में निमंत्रण छूट जाने से नाराज भगवान् चित्रगुप्त ने रख दी थी कलम !!उस समय परेवाकाल शुरू हो चुका था।परेवा के दिन कायस्थ समाज कलम का प्रयोग नहीं करते हैं यानी किसी भी तरह का का हिसाब – किताब नहीं करते हैंआखिर ऐसा क्यों है ?
कि पूरी दुनिया में कायस्थ समाज के लोग दीपावली के दिन पूजन के बाद कलम रख देते हैं और फिर यमदुतिया के दिन कलम- दवात के पूजन के बाद ही उसे उठाते हैं Iइसको लेकर सर्व समाज में कई सवाल अक्सर लोग कायस्थों से करते हैं ?
जब इसकी खोज की गई तो इससे सम्बंधित एक बहुत रोचक घटना का संदर्भ हमें किवदंतियों में मिला I

कहते हैं जब भगवान् राम दशानन रावण को मारकर अयोध्या लौट रहे थे, तब उनके खडाऊं को राजसिंहासन पर रख कर राज्य चला रहे राजा भरत ने गुरु वशिष्ठ को भगवान् राम के राज्यतिलक के लिए सभी देवी देवताओं को सन्देश भेजने की व्यवस्था करने को कहा I गुरु वशिष्ठ ने ये काम अपने शिष्यों को सौंपकर राज्यतिलक की तैयारी शुरू कर दी।
ऐसे में जब राज्यतिलक में सभी देवी देवता आ गए तब भगवान् राम ने अपने अनुज भरत से पूछा भगवान चित्रगुप्त नहीं दिखाई दे रहे हैं इस पर जब खोज बीन हुई तो पता चला की गुरु वशिष्ठ के शिष्यों ने भगवान चित्रगुप्त को निमत्रण पहुंचाया ही नहीं था जिसके चलते भगवान् चित्रगुप्त नहीं आये I इधर भगवान् चित्रगुप्त सब जान चुके थे और इसे प्रभु राम की महिमा समझ रहे थे । फलस्वरूप उन्होंने गुरु वशिष्ठ की इस भूल को अक्षम्य मानते हुए यमलोक में सभी प्राणियों का लेखा जोखा लिखने वाली कलम को उठा कर किनारे रख दिया I

सभी देवी देवता जैसे ही राजतिलक से लौटे तो पाया कि स्वर्ग और नरक के सारे काम रुक गये थे , प्राणियों का लेखा जोखा न लिखे जाने के चलते ये तय कर पाना मुश्किल हो रहा था कि किसको कहाँ भेजें।
तब गुरु वशिष्ठ की इस गलती को समझते हुए भगवान राम ने भगवान चित्रगुप्त की स्तुति की और गुरु वशिष्ठ की गलती के लिए क्षमायाचना की, जिसके बाद भगवान राम के आग्रह को मानकर भगवान चित्रगुप्त ने लगभग ४ पहर यानी २४ घंटे बाद पुन: कलम दवात की पूजा करने के पश्चात उसको उठाया और प्राणियों का लेखा -जोखा लिखने का कार्य आरम्भ किया I कहते हैं तभी से कायस्थ दीपावली की पूजा के पश्चात कलम को रख देते हैं और यमद्वितीया के दिन भगवान चित्रगुप्त का विधिवत कलम दवात पूजन करके ही कलम को धारण करते हैं।

प्रस्तुति: सुरेन्द्र बीनू सिन्हा, 326, कहरवान, बिहारीपुर,, बरेली मो.9412067488

 

ब्यूरो चीफ ऑल राइट्स न्यूज़ !

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